बरेली में 5 सितंबर को ईद मिलादुन्नबी के अवसर पर निकलने वाले जुलूस-ए मोहम्मदी की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. इस बीच आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने मुसलमानों से अपील की है कि वे जुलूस के दौरान शरियत का पालन करें और अमन व शांति का संदेश फैलाएं.
उन्होंने जोर देकर कहा कि यह जुलूस पैग़म्बरे इस्लाम के जन्मदिन की खुशी में निकाला जाता है, इसलिए इसे पूरी पवित्रता के साथ मनाया जाना चाहिए.
डीजे और नाच-गाने पर सख्ती की चेतावनी
मौलाना रजवी ने चेतावनी दी कि हाल के वर्षों में कुछ लोग जुलूस में डीजे बजाकर, गानों पर नाचते-झूमते और रुमाल लहराते हैं, जो शरियत में नाजायज और हराम है. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस्लाम में गाना-बजाना और डांस को शैतानी कार्य माना गया है. ऐसे लोगों को जुलूस में शामिल होने से रोका जाए, और यदि कोई जबरदस्ती डीजे लाता है, तो उसे बाहर कर दिया जाए. मौलाना ने कहा कि जुलूस का मकसद पैग़म्बरे इस्लाम के संदेश को दुनिया तक पहुंचाना है, न कि गलत कार्यों को बढ़ावा देना.
शांति और पवित्रता पर जोर
मौलाना ने मुसलमानों से अपील की कि वे जुलूस के दौरान भड़काऊ नारे या बयानबाजी से बचें. उन्होंने घरों और मस्जिदों को सजाकर खुशी मनाने, समय पर नमाज अदा करने और खाने-पीने की चीजों की बेअदबी न करने की सलाह दी. मौलाना ने कहा कि जुलूस-ए मोहम्मदी का उद्देश्य अमन, शांति और इस्लाम के पैगाम को फैलाना है. उन्होंने हर मुसलमान से शांति बनाए रखने और शरियत की हदों में रहने का आह्वान किया.
गुनाहों से तौबा की सलाह
मौलाना रजवी ने कहा कि कयामत के दिन हर मुसलमान को खुदा और उनके रसूल के सामने जवाब देना होगा. इसलिए, सभी को गुनाहों से तौबा कर नाजायज और हराम कार्यों से पूरी तरह दूर रहना चाहिए. उन्होंने जुलूस को शांतिपूर्ण और इस्लामी मूल्यों के अनुरूप बनाने के लिए सामूहिक जिम्मेदारी लेने की अपील की.