केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में 20 अगस्त 2025, बुधवार को संविधान (एक सौ तीसवां संशोधन) विधेयक, 2025, केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक, 2025, जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025 पेश किए. इसके बाद सदन में जमकर हंगामा हुआ. हंगामे के बीच उत्तर प्रदेश स्थित आजमगढ़ से समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा कि वह अपनी पार्टी की ओर से इस विधेयक का विरोध करते हैं. यादव ने कहा कि मैं अपने नेता अखिलेश यादव (सांसद, कन्नौज) की ओर से तीनों विधेयकों का विरोध करता हूं. ये विधेयक संविधान, मूल अधिकार, न्याय विरोधी है.

महाराष्ट्र चुनाव के दौरान गृह मंत्री अमित शाह के एक बयान का जिक्र करते हुए धर्मेंद्र यादव ने कहा कि - आप वहां चक्की पीसिंग को बोल रहे थे और आज उन्हीं को डिप्टी सीएम बनाकर घूम रहे हैं. 

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इसके बाद गृह मंत्री ने तीनों विधेयकों को जेपीसी के पास भेजने का प्रस्ताव किया. हालांकि भारी हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई.

पूरे देश ने देखा गुंडागर्दी हुई- जगदंबिका पाल

इससे पहले गृह मंत्री ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "एनके प्रेमचंद्रन का कहना है कि विधेयक जल्दबाजी में लाए गए हैं. इसका कोई सवाल ही नहीं है क्योंकि मैं विधेयक को JPC को भेजने का अनुरोध करने वाला हूं. JPC में लोकसभा और राज्यसभा, सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्य होंगे. वे इस पर विचार-विमर्श करेंगे और इसे आपके सामने लाएंगे."

 वहीं भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने कहा, "पूरा देश देख रहा था कि किस तरह गुंडागर्दी हुई. जब गृह मंत्री ने स्पीकर से कहा कि विधेयकों को (JPC को भेजा जाना चाहिए), तो कोई जल्दबाजी नहीं है. लेकिन कांग्रेस सांसद के.सी. वेणुगोपाल ने विधेयकों की प्रतियां फाड़नी शुरू कर दीं और उन्हें स्पीकर के आसन की ओर फेंकना शुरू कर दिया. TMC और कांग्रेस के सांसद वेल में आ गए, वे लड़ाई करने पर अड़े थे. इसकी जितनी निंदा की जाए, उतनी कम है. स्पीकर को कार्रवाई करनी चाहिए."