Lok Sabha Election 2024: चुनाव में अक्सर फर्जी मतदान की तमाम शिकायते सामने आती हैं और प्रत्याशी की जीत और हार कभी-कभी फर्जी मतदान से बिगड़ जाती है. जीत के मुहाने पर पहुंचने वाला प्रत्याशी हार का सामना भी करता है. वहीं लोकसभा चुनाव शुरू हो गए है. अब वोटो की सेंधमारी के बीच फर्जी मतदान पर नजर रखना एक बड़ी चुनौती भी है. ऐसे में चुनाव आयोग ने अपनी गाइडलाइन में फर्जी वोटों को पकड़ने और उस वोट पर फर्जी होने का चैलेंज करने की व्यवस्था को तेज कर दिया है.


अब कोई भी पार्टी और एजेंट फर्जी वोट पर आपत्ति कर सकता है और उस पर कार्यवाही भी करा सकता है. इसके लिए मात्र 2 रुपए खर्च कर रसीद पीठासीन अधिकारी से कटवाना पड़ेगा.पीठासीन अधिकारी तत्काल उस रसीद पर कार्रवाई कर फर्जी मतदान करने वाले शख्स से उसके नाम, घर का पता और पारिवारिक सदस्यता को जानकारी करेगा. इसके साथ ही उस क्षेत्र के प्रधान या पार्षद से उसकी सटीक जानकारी कर उसके फर्जी होने की पुष्टि करेगा.  अगर जांच और पूछताछ में चैलेंज किए गया और तथ्य सही पाए जाते हैं तो उस शख्स पर अधिकारी तत्काल कार्यवाही कर उसे जेल भेज सकते है.


बूथ पर होगी टेंडर वोट की व्यवस्था
चुनाव आयोग ने टेंडर वोट की भी व्यवस्था चुनाव में रखी है. जो मतदाताओं के लिए कारगर साबित होगा. फर्जी मतदान के होने के चलते लोग अपना वोट नहीं कर पाते थे और उनकी जगह पहले ही कोई दूसरा वोट दिया होता था. अब मतदाता अगर पोलिंग बूथ पर वोट करने जाता है और उसे लगता कि उसके वोट को फर्जी तरह से कराया गया है तो वो वोटर टेंडर वोट का सहारा लेकर पीठासीन अधिकारी को अवगत करा सकेगा. जिसके बाद अगर उसका नाम सूची में है तो अधिकारी एक प्रपत्र देकर उस मतदाता से वोट कराकर उसे एक लिफाफे में रखकर सुरक्षित रख लेते हैं और उसका वोट स्वीकार कर लिया एकता है.


2 रुपये में फर्जी वोट पर होगी कार्रवाई
दरअसल चुनाव आयोग चुनाव के दौरान पीठासीन अधिकारी को एक रसीद मुहैया कराते है. जिसकी कीमत मात्र दो रुपए चुनाव के बूथ पर हर पार्टी अपने पोलिंग एजेंट को तैनात करती है. जो पोलिंग सेंटर पर पड़ने वाले वोट पर अपनी पैनी नजर बनाए रखते हैं.अगर एजेंट या किसी भी मतदाता को भी एस बात का शक होता है कि पोलिंग बूथ पर कोई भी  वोटर किसी तरह से चकमा देकर फर्जी मतदान कर रहा है या कर चुका है तो वहां मौजूद पीठासीन अधिकारी के पास पहुंचकर कोई भी अपनी आपत्ति दर्ज कर कर मात्र दो रुपए की रसीद कटवा कर उसे चैलेंज कर सकता है.


मतगड़ना के समय जब हार और जीत में कुछ अंतर रहता है. तब उन बंद पड़े मतदान से गणना कर उसे गिना जाता है और ये टेंडर वोट बैलेट की सहायता से किया जाता है.अब देखना है की चुनाव में होने वाले फर्जी मतदान पर चुनाव आयोग की इस प्रक्रिया में पड़ने वाले फर्जी मतदान को कितना रोकने में कारगर साबित होती है.


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