Fatehpur Lok Sabha Election 2024: फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट ब्रज क्षेत्र में आती है. फतेहपुर सीकरी लोकसभा मुगलकालीन स्मारकों, बुलंद दरवाजा और शेख सलीम चिश्ती की दरगाह के लिए विख्यात है. फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट पर चुनाव रोचक रहता है. फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट के चुनाव परिणाम पर सभी की नजरे रहती है क्योकि फतेहपुर सीकरी का चुनाव परिणाम आस पास कई लोकसभा सीट पर असर डालता है. फतेहपुर सीकरी से आस पास की लोकसभा सीट पर यहाँ आये परिणाम का असर नजर आता है. 

 

फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट पर अब तक तीन लोकसभा चुनाव हो चुके है. फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट आगरा जनपद में आती है तो फतेहपुर सीकरी की चुनावी हवा का असर आगरा लोकसभा सीट पर भी नजर आता है. फतेहपुर सीकरी की जनता ने पिछले दो लोकसभा चुनाव में एक ही दल को चुना है. फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट नए परिसीमन 2008 में गठन हुआ और फतेहपुर सीकरी लोकसभा अस्तित्व आई हैं.अब फतेहपुर सीकरी लोकसभा प्रदेश की राजनीति पर असर डालती है और अपना प्रभाव रखती है.

 

दो लोकसभा चुनाव से बीजेपी का कब्जा

फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट पर राजनीतिक दलों की बात करे तो कांग्रेस, भाजपा, बसपा , समाजवादी पार्टी और आरएलडी अपनी तागत के साथ चुनावी मैदान में उतरते है. 2008 से फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट अस्तित्व आयी और अब तीन लोकसभा चुनाव हो गए है. फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट पर सबसे पहले चुनाव जीतने का इतिहास बसपा के नाम दर्ज है. फतेहपुरी सीकरी लोकसभा सीट पर सबसे पहले बसपा ने चुनाव जीता और इतिहास में अपना नाम दर्ज किया. फतेहपुर सीकरी पर बसपा का कब्ज़ा केवल एक ही चुनाव में रहा उसके बाद लगातार दो बार से फतेहपुर सीकरी सीट भाजपा का कब्ज़ा बना हुआ है. 

 

2008 में यह सीट अस्तित्व में आई

फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट 2008 से अस्तित्व में आई. नए परिसीमन में फतेहपुर सीकरी लोकसभा का गठन हुआ था. फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट पर तीन चुनाव हो चुके है. फतेहपुर सीकरी लोकसभा की जनता अपने सांसद का चुनाव करने में माहिर है जिसे पसंद करते है उसे मौका देते है और चुनाव जीतकर सदन पहुंचा देते है. फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट पर सबसे पहला चुनाव जीतने का इतिहास बसपा के नाम बना है , 2009 में फतेहपुर सीकरी में पहला लोकसभा चुनाव हुआ जिसमे बसपा ने सभी दलों को पछाड़ कर जीत अपने नाम की थी.

 

पहला चुनाव था बड़ा रोचक

फतेहपुर सीकरी की जनता ने पहले चुनाव में जीत का सेहरा बसपा के सिर बांधा और बसपा प्रत्याशी को जीता कर सदन भेजा. 2009 लोकसभा चुनाव फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट के लिए पहला चुनाव था. पहले चुनाव में बसपा ने उस समय के बसपा के कद्दावर नेता रामवीर उपाध्याय की पत्नी को टिकट देकर मैदान में उतारा था तो वही कांग्रेस ने सिनेमा अभिनेता राज बब्बर को टिकट दिया था. भाजपा ने भदावर राज घराने के राजा महेंद्र अरिदमन सिंह को प्रत्याशी बनाया था. सपा के रघुराज सिंह शाक्य मैदान थे. फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट का पहला ही चुनाव बड़ा रोचक रहा था.

 

पहले चुनाव में बसपा ने मारी बाजी

बसपा प्रत्याशी के रूप रामवीर उपाध्याय की पत्नी सीमा उपाध्याय ने और कांग्रेस प्रत्याशी राज बब्बर के बीच सीधी लड़ाई नजर आयी. सीमा उपाध्याय को राज बब्बर ने कड़ी टक्कर दी पर जनता से बसपा प्रत्याशी सीमा  उपाध्याय को फतेहपुर सीकरी सरताज बना दिया. इस कड़ी चुनावी लड़ाई में बसपा की सीमा उपाध्याय ने 30.1 प्रतिशत वोट पाकर जीत दर्ज तो वही कांग्रेस के राज बब्बर 28.7 प्रतिशत वोट पाकर दूसरे नंबर आये. 2009 के लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को 22 प्रतिशत मत मिले और सपा प्रत्याशी को करीब 15 प्रतिशत वोट मिले.

 

2014 के चुनाव में बीजेपी ने जीत हासिल की

फतेहपुर सीकरी की जनता ने 2014 के हुए लोकसभा चुनाव में पासा पलट दिया और 2014 में जीत का सहरा भाजपा के सिर बंधा. 2014 के चुनाव में भाजपा ने चौधरी बाबूलाल को मैदान में उतारा तो वही बसपा ने एक बार फिर सीमा उपाध्याय को टिकिट देकर खड़ा किया पर लोकतंत्र में सबसे चाल जनता के हाथ में होती है. फतेहपुरी सीकरी की जनता 2014 में भाजपा प्रत्याशी चौधरी बाबूलाल का भरपूर प्यार दिया और भाजपा के चौधरी बाबूलाल को करीब 44 प्रतिशत वोट देकर सदन पंहुचा दिया.जबकि बसपा की सीमा उपाध्याय को करीब 26 प्रतिशत वोट मिले और हार का सामना करना पड़ा.

 

2019 में भी बीजेपी के हिस्से में आई सीट

फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट पर 2019 के लोकसभा सीट पर भाजपा का कब्ज़ा बरकरार रहा. 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने अपने सांसद का टिकट काट दिया और भाजपा नेता राजकुमार चाहर को प्रत्याशी बनाया.  2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने राजकुमार चाहर को मैदान में उतारा. कांग्रेस ने फिर से सिनेमा अभिनेता राज बब्बर को फिर मौका दिया और चुनावी मैदान में उतारा. वही सपा बसपा गठबंधन के प्रत्याशी श्री भगवान शर्मा उर्फ़ गुड्डू पंडित को टिकिट दिया पर जीत भाजपा के हिस्से में आई.

 

2024 का चुनाव का जनता करेगी फैसला

भाजपा के राजकुमार चाहर ने 2019 के लोकसभा चुनाव में बड़ी जीत दर्ज की और 64 प्रतिशत वोट पाकर पहले नंबर रहे. जबकि कांग्रेस के राज बब्बर को केवल 17 प्रतिशत ही वोट मिले और चुनाव हार गए. फतेहपुर लोकसभा सीट पर अभिनेता राज बब्बर का जादू नहीं चल पाया. अब 2024 का लोकसभा चुनाव आ चुका है. भाजपा ने एक बार फिर सांसद राजकुमार चाहर पर भरोसा जताया है.फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट पर प्रत्याशी घोषित किया है. अब बाजी फतेहपुर सीकरी की जनता के हाथ में है. 

 

फतेहपुर सीकरी में पांच विधानसभा सीट 

फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट को अगर विधानसभा के नजरिये से देखे तो फतेहपुर सीकरी लोकसभा में पांच विधानसभा आती है.फतेहाबाद विधान सभा, बाह विधानसभा , फतेहपुर सीकरी विधानसभा, खेरागढ़ विधानसभा और आगरा ग्रामीण विधानसभा शामिल है. फतेहपुर सीकरी लोकसभा में आने वाली पांचो विधानसभा सीट पर अभी भाजपा का कब्जा है और पिछले चुनाव के आधार पर देखे तो फतेहपुर सीकरी की जनता भाजपा के साथ खड़ी नजर आई है.

 

क्या है फतेहपुर सीकरी लोकसभा का जातीय समीकरण

फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट पर 19 लाख से अधिक मतदाता है जो अपने संसद सदस्य का चुनाव करते है. पिछले चुनाव के अगर आंकड़ों के अनुसार बात करें तो आगरा लोकसभा 2019 के चुनाव में भाजपा को 64% से अधिक मत मिले थे. कांग्रेस को करीब 17 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे जबकि सपा और बसपा के गठबंधन को करीब 15% वोट हासिल हुए थे. फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट पर 2019 में भाजपा ने जीत दर्ज की थी. 

 

फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट पर जातिगत आंकड़ों की बात करे तो क्षत्रिय वोट की संख्या अधिक है. ब्राह्मण वोट की संख्या भी प्रभावी है. जाट वोटर भी फतेहपुर सीकरी लोकसभा पर निर्णायक भूमिका में है. जबकि लोधी व निषाद वोट भी है. दलित वोट की भी हिस्सेदारी है और मुस्लिम वोट भी फतेहपुर सीकरी सीट पर है जो फतेहपुर सीकरी सांसद का चुनाव करता है.