सहारनपुर. सहारनपुर लोकसभा से आठ बार सांसद व एक बार राज्यसभा सांसद के साथ-साथ केंद्र में मंत्री रहे काज़ी रसीद मसूद का अभी कुछ दिन पहले बीमारी के चलते निधन हो गया था. आज उनके हिन्दू समर्थकों ने बिलासपुर गांव में हिन्दू रीति रिवाज व मंत्रोचारण के साथ रस्म पगड़ी तेहरवीं के कार्यकम को पूरा किया. मंत्रोचारण के साथ रस्म को पूरा किया था. साथ ही काज़ी रसीद मसूद के बेटे शादान मसूद को पगड़ी भी पहनाई गयी. तेरहवीं कार्यक्रम में क़ाज़ी रसीद मसूद के भतीजे पूर्व विधायक इमरान मसूद के साथ कई कांग्रेसी नेता व क़ाज़ी के समर्थक भी मौजूद थे. पूर्व मंत्री के इस तेरहवीं कार्यक्रम को लेकर देवबंद के उलेमाओं ने कड़ा एतराज जताया है.


देवबंद उलेमा नाराज


देवबंद के उलेमा मुफ़्ती असद कासमी का कहना है कि पूर्व सांसद व मंत्री क़ाज़ी रासीद मसुद के इंतकाल के बाद आज तेहरवीं का कार्यक्रम किया गया. इस्लाम इसकी कतई इजाजत नहीं देता. पगड़ी बांधना एक अलग बात है, मगर इस्लाम में हिन्दू रीति रिवाज के साथ किसी मुस्लिम की रस्म पगड़ी तेरहवीं करना गलत है.


हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक थे रसीद मसूद


वहीं, इस मामले में काजी परिवार की तरफ से अभी तक कोई बयान सामने नहीं आया है. आपको बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री काज़ी रसीद मसूद पश्चिमी यूपी में हिन्दू मुस्लिम एकता के प्रतीक माने जाते थे. वो एक ऐसे नेता थे जिनको हिन्दू मुस्लिम बराबर वोट किया करते थे. ऐसे में उनकी मौत के बाद उनके हिन्दू समर्थकों द्वारा किये गए इस कार्यक्रम ने नए विवाद को जन्म दे दिया है.


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