Tata Cancer Hospital in Uttarakhand: सपने सच हो सकते हैं, बशर्ते उन्हें पूरा करने में ईमानदारी बरती जाए. कई बार जीवन के कठिन दौर में भी इंसान सपना देखता है और यदि इस सपने को पूरा करने के सार्थक प्रयास किए जाएं तो इसका फायदा खुद को नहीं समाज को भी होता है. बीजेपी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी और राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी की उत्तराखंड में टाटा कैंसर अस्पताल बनाने की मुहिम में प्रधानमंत्री कार्यालय भी शामिल हो गया है. पीएमओ में तैनात केंद्रीय राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि टाटा ट्रस्ट से बात हो रही है जल्द ही उत्तराखंड में टाटा का कैंसर अस्पताल खुलेगा. 


रतन टाटा को लिखा पत्र
तकरीबन डेढ़ वर्ष से भी ज्यादा समय पहले जब अनिल बलूनी मुंबई टाटा कैंसर इंस्टीट्यूट में इलाज करा रहे थे तभी उन्होंने रतन टाटा को पत्र लिखा और उत्तराखंड में ऐसा ही एक अस्पताल बनाने का आग्रह किया. जब बलूनी इस खतरनाक बीमारी का इलाज कराकर लौटे तो रतन टाटा ने एक पत्र भेजकर बलूनी को इस मामले में सकारात्मक कदम उठाने का भरोसा दिलाया.  


जितेंद्र सिंह से की मुलाकात
इसी क्रम में आज बलूनी ने पीएमओ में केंद्रीय राज्यमंत्री (एटॉमिक एनर्जी) जितेंद्र सिंह से मुलाकात की. चूंकि कैंसर अस्पताल या इंस्टीट्यूट एटॉमिक मिनिस्ट्री से भी गवर्न होते हैं, इसलिए जितेंद्र सिंह से बलूनी की ये मुलाकात काफी अहम हो जाती है. जितेंद्र सिंह ने भी कहा कि ये खतरनाक बीमारी पहाड़ी राज्यों में भी फैल रही है और वहां पर बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध नहीं हैं. इसलिए टाटा ट्रस्ट से बात हुई है और बहुत जल्द उत्तराखंड में टाटा कैंसर अस्पताल स्थापित होगा. 


क्या बोले अनिल बलूनी 
''कैंसर से ग्रसित होने पर मुंबई में अस्पताल के बिस्तर पर मैं सोचता था कि जिस स्तर का उपचार मुझे मिल पाया है, क्या ऐसा उपचार आम उत्तराखंडी को मिल पाएगा? किंतु केंद्र में मोदी जी की संवेदनशील सरकार होने के नाते मेरे सपनों को संबल मिलता रहा. लंबी कवायद के बाद ये सपना पूरा होने के करीब है. बहुत-बहुत आभार एटॉमिक एनर्जी मंत्रालय के मंत्री आदरणीय जितेंद्र सिंह जी, जिनके सहयोग से बहुत जल्द उत्तराखंड में "टाटा कैंसर इंस्टीट्यूट" स्थापना होने की ओर अग्रसर है. ईश्वर करे कोई बीमार ना हो. दुर्भाग्य से अगर बीमार हो गए तो उन्हें घर में ही उच्च कोटि का उपचार मिले.''


बड़ी सौगात होगी टाटा कैंसर अस्पताल 
खासतौर पर उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं की बदतर हालत किसी से छिपी नहीं है. यहां पर प्रसव पीड़ा से महिलाओं की मौत हो या हादसों में होने वाली मौतें. पहाड़ में डॉक्टर्स की कमी है, यह आम बात हो गई है. ऐसे में उत्तराखंड में टाटा कैंसर अस्पताल स्थापित होना असाधारण बात होगी. 


बलूनी ने पहले भी दी हैं बड़ी सौगातें


- नैनी-दून एक्सप्रेस ट्रेन का संचालन करवाया.
- आपदा प्रभावित राज्य को नेशनल डिजास्टर रेस्पॉन्स फोर्स की अलग से एक बटालियन दिलवाई.
- अपनी निधि से कोटद्वार और रामनगर के सरकारी अस्पतालों में आईसीयू वार्ड बनवाये.
- सेना और अर्द्ध सैनिक अस्पतालों में आम जनता को इलाज की सुविधा दिलवाई.
- हजारों विशिष्ट बीटीसी शिक्षकों को केंद्र से नियमों में छूट दिलवाकर उनकी नौकरी बचाई.
- केंद्र से मसूरी पेयजल योजना के लिए 187 करोड़ स्वीकृत कराये.
- तीलू रौतेली और माधो सिंह भंडारी के स्मारकों को पुरातत्व विभाग से संरक्षित करवाया.
- टनकपुर से बागेश्वर और कर्णप्रयाग रेल लाइन के लिए सर्वे को मंजूरी दिलाई.
- नैनीताल के रामनगर में केंद्र से बस पोर्ट की स्थापना को मंजूरी दिलाई.
- राज्य के लिए अलग से दूरदर्शन चैनल शुरू करवाया.
- टाटा ट्रस्ट से बातचीत कर उत्तराखंड में एक कैंसर रिसर्च इंस्टिट्यूट की स्वीकृति दिलाई.
- रामनगर के पास धनगढ़ी नाले पर केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्रालय से 28 करोड़ की लागत के पुल का निर्माण शुरू कराया. यहां पर हर बरसात में कई लोगों की जान जाती थी.
- सूचना प्रसारण मंत्रालय से इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन को मंजूरी दिलवाई.
- उत्तराखंड से छिन गए डॉप्लर रडार को फिर से प्रदेश में वापस मंगवाया, अब उन्हें लगाने का काम शुरू होगा.



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