Uttarakhand News: इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार रबी-उल-अव्वल महीने की बारहवीं तारीख को इस्लाम धर्म के संस्थापक हजरत पैगंबर मुहम्मद (Prophet Muhammad) का जन्मदिन मनाया जाता है. इसी दिन इस्लाम धर्म के संस्थापक पैगंबर मुहम्मद धरती पर अवतरित हुए थे. इसे ईद मिलाद-उन-नबी (Eid Milad-Un-Nabi) भी कहा जाता है. ऐसे में इस दिन इस्लाम को मानने वाले लोग जुलूस की शक्ल में सड़कों से गुजरते हुए पैगंबर मुहम्मद के नाम का नारा लगाते हैं. उत्तराखंड में भी गुरुवार को कई शहरों में बारह रबी-उल-अव्वल का जुलूस निकाला गया.


ईद मिलाद-उन-नबी से पहले पूरे शहर को दुल्हन की तरह सजाया गया. जगह-जगह इबादत की गई. इस मौके पर जुलूस ए मुहम्मदी निकल गया. इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार तीसरे महीने में चांद के दीदार से लेकर चांद की 12 तारीख तक ईद मिलाद-उन-नबी का पर्व सभी मस्जिदों और मदरसों में पैगंबर मुहम्मद की शान में नात पढ़कर, कुरान की तिलावत कर और लंगर के रूप में मनाया जाता है.


मक्का में हुआ था पैगंबर मुहम्मद का जन्म


इस्लाम धर्म के जानकारों के मुताबिक पैगंबर मुहम्मद का जन्म 570 ईसवी में अरब के मक्का शहर में हुआ था. उन्होंने इस्लाम धर्म को लोगों तक पहुंचाने का काम किया. इस्लाम धर्म का पवित्र ग्रंथ कुरान पैगंबर मुहम्मद पर उतारा गया था, जो पूरी दुनिया में इंसानियत और मानवता का संदेश देता है. पैगंबर मुहम्मद ने दुनिया को पैगाम दिया कि यदि किसी ने बेगुनाह की हत्या की तो उसने पूरी मानवता की हत्या की, अगर किसी की जान बचाई तो समझो उसने पूरी इंसानियत की जान बचाई. उनकी यौमे पैदाइश पर 28 सितंबर को ईद मिलाद-उन-नबी के पर्व पर पूरे प्रदेश में मुस्लिम समुदाय के साथ-साथ अन्य समुदाय के लोगों ने भी इस पर्व को मनाया. अन्य समुदाय के तमाम लोगों ने इस्लाम धर्म को मानने वाले लोगों को पैगंबर मुहम्मद के जन्मदिन की बधाई दी.


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