असम सरकार ने एक से ज्यादा शादी यानी बहुविवाह को रोकने के लिए पॉलीगैमी बिल 2025 पास कर दिया है जिसमें शादीशुदा होते हुए दूसरी शादी करने पर सजा के साथ वोटिंग और सरकारी नौकरी नहीं मिलने का प्रावधान किया है. जिस पर कांग्रेस की ओर से तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली हैं.
यूपी की बाराबंकी सीट से कांग्रेस सांसद तनुज पुनिया ने असम सरकार के इस कानून को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने सजा का जो प्रावधान किया है वो तो ठीक है लेकिन जिस तरह वोटिंग का अधिकार खत्म करने की बात कर रहे हैं या नौकरी का अधिकार खत्म कर रहे हैं तो ये कहीं न कहीं गलत है.
कांग्रेस सांसद ने इस बात पर जताई आपत्ति
कांग्रेस सांसद ने कहा कि वोटिंग या काम करने का सबका अधिकार होता है. चाहे वो आम नागरिक हो या अपराधी हो. ये अधिकार तो कोई नहीं छीन सकता. इसे निश्चित रूप में सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया जाएगा. उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिहाज से ये नियम ठीक है लेकिन हमारे देश में जो विविधता है, जो अलग-अलग समुदाय के लोग रहते हैं उनके कुछ क़ानून बने हैं उनका भी ध्यान रखना चाहिए.
तनुज पुनिया ने इस क़ानून को फूट डालने वाला बताया और कहा कि इसके जरिए देश के दो समुदायों में फूट डालने की कोशिश की जा रही है, कुछ वर्गों को दबाने की कोशिश की जा रही है तो उसे भी कोर्ट में चैलेंज किया जाएगा. कोई न कोई ये जरूर करेगा.
जानें क्या है पॉलीगेमी बिल?
बता दें कि असम की हेमंत बिस्वा सरकार ने गुरुवार को बहुविवाह को रोकने के लिए अहम बिल पास किया है जिसमें पहले से शादीशुदा व्यक्ति दूसरी शादी करता है या पिछली शादी को कानूनी रूप से खत्म किए बिना दूसरी शादी करता है तो ये अपराध माना जाएगा. इसके लिए प्रोहिबिशन ऑफ पॉलीगैमी बिल 2025 में दोषी पाए जाने पर अधिकतम सात साल की सजा हो सकती है.
सरकार का कहना है कि ये बिल महिला के अधिकारों की सुरक्षा करने और समाज में एकरुपता लाने के मकसद से लाया गया है. लेकिन विपक्ष का कहना है कि इसके ज़रिए सरकार एक वर्ग को टार्गेट करने की कोशिश कर रही है.