भारतीय जनता पार्टी संसदीय बोर्ड ने महाराष्ट्र के राज्यपाल चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की ओर से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में रविवार को नामित किया.

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भारतीय जनता पार्टी (भारतीय जनता पार्टी) अध्यक्ष जे पी नड्डा ने यह घोषणा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में व्यापक विचार-विमर्श के बाद राधाकृष्णन के नाम पर फैसला किया गया. 

क्या है चयन की वजह?

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की पृष्ठभूमि वाले राधाकृष्णन तमिलनाडु के एक वरिष्ठ भारतीय जनता पार्टी नेता हैं. अब उनके चयन के पीछे क्या वजह रही , इस पर भारतीय जनता पार्टी के सांसद जगदंबिका पाल ने प्रतिक्रिया दी है. एनडीए द्वारा महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुने जाने पर भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने कहा, 'वह लोकसभा सांसद रह चुके हैं और उन्होंने कई सामाजिक कार्य भी किए हैं. वह एक राजनेता हैं. इसलिए स्वाभाविक रूप से, जब हम इतने अच्छे उम्मीदवार को लेकर आए हैं, तो विपक्ष का काम ऐसे मुद्दे उठाना है.'

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जेपी नड्डा ने की ये अपील

इससे पहले रविवार को नड्डा ने ओबीसी नेता और दो बार लोकसभा सदस्य रह चुके राधाकृष्णन (67) को इस संवैधानिक पद पर सर्वसम्मति से चुने जाने की अपील करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी नेताओं ने पिछले सप्ताह विपक्षी दलों से बात की थी और आगे भी करते रहेंगे.

नड्डा ने कहा कि विपक्षी नेताओं ने भारतीय जनता पार्टी वार्ताकारों से कहा है कि वे सत्तारूढ़ गठबंधन के उम्मीदवार के बारे में बताए जाने के बाद ही अपना रुख स्पष्ट कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी उनसे फिर संपर्क करेगी.

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लोकसभा और राज्यसभा सदस्यों वाले निर्वाचक मंडल में भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगियों के पास पर्याप्त बहुमत होने के कारण, राधाकृष्णन का निर्वाचन लगभग तय है और पार्टी को उम्मीद है कि उनकी पदोन्नति से उसे तमिलनाडु में पैठ बनाने में मदद मिलेगी, जहां अगले साल चुनाव होने हैं.

राधाकृष्णन तमिलनाडु में प्रभावशाली गौंडर जाति, एक ओबीसी समुदाय से हैं. नड्डा ने उनके लगभग 40 वर्षों के सार्वजनिक जीवन पर जोर देते हुए कहा कि विभिन्न दलों और समाज के विभिन्न वर्गों में उनका सम्मान है.

नड्डा ने कोयंबटूर के पूर्व सांसद के बारे में कहा, 'उन्हें एक सम्मानित नेता माना जाता है’’. उन्होंने कहा कि राधाकृष्णन को 2023 में झारखंड का राज्यपाल बनाया गया था और फिर जुलाई 2024 में महाराष्ट्र स्थानांतरित कर दिया गया था.

किरेन रीजीजू होंगे मतदान एजेंट

सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह उपराष्ट्रपति चुनाव की निगरानी करेंगे जबकि संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू मतदान एजेंट होंगे. नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 अगस्त है.

प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्रियों के अलावा भारतीय जनता पार्टी नीत गठबंधन के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री भी राधाकृष्णन के नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया का हिस्सा होंगे. यदि विपक्ष भी अपना उम्मीदवार घोषित कर देता है तो चुनाव नौ सितंबर को होगा.