गाजीपुर के मुहम्मदाबाद सीट से पूर्व विधायक सिबगतुल्लाह अंसारी ने हाईकोर्ट द्वारा अब्बास अंसारी की सजा पर रोक लगाए जाने पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि यह न्याय की जीत है और न्यायपालिका पर लोगों का भरोसा और मजबूत हुआ है.
सिबगतुल्लाह अंसारी, मुख्तार अंसारी के सबसे बड़ा भाई और अब्बास अंसारी के ताऊ हैं. उन्होंने अब्बास अंसारी की सजा पर रोक के आदेश पर कहा कि कोर्ट के इस आदेश से लोगों का न्यापालिका पर भरोसा मज़बूत हुआ है और न्याय की जीत हुई है. हमें भरोसा था कि हमें इंसाफ ज़रूर मिलेगा. हम बेकसूर हैं. हाईकोर्ट ने इंसाफ किया है.
हाईकोर्ट के आदेश पर जताई खुशी
पूर्व विधायक ने उम्मीद जताई कि कोर्ट के इस आदेश के बाद अब अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता भी बहाल हो जाएगी. अब्बास अंसारी को लोअर कोर्ट से सजा दिलाने के लिए स्पेशल जज लाए गए थे और उन्हें सजा करायी गई थी.
सिबगतुल्लाह ने इस दौरान मुख्तार के छोटे बेटे उमर अंसारी की फर्जी हस्ताक्षर मामले में गिरफ्तारी पर भी जवाब दिया और कहा कि इस मामले में किसी एक्सपर्ट से राय नहीं ली गई. उन्होंने आरोप लगाया कि उमर को बिना सबूत के आरोपी बनाया गया और जेल में डाल दिया गया.
'उमर अंसारी के साथ बड़े अपराधी जैसा व्यवहार'
उन्होंने आरोप लगाया कि जेल में उमर के साथ बड़े अपराधियों से भी ज्यादा बुरा व्यवहार किया जा रहा है. उनके वकील उमर की बेगुनाही का सबूत देने के लिए तैयार हैं. फर्जी हस्ताक्षर को लेकर किसी एक्सपर्ट से कोई ओपिनियन नही ली गयी. हमें भरोसा है कि जल्द ही उमर को भी जमानत मिल जाएगी. बता दें कि बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हेट स्पीच मामले में अब्बास अंसारी को निचली अदालत से मिली दो साल की सजा को रद्द कर दिया है. जिसके बाद अब उनकी विधायकी फिर से बहाल होने के क़यास लगने शुरू हो गए हैं. हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद अब मऊ सीट पर विधानसभा उपचुनाव नहीं होगा.
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