सहारनपुर. यूपी के सहारनपुर में एक हैंडपंप पुलिस प्रशासन के लिए परेशानी का सबब बन गया है. 40 साल पुराना ये हैंडपंप जी का जंजाल बन गया है. दरअसल, एक शिकायत पर हैंडपंप को उखाड़े जाने के बाद इस पर राजनीति शुरू हो गई है. कांग्रेस ने हैंडपंप को उखाड़े जाने का विरोध किया है तो वहीं, बजरंग दल इसे लगाने के खिलाफ है. वहीं, इस पूरे विवाद में अब भीम आर्मी भी कूद गई है.


क्या है मामला?
दरअसल, ये पूरा मामला बेहट का है. करीब 40 साल पुराने इस हैंडपंप को दुकानदार मुरारी झा की शिकायत पर प्रशासन ने उखड़वा दिया था. दुकानदार का कहना था कि हैंडपंप पर लोग पानी पीते हैं और उसकी दुकान के आगे भीड़ लग जाती है. भीड़ के कारण उसकी दुकानदारी प्रभावित हो रही थी. इसलिए उसने प्रशासन से हैंडपंप को उखड़वाने की अपील की थी.


हैंडपंप पर शुरू हुई सियासत
वहीं, कांग्रेस हैंडपंप को उखाड़े जाने का विरोध कर रही है. हैंडपंप को दोबारा लगवाने की मांग को लेकर मंगलवार को धरना स्थल पर जा रहे कांग्रेस विधायकों नरेश सैनी और मसूद अख्तर को पुलिस अधिकारियों ने रोक लिया. बेहट से विधायक सैनी ने दावा किया कि उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और बाद में कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव इमरान मसूद उन्हें रिहा कराने के लिए समर्थकों के साथ पुलिस लाइन पहुंचे. पुलिस सूत्रों ने बताया कि अधिकारियों ने दोनों को रिहा कर दिया है. कांग्रेसियों ने जब धरना दिया तो प्रशासन ने हैंडपंप को दोबारा लगाए जाने का आश्वासन दिया जिसके बाद कांग्रेस नेता मान गए. भीम आर्मी के लोग भी हैंडपंप लगाने की मांग कर रहे हैं. 


हैंडपंप के खिलाफ बजरंग दल
वहीं, प्रशासन के आश्वासन के बाद बजरंग दल विरोध पर उतर आया है. बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने हैंडपंप दोबारा लगाये जाने का विरोध किया है. बजरंग दल के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने थाने में प्रदर्शन भी किया. बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने थाने के बाहर प्रदर्शन की धमकी भी दी है.


वहीं, दुकानदार ने धमकी दी कि अगर हैंडपंप फिर लगाया गया तो उन्हें मजबूरन पलायन करना पड़ेगा.


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