Fatehpur News: यूपी के फतेहपुर जिले में इस बार समय से पड़ी भीषण गर्मी की वजह से जिले में हुए अग्निकांड से किसानों के खेत मे लगी गेहूं की फसल जलकर राख हो गई. किसानों के जले फसल का जिला प्रशासन ने राजस्व टीम लगाकर सर्वे तो करा लिया लेकिन मुआवजा अभी तक नहीं मिला है. कुछ ऐसे किसान भी हैं जिनकी बेटी की शादी रुक गई और कुछ किसानों के परिवार में गंभीर बीमारी का इलाज भी रुक गया है. ऐसे कुछ लोगों ने अपनी दास्तां साझा की है. 

मुआवजा नहीं मिलने से हो रही परेशानी

फ़तेहपुर जिले में सबसे ज्यादा बिंदकी तहसील का टिकरी, जोनिहा और कोरवा गांव है जहां 9 अप्रैल को खेत में लगी आग से 300 बीघा गेहूं की फसल जली थी. जिसमें दो दर्जन किसानों की फसल जलकर राख हुई थी. फसल जलने के बाद मुआवजे के लिए किसानों ने ऑनलाइन आवेदन कर दिया था. लेकिन उसके बाद भी कोई मुआवजा अभी तक नहीं मिला है.

एक किसान परिवार तो ऐसा है कि खेत पिता के नाम पर है और पिता 10 साल से गायब है. जिस कारण उसकी पत्नी को मुआवजा नहीं मिला. पीड़ित महिला संगीता देवी पत्नी जयपाल के ढाई बीघा खेत में लगी फसल जलकर राख हो गई थी. बड़ी बेटी पूजा देवी की शादी तय थी जो अब रुक गई है.

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पैसा नहीं होने से रुका इलाज

इस महिला किसान की आग लगने से पिछले साल भी फसल जली थी और इस बार भी खेत में आग लग गई. पीड़ित महिला किसान ने बताया कि दो लाख का कर्ज है. बच्चों की पढ़ाई और घर का खर्च भी है. उन्होंने बताया खुद की किडनी का इलाज दो साल से चल रहा है. एक माह से पैसा नहीं होने से इलाज बंद है. तहसील में सारे कागज जमा करने के बाद भी मुआवजा नहीं मिला. उन्होंने कहा, डेढ़ लाख रुपया लगता है लेकिन 30 हजार दिया जा रहा इससे क्या होगा. वो कर्ज लेकर किडनी का इलाज करा रही हैं.

किसान परेशान

टिकरी गांव के रहने वाले महादेव (56 साल) बटाई में खेत लेकर तीन बीघा गेहूं की फसल लगाए थे जो आग की भेंट चढ़ गई थी. महादेव अपने इलाज को लेकर परेशान दिखे और कहा कि अब इलाज नहीं हुआ तो वह जिंदा नहीं बच पायेगा. टिकरी गांव में करीब एक दर्जन से ज्यादा किसान हैं जो कर्ज से परेशान दिखे.

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