इटावा बाढ़ग्रस्त इलाकों में ग्रामीणों के पास पहुंचे इटावा सांसद रामशंकर कठेरिया ने चौपाल लगाकर ग्रामीणों से हुए नुकसान के बारे में जानकारी ली. वहीं चम्बल इलाके में चकरनगर को दो भागों में जोड़ने वाली मुख्य पुलिया जो बाढ़ से छतिग्रस्त हो गई थी मोके पर जाकर पुलिया के निर्माण को देखा.


मीडिया से बात करते हुए सांसद ने कहां सराकर की तरफ से बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन कराया जा रहा है. अधिकारियों को हर संभव मदद के आदेश दिए गए हैं. ग्रामीण इलाकों में बीमारी न फैले इसके लिए हर गांव मे डॉक्टर के इंतजाम किए गए हैं.


राजस्थान के कोटा बैराज डैम से 8 दिन पहले 22 लाख क्यूसेक से भी ज्यादा पानी छोड़े जाने के चलते इटावा के चंबल के बीहड़ में ग्रामीण क्षेत्रों में चंबल नदी व यमुना में आई थी. भीषण बाढ़ जिसके चलते चकरनगर व बढ़पुरा ब्लॉक में चंबल नदी के किनारे 40 से भी ज्यादा गांव प्रभावित हुए थे. हालांकि पिछले 2 दिनों से चंबल का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे पहुंच गया है जिसके चलते पानी में डूबे गांव से बाढ़ का पानी निकल गया है.


फसल समेत घर पूरी तरह बर्बाद हुए- ग्रामीण


वहीं, पानी निकलने के बाद अभी भी लगभग 40 गांव में हालात बद से बदतर बने हुए हैं जिस का जायजा लेने इटावा सांसद प्रोफेसर रामशंकर कठेरिया चकरनगर बिहार के गांव में बाढ़ ग्रस्त इलाकों में पहुंचे. जहां उन्होंने ग्रामीणों के साथ चौपाल लगाकर उनकी परेशानी जानी. ग्रामीणों ने बताया कि बाढ़ से उनकी फसलें व घर पूरी तरह से बर्बाद हो चुके हैं. साथ ही मवेशियों के लिए चारा व दाना पानी भी सब बाढ़ के पानी में बह चुका है.


ग्रामीणों की हर संभव मदद करने के आदेश दिए गए हैं- रामशंकर कठेरिया


अभी भी एक दर्जन से ज्यादा गांव के संपर्क मार्ग कटे हुए हैं. वहीं डकरा गांव से निकलने के बाद जब सांसद का काफिला लल्लू पुरा गांव की ओर बड़ा तब रास्ते में पढ़ने वाली पुलिया बाढ़ के पानी से पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थी. उसका भी सांसद ने चल रहे कार्य का निरीक्षण किया और जल्द से जल्द पीडब्ल्यूडी से पुलिया का निर्माण कराए जाने का आदेश दिया.


सांसद रामशंकर कठेरिया ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सरकार की तरफ से जिला प्रशासन को ग्रामीणों की हर संभव मदद करने के आदेश दिए गए हैं. वहीं ग्रामीणों का जो नुकसान हुआ है उसका भी लेखपाल व तहसीलदार के माध्यम से आकलन कराया जा रहा है पीने की पानी के लिए 8 टैंकर चकरनगर ब्लॉक में भेजे गए हैं जिन से शुद्ध पानी की सप्लाई गांव में कराई जा रही है.