Uttarakhand Char Dham Yatra 2021: 18 सितंबर से उत्तराखंड में चारधाम यात्रा (Char dham Yatra) की शुरुआत हो गई है. यात्रा शुरू होने से चारों धामों में रौनक लौट चुकी है. कोर्ट के आदेश पर धामों में जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या को सीमित रखा गया है. तीर्थ पुरोहितों ने इसी बीच देवस्थानम बोर्ड (Devasthanam Board) की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं. वहीं, विपक्ष ने भी सीमित संख्या को लेकर कहा है कि सरकार अगर ठीक से कोर्ट में पैरवी करती तो प्रतिदिन चारों धाम में जाने वाले यात्रियों की संख्या बढ़ सकती थी. लेकिन, सरकार ने यात्रा को बहुत सीमित संख्या में ही शुरू कर अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लिया है. 


जानबूझकर यात्रा में पैदा किया व्यवधान 
विपक्ष ने ये भी कहा कि सरकार की तैयारियां पूरी होती तो कोर्ट में यात्रा को लेकर ठीक से पैरवी करती. लेकिन, सरकार ने खुद ही यात्रा में व्यवधान पैदा किया है. सरकार के पास यात्रा के लिए तैयारियां ही पूरी नहीं हैं. इस बीच तीर्थ पुरोहितों ने देवस्थान बोर्ड की व्यवस्था और यात्रियों की सीमित संख्या को लेकर सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस ने भी सरकार की व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए आरोप लगाया है. कांग्रेस का कहना है कि सरकार ने जानबूझकर यात्रा में व्यवधान पैदा किया है, सरकार की कोई तैयारियां यात्रा को लेकर नहीं है.




सीमित संख्या में यात्रा शुरू कर इतिश्री करना चाहती है सरकार
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि सरकार यात्रा को सीमित संख्या में शुरू कर इतिश्री करना चाहती है. सरकार कोर्ट में ढंग से पैरवी करती तो संख्या को बढ़ाया जा सकता था लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया. बता दें कि, चारधाम यात्रा में यात्रियों की संख्या सीमित होने पर तीर्थ पुरोहितों ने मना किया था ही साथ ही पुरोहितों का ये भी कहना है कि यात्रा के लिए देवस्थानम बोर्ड की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है. देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं को दिक्कत हो रही है. इसे लेकर चारधाम के तीर्थ पुरोहितों, पुजारियों और स्थानीय व्यापारियों में गहरी नाराजगी है. उनकी मांग की है कि यात्रियों कि निर्धारित संख्या की बाध्यता को खत्म किया जाना चाहिए. 


इस तरह से निर्धारित की गई है यात्रियों की संख्या
उत्तराखंड में 18 सितंबर से चारधाम यात्रा शुरू हो चुकी है. इस बार चारों धाम में जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या को सीमित रखा गया है. केदारनाथ में 800, बद्रीनाथ जी 1000, गंगोत्री 600 जबकि यमुनोत्री में 400 श्रद्धालु ही एक दिन में दर्शन कर रहे हैं. कोरोना संक्रमण को देखते हुए कोर्ट के आदेश पर चारों धाम में यात्रियों की संख्या को सीमित रखा गया है.



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