मेरठ: सरकारी नौकरी अब सीधे तौर नहीं मिलेगी पांच साल तक संविधा के रूप में नौकरी करनी पड़ेगी. योगी सरकार के इस फैसले का देवबंदी उलेमा मुफ्ती असद कासमी ने किया समर्थन किया है. उलेमा ने कहा की इससे नौकरी करने वाला इमानदारी ओर मेहनत से नौकरी करेगा ओर इससे प्रदेश के हालात अच्छे होंगे.


ईमानदारी और मेहनत से करेंगे नौकरी
देवबंद के उलेमा मुफ्ती असद कासमी ने योगी सरकार उस फैसले का स्वागत किया है जिसमें कहा गया है कि अब सीधे तौर पर सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी. पहले एक साल तक नौकरी करनी पड़ेगी और चरित्र अच्छा रहा तो पांच साल के बाद सरकारी नौकरी मिलेगी. मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि इस फैसले से प्रदेश के हालात अच्छे होंगे और नौकरी करने वाला ईमानदारी और मेहनत से नौकरी करेगा.


मुफ्ती असद कासमी ने किया सरकार का समर्थन
मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि ''देखिए जिस तरीके से माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश में एक कानून लाने के बारे में बात की है और कहा है कि कैबिनेट में प्रस्ताव को पास करेंगे ये जो सरकारी नौकरी होती है उसमें पांच साल तक पहले प्राइवेट तरीके से रखा जाएगा और छठे साल अगर उनका कार्य प्रदर्शन सही होता है तो सही तौर पर यानी हमेशा के तौर पर सरकारी मुलाजिम बनाया जाएगा तो ये अच्छा कदम है''


प्रदेश के अंदर सुधार आएगा
कासमी ने कहा कि ''योगी सरकार के इस फैसले से प्रदेश के अंदर सुधार आएगा और अधिकारी या सरकारी जितने भी कर्मचारी हैं पांच साल तक और उसके बाद भी वो कोशिश करेंगे कि उनका कार्य प्रदर्शन ठीक रहे और कार्य प्रदर्शन अगर ठीक रहेगा तो प्रदेश ठीक रहेगा. योगी सरकार ने जो फैसला लिया है वो अच्छा है. हम इससे सहमत हैं''


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