उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में आई प्राकृतिक आपदा ने भारी तबाही मचाई है, चार और शव मिलने से अब मरने वालों की संख्या 27 हो चुकी है. वहीं अभी भी 10 लोग लापता बताए जा रहे हैं. फिलहाल अभी भी राहत बचाव कार्य तेजी से जारी है. बता दें कि पांच अज्ञात शवों की पहचान भी हो चुकी है. इसमें लापता लोगों की संख्या अब तक 10 रह चुकी है. एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें शवों की तलाश में जुटी हुई हैं.
अधिकारियों ने कहा, "बृहस्पतिवार को चार और शव अलग-अलग जगह से बरामद हुए हैं. अब तक कुल मृतकों की संख्या 27 पहुंच गई है, जबकि 5 अज्ञात शवों की पहचान भी हो चुकी है. वहीं अभी तक 10 लोग लापता बताए जा रहे हैं. लापता लोगों को खोजने के लिए खोजी कुत्तों की मदद से तलाश की जा रही है. इसके अलावा राहत और बचाव कार्य में कुछ मार्गों के आंशिक रूप से शुरू होने की संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही इन सड़कों को शुरू कर दिया जाएगा."
सर्चिंग टीम ने बरामद किये दो और शव
बताया गया कि टोंस नदी में कुल 15 मजदूर ट्रैक्टर ट्रॉली समेत बहे थे, इनमें से बुधवार तक 10 लोगों के शव मिल चुके हैं. अब बृहस्पतिवार को दो और शव मिले हैं, इनमें से संभल की रहने वाली नीति पुत्री हीरालाल का शव शाहू सहसपुर के कुशालपुर आसन नदी से बरामद हुआ है. जबकि मुरादाबाद के मुंडिया जैन गांव के रहने वाले राजकुमार कश्यप हरियाणा के यमुनानगर में यमुना नदी से बरामद हुआ है. सहसपुर क्षेत्र से बुधवार को मिले शव की पहचान मुरादाबाद के रहने वाले हुराम के रूप में हुई है.
दो लोगों की तलाश जारी
इस तरह इस घटना में अब तक 13 लोगों के शव बरामद हो चुके हैं. दो लोगों की तलाश की जा रही है. रायपुर क्षेत्र में सॉन्ग नदी में बृहस्पतिवार को एक और शव बरामद हुआ है. शव की पहचान सहारनपुर के फतेहपुर थाना क्षेत्र के मीरपुर गांव निवासी विकास के रूप में हुई है. विकास यहां अपने साथियों के साथ लापता हुआ था. इसके साथ ही सॉन्ग नदी से जिन दो अज्ञात शवों को बुधवार को बरामद किया गया था, उनकी पहचान धर्मेंद्र और श्यामलाल के रूप में हुई है.
फिलहाल देहरादून के आसपास के इलाकों में अभी भी लापता लोगों की तलाश की जा रही है. अभी भी प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है और खोजी कुत्तों के साथ एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम लापता लोगों की तलाश कर रही है.