गाजियाबाद: समाजवादी पार्टी के नेता उम्मेद पहलवान को गाजियाबाद की अदालत ने रविवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. इससे पहले शनिवार दोपहर को सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने के आरोपी उम्मेद पहलवान को गाजियाबाद पुलिस ने दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल के पास से गिरफ्तार किया था. गाजियाबाद पुलिस के मुताबिक उम्मेद पहलवान से पूछताछ में निकलकर आया है कि उसे फेसबुक लाइव से पहले इस घटना के सभी तथ्यों की पूरी जानकारी थी. उम्मेद को पता था कि ये मार-पिटाई ताबीज बनाने के चलते हुई थी. 


लगातार अब्दुल समद के साथ रहा
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक समद ने पूरी कहानी उम्मेद पहलवान को बताई थी. लेकिन, उम्मेद ने जानबूझकर फेसबुक लाइव के दौनान सच्चाई छिपाई. इतना ही नहीं उम्मेद पहलवान ने अब्दुल समद को भी अपनी बनाई कहानी ही सबको बताने के लिए कही. इतना ही नहीं पीड़ित अब्दुल समद अपने बयान ना बदल ले उसके लिए उम्मेद पहलवान लगातार अब्दुल समद के साथ ही बना रहा. यहां तक कि वो एफआईआर करवाने के बाद अब्दुल समद के साथ उसके घर बुलंदशहर भी गया. 


रची थी मामले को सांप्रदायिक रंग देने की साजिश
गाजियाबाद पुलिस के मुताबिक ये सब उम्मेद पहलवान ने अपने एक साथी के साथ सोची समझी साजिश के तहत अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए किया. इतना ही नहीं अब्दुल समद ने जो शिकायत पुलिस ने दी थी उसको भी उमेद ने ही तैयार किया था और जानबूझकर शिकायत अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज कराई. क्योकि, यो जानता था कि अगर पुलिस में आरोपियों के नाम बता दिए तो ये मामले को सांप्रदायिक रंग नहीं दे पाएग. 


मुंबई भागने की फिराक में था 
पुलिस के मुताबिक फरारी के दौरान जानबूझकर अपने नंबर के अलावा एक नई सिम और डोंगल का भी इस्तेमाल कर सिर्फ व्हाट्सएप कॉल और स्काइप कॉलिंग कर रहा था. पुलिस ने उम्मेद के पास से सिम, डोंगल, 2 मोबाइल और गाड़ी बरामद कर ली है. उम्मेद पहलवान की गाड़ी में पुलिस को काफी कपड़े मिले हैं. उम्मेद दिल्ली से मुंबई भागने की फिराक में था. 


पुख्ता सबूत जमा कर रही है पुलिस 
गाजियाबाद पुलिस उम्मेद पहलवान की कॉल डिटेल्स, डेटॉल्स, व्हाट्सएप चैट, आईपीडीआर निकालकर पुख्ता सबूत इकट्ठा करने में लगी है. जिससे इसके उस साथी को भी दबोचा जा सके. पुलिस जल्द ही अब्दुल समद और उम्मेद को आमने-सामने बिठाकर पूछताछ करेगी. 






वकील ने कही ये बात 
उम्मेद पहलवान के वकील का कहना है कि उन्होंने उम्मेद पर लगाई गई धाराओं को लेकर कोर्ट में जिरह की. उम्मेद के वकील ने कहा कि पुलिस के पास कोई एविडेंस नहीं है और वकील ने पूरी कोशिश की थी, कि मामले में उम्मेद को राहत मिल जाए. लेकिन, पुलिस की दलील काम आई और कोर्ट ने उम्मेद को न्यायिक हिरासत में भेज दिया.


मामले में बढ़ाई जा रही हैं धाराएं
उम्मेद के वकील के मुताबिक मामले में उम्मेद के खिलाफ धाराओं में इजाफा किया गया है. जिनमें 467,468, 469 और 471 आईपीसी की बढ़ोतरी की गई है. सूत्रों के मुताबिक मामले में पुलिस अन्य संगीन धाराएं भी बढ़ाने की तैयारी कर रही है. पुलिस ने कोर्ट में कहा कि जो वीडियो वायरल हुआ था, उससे दो पक्षों के बीच नफरत फैलाने का काम किया गया था. सोमवार को इस मामले में उम्मेद के वकील की तरफ से जमानत की अर्जी दी जाएग. उम्मेद के वकील का कहना है कि जो धाराएं लगाई गई हैं, उनमें से अधिकतर एप्लीकेबल नहीं होती हैं. 


दिल्ली से हुई गिरफ्तारी 
लोनी बॉर्डर थाने में अपने खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने के बाद बुधवार से फरार उम्मेद पहलवान इदरीसी को शनिवार को दिल्ली से पकड़ा गया था. गाजियाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अमित पाठक ने संवाददाताओं को बताया कि, ''दिल्ली में लोकनायक जय प्रकाश अस्पताल के पास से आरोपी उम्मेद पहलवान को गाजियाबाद पुलिस की एक टीम ने पकड़ा.'' एक स्थानीय पुलिसकर्मी की शिकायत पर इदरीसी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. 


ये है पूरा मामला
बुलंदशहर के रहने वाले सैफी ने 14 जून को अपने वीडियो में सांप्रदायिक आरोप लगाए थे. उन्होंने सात जून को गाजियाबाद पुलिस को एक शिकायत में कहा था कि पांच जून को चार लड़कों ने उसे अगवा कर लिया और गाजियाबाद के लोनी इलाके में एक खेत में बने मकान में उन्हें बंधक बनाकर रखा और उनसे मारपीट की. सैफी के सांप्रदायिक आरोपों के बारे में पूछे जाने पर गाजियाबाद के एसएसपी पाठक ने पूर्व में कहा था कि बुजुर्ग मुस्लिम ने अपनी मूल शिकायत में किसी तरह के सांप्रदायिक आरोप नहीं लगाए थे. एसएसपी ने आशंका जतायी थी कि सांप्रदायिक आरोप लगाने के लिए सैफी को किसी ने भड़काया था. 


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