उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर के काम में लगे बीएलओ की मौत का सिलसिला रुक नहीं रहा है. गोंडा में भी बीएलओ की आत्महत्या के बाद SIR के काम के दबाव को लेकर सियासत तेज हो गई है. एबीपी लाइव ने भी इस प्रक्रिया में लगे लोगों से बात की जिन्होंने बताया कि ज़मीन पर उन्हें किस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
लखनऊ में एसआईआर की प्रक्रिया में जुटी बीएलओ हबीबा ने बताया कि उन्हें कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. किसी का लिस्ट में नाम नहीं है, नाम है तो कहीं एड्रेस गलत है, फोटो गलत लगी हुई हैं. लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी फॉर्म भरने में हो रही हैं.
बीएलओ पर काम का भारी दवाब
बीएलओ ने बताया कि कई बार बताने के बाद भी पढ़े लिखे लोग भी फॉर्म भरने में गलतियां कर रहे हैं. लोगों को फॉर्म बांटने के लिए उन्हें दूर-दूर तक पैदल जाना पड़ता है. उनके साथ हेल्प के लिए भी कोई नहीं है, सारा काम वो अकेले ही कर रही हैं.
फॉर्म जमा करने में हो रही परेशानी
हबीबा ने बताया कि वो अब तक 800 से ज्यादा फॉर्म बांट चुकी है लेकिन इन फॉर्म को जमा करना चुनौती बन गया है. लोग फॉर्म लेकर घर में बैठ गए हैं, बार-बार कहने पर भी फॉर्म जमा नहीं करा रहे हैं. जिसकी वजह से हमें ऊपर से भी डांट पड़ती है. हम कई-कई घंटों काम कर रहे हैं. जिसकी वजह से परिवार को भी समय नहीं दे पा रहे हैं.
बीएलओ ने कहा कि हम पर प्रेशर तो है, हम रात में घर पर भी एक-दो बजे तक काम करते हैं. हम चाहते है कि इसके लिए समय सीमा बढ़े लेकिन, ऊपर अधिकारियों पर भी प्रेशर हैं तो वो भी क्या कर सकते हैं. लोग फॉर्म जमाने नहीं कर रहे हैं ये सबसे परेशानी की बात है.
कांग्रेस ने भी एक खबर का हवाला देते हुए बीएलओ की परेशानियों का जिक्र किया, और दावा किया अब तक काम के प्रेशर के चलते 25 बीएलओ की जानें जा चुकी हैं. कांग्रेस के वीडियो में शिप्रा मौर्य नाम की बीएलओ काम का दबाव बताते हुए रो पड़ती हैं. उन्होंने कहा कि लोग फॉर्म जमा नहीं करते हैं. उन्हें समझना चाहिए कि ये जितनी हमारी जिम्मेदारी है उतनी जिम्मेदारी उनकी की भी है क्योंकि हम अपना काम नहीं कर रहे हैं.
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