लखनऊ: महानगर में हनुमान सेतु के पास करोड़ों की जमीन पर कब्जा करके वहां कबाड़ियों को बसाने के मामले में कैसरबाग के डिवाइन अपार्टमेंट में रहने वाले मोहम्मद फरहान भाटी और उसके भाई सेठ बशीर अहमद भाटी के खिलाफ एलडीए ने एफआईआर दर्ज कराई है.


कबाड़ की दुकानें लगवाकर करते थे वसूली
एलडीए के अधिकारियों का कहना है कि दोनों भू-माफिया हैं और नजूल की जमीन पर कब्जा करके वहां पर कबाड़ की दुकानें लगवाकर वसूली करते थे. करीब 10 साल से उस बेशकीमती जमीन पर कबाड़ रखने वालों से मोटा किराया भी वसूला जा रहा था. दोनों ने फर्जी तरीके से जमीन पर अपनी दावेदारी भी जताई और एलडीए को करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान पहुंचाया. अब पुलिस इस मामले की जांच कर रही है.


जमीन सरकार के खाते में आ गई
एलडीए के अमीन दिलीप कुमार ने बताया कि जिस जमीन पर कब्जे का आरोप है, वो सरकारी अभिलेखों में नजूल भूमि के रूप में दर्ज है. ये जमीन हनुमान सेतु मंदिर के पास बीरबल साहनी मार्ग में स्थित है. इस जमीन का पट्टा सहकारी आवास समिति के नाम पर दिया गया था. ये पट्टा वर्ष 2011 में समाप्त हो गया. इसके बाद जमीन फिर से सरकार के खाते में आ गई.


जांच में हुआ खुलासा
मोहम्मद फरहान भाटी और उसके भाई सेठ बशीर अहमद भाटी ने फर्जी दस्तावेज बनाकर जमीन को अपना बताते हुए वहां पर कबाड़ियों का कब्जा करा दिया और उनसे नियमित रूप से किराया भी वसूलते रहे. मामले की जानकारी पाकर एलडीए ने जांच कराई तो खेल का खुलासा हुआ.


दर्ज कराई गई एफआईआर
जांच में मोहम्मद फरहान भाटी और उसके भाई सेठ बशीर अहमद भाटी को दोषी पाते हुए दोनों के खिलाफ महानगर कोतवाली में धोखाधड़ी और सरकारी संपत्ति पर कब्जे की धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई गई है. पुलिस दोनों की गिरफ्तारी की तैयारी कर रही है. एलडीए ने दो दिन पहले ही इस बेशकीमती जमीन से कब्जा हटवाकर उसे खाली कराया है.


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