Lok Sabha Election 2024: साल 2024 के चुनाव से पहले यूपी कांग्रेस ने भी जातीय जनगणना और आरक्षण के मुद्दे को छेड़ दिया है. कांग्रेस ने आज लखनऊ में जातीय जनगणना कराने और आरक्षण बढ़ाने की मांग को लेकर एक बड़ा सम्मेलन किया जिसमें 50 से ज्यादा जातियों के लगभग 200 प्रतिनिधि शामिल हुए. सम्मेलन में तय किया गया कि जून के पहले सप्ताह से प्रदेश भर में मंडल स्तर पर कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे. जुलाई तक मंडल वार कार्यक्रम पूरे करके जिलों में आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी. जातीय जनगणना कराने और आरक्षण बढ़ाने के मामले में समर्थन हासिल करने के लिए कांग्रेस ने 8744894894 टोल फ्री नंबर भी जारी किया है. इस आंदोलन के लिए मंगलवार नेताओं की जिम्मेदारियां भी तय की गई हैं. 


सम्मेलन में 4 प्रस्ताव किए गए पारित


सामाजिक न्याय की अवधारणा बिना जाति जनगणना के पूरी नहीं हो सकती. लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए जाति जनगणना जरूरी है. आरक्षण की 50 फ़ीसदी की सीमा को तत्काल हटाया जाए ताकि पिछड़ी जातियों को उनकी आबादी के अनुपात में आरक्षण मिले. ओबीसी का आरक्षण बढ़ाकर आबादी के अनुपात में आरक्षण सुनिश्चित किया जाए. पिछड़े वर्ग का उनकी सामाजिक, आर्थिक स्थिति के आधार पर समानुपातिक रूप से पिछड़ा, अति पिछड़ा व सर्वाधिक पिछड़ा वर्ग में विभाजन किया जाए.


सभागार में लगाए गए ओबीसी नेता और महापुरुषों के चित्र


प्रदेश मुख्यालय के सभागार में ओबीसी नेता और क्रांतिकारियों के चित्र लगाए गए. इसमें समाधन निषाद, रामनरेश कुशवाहा, संतराम बीए, शेख भिखारी साहेब, डॉ. गया प्रसाद कटियार, बुद्धू नोनिया, चैतू भर, मथानी लोहार, शीतल गडरिया, शिवदयाल चौरसिया, अवंती बाई लोधी, सर छोटू राम, गुजर धन सिंह कोतवाल, भोलू अहीर जैसे पिछड़े वर्ग के कई क्रांतिकारी और स्वतंत्रता सेनानी शामिल थे. इन सभी क्रांतिकारियों और स्वतंत्रता सेनानियों ने आजादी के आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की सम्मेलन में तय हुआ कि आगामी दिनों में इन पिछड़ी जाति के महापुरुषों के सहारे उनकी जातियों को गोलबंद किया जाएगा.


इन जातियों के नेता हुए शामिल


बियार, बिंदु, नोनिया, अर्कवंशी, निषाद, गद्दी, जुलाहा, फकीर, बंजारा, बारी, भुर्जी, रंगरेज, कुम्हार, काछी, राजभर, कश्यप, कोयरी, गडरिया, अहीर, जाट, गुजर, कलार, कहार, कुर्मी, पटवा, तेली, कांदू, राईन, सैफी, लोहार आदि


इन्हें सौंपी गई जिम्मेदारी


लखनऊ मंडल में लखनऊ, हरदोई, लखीमपुर खीरी, रायबरेली, सीतापुर, उन्नाव की जिम्मेदारी अभिषेक पटेल शमीम कुरैशी और राम उजागर यादव को सौंपी गई. मेरठ मंडल में मेरठ, बागपत, बुलंदशहर, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद और हापुर की जिम्मेदारी रमा कश्यप, रवि मलिक और विदित चौधरी को सौंपी गई. कानपुर मंडल में कानपुर नगर, कानपुर देहात, कन्नौज, फर्रुखाबाद, औरैया, इटावा की जिम्मेदारी जेपी पाल को सौंपी गई. वाराणसी मंडल में वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर, चंदौली की जिम्मेदारी मनोज यादव, सरिता और राहुल राजभर को सौंपी गई. आगरा मंडल में आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, मैनपुरी की जिम्मेदारी संजय यादव और अरुण को सौंपी गई. अयोध्या मंडल में अयोध्या, अंबेडकरनगर, अमेठी, बाराबंकी, सुल्तानपुर की जिम्मेदारी रामनरेश मौर्य को सौंपी गई. इसी तरह गोरखपुर मंडल की जिम्मेदारी गोरखनाथ, देवेंद्र निषाद, जय नारायण और जवाहरलाल को सौंपी गई. झांसी मंडल में राहुल राय प्रजापति और हरदीप निषाद, गोंडा मंडल में तरुण पटेल, रमा कश्यप, बांदा मंडल में विनयपाल, बस्ती मंडल में राजबहादुर, बरेली मंडल में ओमवीर, आजमगढ़ मंडल में कैलाश चौहान और ओम प्रकाश ठाकुर, अलीगढ़ मंडल में धर्मेंद्र लोधी और ममता, मिर्जापुर मंडल में कर्म चंद्र सिंह, राकेश मौर्य और पुनीत पटेल, मुरादाबाद मंडल में रिजवान कुरैशी और सागर तुरैहा, प्रयागराज मंडल में सुरेश यादव और रोहित कुशवाहा, सहारनपुर मंडल में देवेंद्र कश्यप और अशोक सैनी को जिम्मेदारियां दी गई हैं.


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