Devotees Returning From Kedarnath Dham: विश्व विख्यात केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham) के दर्शनों के लिये प्रत्येक दिन हजारों की संख्या में यात्री पहुंच रहे हैं. लेकिन ई-पास न होने के कारण यात्रियों को बिना दर्शन किये हुए वापस जाना पड़ रहा है. अभी तक एक हजार से अधिक यात्रियों को वापस लौटाया गया है. केदारनाथ के दर्शनों के लिये जाने वाले यात्री के पास ई पास का होना जरूरी है और एक दिन में ई पास वाले मात्र आठ सौ यात्री ही केदारनाथ जा सकते हैं. रुद्रप्रयाग (Rudraprayag) में बद्रीनाथ हाईवे (Badrinath Highway) पर पौड़ी (Pauri) और रुद्रप्रयाग (Rudraprayag) जिले की सीमा सिरोबगड़ में चेक पोस्ट बनाकर यात्रियों की चेकिंग की जा रही है और जिन यात्रियों के पास ई पास नहीं हैं. उन्हे वहीं से वापस लौटाया जा रहा है.


ई-पास ना होने के चलते यात्रियों को लौटाया जा रहा है


18 सितंबर से केदारनाथ धाम की यात्रा शुरू हुई थी. अभी तक पांच हजार से अधिक तीर्थ यात्री बाबा केदार के दर्शन कर चुके हैं. हाईकोर्ट के आदेश के बाद ई पास वाले तीर्थ यात्री ही केदारनाथ जा सकते हैं. एक दिन के लिये मात्र आठ सौ ई पास जारी हो रहे हैं. ऐसे में हजारों की संख्या में यात्री बिना दर्शन करे ही वापस लौट रहे हैं. रुद्रप्रयाग में चार स्थानों पर यात्रियों के ई पास की चेकिंग की जा रही है. रुद्रप्रयाग जिले की सीमा सिरोबगड़, कुंड, गुप्तकाशी और केदारनाथ यात्रा के सबसे मुख्य पड़ाव सोनप्रयाग में यात्रियों के ई-पास की चेकिंग की जा रही है. जिन यात्रियों के पास ई पास नहीं है, उन यात्रियों इन चेक पोस्ट से वापस भेजा जा रहा है. कई बुजुर्ग तीर्थ यात्रियों को ई पास की कोई जानकारी भी नहीं है. ऐसे में यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.


भारी संख्या में पहुंच रहे हैं श्रद्धालु 


कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, गुजरात, राजस्थान सहित देश के अन्य हिस्सों से यात्री भारी संख्या में पहुंच रहे हैं. जिन यात्रियों के पास ई पास है, उन्हें तो केदारनाथ भेजा जा रहा है, लेकिन जिन यात्रियों के पास ई पास नहीं हैं, उन्हें वापस भेजा जा रहा है. बिना दर्शन करे ही वापस लौट रहे यात्रियों में भारी निराशा छा रही है. यात्रियों का कहना है कि ई पास पहले ही बुक हो चुके हैं और उन्हें ई पास नहीं मिल रहे हैं. उनके पास दो वैक्सीन लगाने का सार्टिफिकेट और कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट भी है, लेकिन इसके बावजूद भी उन्हे केदारनाथ नहीं भेजा जा रहा है. वह हजारों किलोमीटर से खर्चा करके बाबा केदार के दर्शनों के लिये आ रहे हैं, लेकिन उन्हे दर्शनों के लिये नहीं भेजा जा रहा है. यात्रियों का कहना है कि वह इतनी दूर आकर बिना दर्शन किये ही वापस लौट रहे हैं, जिससे वे खुश नहीं हैं. सरकार को दर्शन कराने की दिशा में कोई उचित कदम उठाना चाहिये.



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