फिरोजाबाद जिला अदालत ने मूक बधिर लड़की के साथ दुष्कर्म के मामले में आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए 1 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. जनपद के थाना नगला सिंघी क्षेत्र में वर्ष 2023 में दर्ज दलित लड़की से दुष्कर्म के एक मामले में अदालत ने सोमवार को अपना फैसला सुनाया. ऑपरेशन कन्विक्शन के तहत पुलिस की प्रभावी पैरवी के चलते दोषी को आजीवन कारावास की सजा के साथ एक लाख रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया.
ऑपरेशन कन्विक्शन के तहत मिली सख्त सजा
फिरोजाबाद पुलिस की सोशल मीडिया सेल और विशेष लोक अभियोजक नरेंद्र सिंह सोलंकी ने बताया कि मामला नगला सिंघी थाने में रेप और एससीएसटी एक्ट के तहत दर्ज किया गया था. अभियुक्त विपिन उर्फ विपन पुत्र अतिराज उर्फ ददुआ, निवासी ग्राम टीकरी, थाना नगला सिंघी, जनपद फिरोजाबाद को 15 दिसंबर 2025 को न्यायालय ने दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है.
घटना का विवरण और केस दर्ज होने की प्रक्रिया
पुलिस के मुताबिक 13 अक्टूबर 2023 को दोपहर करीब 2:45 बजे 16 साल की मूक-बधिर लड़की अपने घर से अकेले बकरी चराने के लिए गई थी. शाम करीब 4 बजे पीड़िता के घायल अवस्था में खेत में पड़े होने की सूचना पर परिजन उसे इलाज के लिए ट्रॉमा सेंटर फिरोजाबाद लेकर पहुंचे. मामले में 14 अक्टूबर 2023 को थाना नगला सिंघी पर मुकदमा दर्ज किया गया था.
केवल 33 दिन में पुलिस ने दाखिल की चार्जशीट विवेचना के दौरान यह बात सामने आई कि पीड़िता अनुसूचित जाति से तथा अभियुक्त पिछड़ी जाति से संबंधित है. इसके बाद मामले में एससी/एसटी एक्ट की धाराएं भी जोड़ी गईं. तत्कालीन थानाध्यक्ष कृपाल सिंह एवं क्षेत्राधिकारी टूंडला अनिवेश कुमार ने जांच करके साक्ष्य इकट्ठा किये. अभियुक्त को 19 अक्टूबर 2023 को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. केवल 33 दिन में चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की गई.
जांच, चार्जशीट और न्यायिक कार्रवाई
अपर पुलिस अधीक्षक नगर के पर्यवेक्षण एवं क्षेत्राधिकारी टूंडला के नेतृत्व में थाना नगला सिंघी पुलिस टीम, मॉनिटरिंग सेल और अभियोजन पक्ष ने केस की पैरवी की. सोमवार को अदालत ने आरोपी को आजीवन कारावास और एक लाख रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है. इस मामले में विवेचक क्षेत्राधिकारी टूंडला अनिवेश कुमार, विशेष लोक अभियोजक नरेंद्र सिंह सोलंकी की विशेष भूमिका रही. विवेचक अनिवेश कुमार ने बताया कि शासन और पुलिस मुख्यालय की मंशा के अनुसार दोषियों को ऑपरेशन कनविक्शन के तहत सलाखों के पीछे भेजना और उन्हें सजा दिलाना प्राथमिकता है इसी के अंतर्गत पीड़ित को न्याय और दोषी को सजा दिलाने के लिए लगातार पर भी की गई इस मामले में 33 दिन के भीतर चार सीट दाखिल की गई थी अब माननीय न्यायालय द्वारा दोषी को आजीवन कारावास के साथ एक लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई है.