Atiq Ahmed Shootout Crime Scene Recreate: माफिया अतीक अहमद और अशरफ की हत्या का आज गुरुवार को क्राइम सीन रीक्रिएट किया गया. न्यायिक आयोग की टीम, एसआईटी और फॉरेंसिक टीम के साथ प्रयागराज के कॉल्विन अस्पताल पहुंची. जांच अधिकारियों ने ठीक उसी तरह पूरे क्राइम सीन क्रिएट किया जैसे अतीक और अशरफ को मौत के घाट उतारा गया था. अतीक और अशरफ बनकर दो शख्सों को लाया गया था, जिन्होंने हुबहू वैसे ही कपड़े पहने थे जो उस दिन माफिया ब्रदर्स ने पहने हुए थे.


अतीक और अशरफ शूटआउट क्राइम सीन को रीक्रिएट करते हुए ठीक उसी तरह दोनों लोगों को पुलिस की गाड़ी से उतारकर अस्पताल के अंदर लाया गया, जैसे अतीक और अशरफ को लाया गया था, उसके बाद किस तरह से तीनों हमलावरों ने उन्होंने मौत के घाट उतारा इस एक-एक कड़ी को जोड़ा गया. इसके जरिए ये जानने की कोशिश की गई थी कैसे तीनों हमलावरों ने मीडिया कर्मियों और तमाम पुलिसकर्मियों के बीच अतीक और अशरफ को मारा था. अतीक-अशरफ मर्डर केस के क्राइम सीन रीक्रिएशन के बाद इस पूरी वारदात से जुड़ी पांच अहम बातें सामने आई हैं. 


अतीक-अशरफ मर्डर केस जुड़ी पांच अहम बातें


- अतीक और अशरफ दोनों को बेहद करीब से गोली मारी गई थी. पहली गोली अतीक को मारी गई थी.


- वारदात के वक्त पुलिस ने बड़ी लापरवाही की थी. बेहद नजदीक होने के बावजूद पुलिस शूटर्स को भांप नहीं पाई.


- पुलिस के किसी एक्शन से पहले ही शूटर्स ने अपनी पिस्टल जमीन पर फेंक कर हाथ खड़े कर दिए थे यानी उन्होंने सरेंडर कर दिया था.


- वारदात के बाद शूटर्स को उसी पुलिस जीप से कस्टडी में पुलिस लाइंस भेजा गया था, जिस जीप में अतीक और अशरफ को लाया गया था.


- अतीक और अशरफ की हत्या के बाद शूटर्स ने ना तो भागने की कोशिश की और ना ही पुलिस पर हमला करने की.


अतीक-अशरफ की हत्या के बाद पुलिस ने भी शूटर्स को सरेंडर करने का पूरा मौका दिया था. शूटर्स फायरिंग करते रहे, लेकिन पुलिस ने गोली चलाने की बात तो दूर उन पर पिस्टल तक नहीं तानी थी. नाट्य रूपांतरण में यह साफ हुआ की वारदात के वक्त पुलिस अपनी जिम्मेदारी को ठीक से निभाते हुए कतई नजर नहीं आई थी.


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