उत्तर प्रदेश स्थित वाराणसी में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय अंतर्गत आईआईटी बीएचयू में आयोजित लिट क्लब को लेकर वैज्ञानिक, कवि और डॉक्यूमेंट्री फिल्म मेकर गौहर रजा ने गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका दावा है कि आईआईटी बीएचयू द्वारा आयोजित किए जाने वाले लिट क्लब में उनका आमंत्रण दबाव में रद्द कर दिया गया.उन्हें मंगलवार यानी 23 सितंबर को लिट क्लब के एक सत्र में ऑनलाइन माध्यम से हिस्सा लेना था. गौहर रजा ने इस संदर्भ में एक फेसबुक पोस्ट किया और उस ई-मेल का भी जिक्र किया जिसके जरिए उन्हें सत्र रद्द करने की सूचना दी गी.
एक फेसबुक पोस्ट में 23 सितंबर 2025 को गौहर रजा ने लिखा कि मुझे आज, 'साहित्य, विज्ञान और सामाजिक चेतना' पर IIT, BHU के LIT Club की तरफ़ से आयोजित प्रोग्राम में बोलना था. सुबह ईमेल खोला तो पता लगा प्रोग्राम कैंसिल हो गया. वजह जानने की कोशिश की, पता चला कि वही पुराना राग है: एक फैकल्टी मेम्बर ने मेरे नाम को लेकर एतराज किया और फिर आयोजकों पर टूट पड़े.
इसी फेसबुक पोस्ट में एक ईमेल का जिक्र किया. बकौल गौहर इस मेल में लिखा था- आदरणीय, अपरिहार्य कारणों से पूर्व आयोजित सतर रद्द कर दिया गया है. इससे हुई किसी भी असुविधा के लिए मैं क्षमा चाहता हूं.
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किस विषय पर बोलने वाले थे गौहर रजा?
गौहर का सेशन गूगल मीट के माध्यम से 23 सितंबर 2025 को शाम 6 बजे आयोजित होना था. IIT BHU लिट क्लब द्वारा एक फेसबुक पोस्ट के अनुसार गौहर रजा को CONFLUENCE OF LITERATURE, SCIENCE AND CONSCIOUSNESS विषय पर अपनी बात रखनी थी.
पोस्ट के निचले हिस्से में गौहर रजा के संदर्भ में लिखा गया था-एक भारतीय वैज्ञानिक जिन्होंने उर्दू कवि, सामाजिक कार्यकर्ता और डॉक्यूमेंट्री फिल्म मेकर के रूप में भी अपनी पहचान बनाई।CSIR के राष्ट्रीय विज्ञान संचार संस्थान में मुख्य वैज्ञानिक के तौर पर सेवारत. जनता के बीच वैज्ञानिक सोच को लोकप्रिय बनाया. कविता संग्रह 'जज़्बों की लौ तेज करो' को हिंदी अकादमी का रचनात्मक साहित्य पुरस्कार मिला. पोस्ट में गौहर रजा को- तर्क, संस्कृति और सामाजिक परिवर्तन की अनूठी आवाज भी बताया गया.