गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश कोरोना वायरस की दूसरी लहर की चपेट में है. रोज लोगों की मौत हो रही है. कोरोना वायरस के संक्रमण ने ग्रामीण इलाकों में भी दस्तक दे दी है. कोरोना के इस दौर में गांवों के क्या हालात हैं, ये जानने के लिए एबीपी गंगा की टीम गाजियाबाद जिले के गांवों में पहुंची और वहां का हाल जाना.


लोगों को किया जा रहा है जागरूक 
गाजियाबाद के मुरादनगर ब्लॉक के गांव डिंडार के नए प्रधान नवनीत कुमार बताते हैं कि गांव में अभी कोरोना वायरस का कोई संक्रमित मरीज नहीं है. जो संक्रमित थे वो ठीक हो चुके हैं. गांव में जागरूकता को लेकर नई-नई रणनीति बनाई जा रही है. गांव को लोगों को समझा रहे हैं कि कोरोना से कैसे सुरक्षित रहना है. लोगों से कहा गया है कि सर्दी जुकाम के लक्षण होने पर तुरंत सूचित करे, पूरी तरह से सहायता की जाएगी.साथ ही गांव को सैनिटाइजेशन कराने की व्यवस्था भी की जा रही है. 


कोविड जांच की सुविधा नहीं 
मुरादनगर ब्लॉक के अबुपुर गांव की नवनिर्वाचित प्रधान श्वेता से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि गांव में कोरोना जांच की कोई सुविधा नहीं है. जिसके चलते ये कहना मुश्किल है कि गांव में कितने लोग कोरोना से संक्रमित हैं. साथ ही गांव में जो मौतें हो रही हैं उसे हम कोरोना से होने वाली मौत मान सकते हैं. हम सरकार से उम्मीद लगाए बैठे हैं कि जल्द से जल्द गांव में कोरोना टेस्टिंग का कार्य शुरू किया जाए. 


कोरोना किट उपलब्ध करवा रहे हैं
भोजपुरी ब्लॉक के सीकरी कला गांव के नवनिर्वाचित प्रधान सुर्मेश शर्मा ने बातचीत के दौरान बताया कि उनके गांव में अब तक 2 लोगों की कोरोना के चलते मौत हो चुकी है. फिलहाल कोई कोरोना संक्रमित मरीज गांव में नहीं है. जिसको भी कोरोना के लक्षण होते हैं उन्हें कोरोना किट उपलब्ध करवा रहे हैं. इसके अलावा गांव में सैनिटाइजेशन करवाने की व्यवस्था भी कर दी गई है.


सैनिटाइजेशन किया जा रहा है
भोजपुर ब्लॉक के फफराना गांव की आबादी लगभग 8000 है. गांव के नवनिर्वाचित प्रधान अमित कुमार से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि हमारे गांव में किसी भी तरह से कोरोना मरीज के कोई लक्षण नहीं है. ना ही किसी की मौत हुई है. हम समय से कोरोना का ध्यान रखे हुए हैं, लगातार सैनिटाइजेशन किया जा रहा है और कोरोना किट बांटने का काम कर रहे हैं.


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