UP Nagar Nikay Chunav 2023: यूपी के आगरा (Agra) में जीत की हसरत लिए एक प्रत्याशी हर बार चुनावी पर्चा भरता है और हर बार हारता है, लेकिन संविधान ने जो अधिकार दिए हैं उस पर उसे गर्व है. लोकतंत्र में हर व्यक्ति को चुनाव लड़ने की आजादी है, इसी अधिकार के तहत 98वीं बार चुनाव लड़ने के लिए नगर पंचायत खेरागढ़ के लिए हसनूराम आंबेडकरी ने नामांकन दाखिल किया है. हालांकि स्थानीय वोटर ना होने की वजह से नामांकन खारिज हो गया है. 


आगरा के खैरागढ़ इलाके के नगला दूल्हे खां के रहने वाले हसनूराम आंबेडकरी की उम्र भले ही आज 78 साल हो चुकी है, लेकिन चुनाव लड़ने का जोश और जुनून ऐसा है कि लड़खड़ाते कदमों के साथ उन्होंने एक बार फिर से नामांकन पत्र  दाखिल किया है. इस बार वे खैरागढ़ की नगर पंचायत से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन उनकी हसरत पर्चा खारिज होने की वजह से अधूरी रह गई. उनका कहना है कि वे 100वीं बार पर्चा भरकर रिकार्ड बनाना चाहते हैं.


क्या कहना है हसनूराम आंबेडकरी का
हसनूराम आंबेडकरी राष्ट्रपति से लेकर पंचायत चुनाव तक हर चुनाव लड़ चुके हैं और हर बार उनकी हार हुई है, लेकिन वे हार में भी अपनी जीत देखते हैं. हसनूराम आंबेडकरी की चुनाव लड़ने की शुरुआत कैसे हुई, इस पर उनका कहना है कि खेरागढ़ तहसील में संग्रह अमीन था, साल 1985 का दौर रहा होगा, मैं बामसेफ का पदाधिकारी था, मैं चुनाव लड़ना चाहता था, लेकिन किसी ने कहा कि तुम्हें तो तुम्हारी पत्नी भी वोट नहीं देंगी. बस यही बात दिल को चुभ गई और चुनाव लड़ने का सिलसिला शुरू हो गया. पहली बार उन्होंने खेरागढ़ विधानसभा से पर्चा भरा और उस बार 17 हजार से ज्यादा वोट आए. एक बार चुनाव भरने के लिए नामांकन क्या किया उसके बाद से सिलसिला शुरू हो गया.  


राष्ट्रपति से लेकर ग्राम प्रधान तक 
हसनूराम अब तक लगातार 1985 से चुनाव लड़ रहे हैं. 1988 में राष्ट्रपति चुनाव के लिए आवेदन किया था लेकिन पर्चा खारिज हो गया. इसके बाद वो लोकसभा, विधानसभा से लेकर जिला पंचायत और अन्य चुनाव हर बार लड़ते रहे. साल 2020 में mlc चुनाव में उन्होंने शिक्षक और स्नातक दोनों सीट से चुनाव लड़ी है. 


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