Bharat Jodo Yatra: ‘भारत जोड़ो यात्रा’ को लेकर कांग्रेस (Congress) और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) इन दिनों सुर्खियों में हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ (Kamalnath) ने 2024 के चुनाव में राहुल गांधी के विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद चेहरा होने की पैरवी की है. दूसरी तरफ, अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और कुछ अन्य प्रमुख विपक्षी नेताओं ने यात्रा से दूरी बनाई है, जिससे विपक्षी एकजुटता की संभावना पर प्रश्नचिह्न लगा है. इसी से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर कांग्रेस (Congress) महासचिव जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने कुछ सवालों के जवाब दिए हैं.


भारत जोड़ो यात्रा से विपक्ष के बड़े नेता दूर रहने पर कांग्रेस नेता ने कहा, "मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि यात्रा का मकसद कभी भी विपक्षी एकता नहीं था. यह (विपक्षी एकता) यात्रा का नतीजा हो सकती है. हमने यह नहीं सोचा कि विपक्ष में एकजुटता लाने के लिए ‘भारत जोड़ो यात्रा’ निकालें. हमने कहा कि हमें संगठन को मजबूत करना है, कांग्रेस पार्टी में एक नयी जान फूंकनी है, इसके लिए यात्रा निकालनी है. कई राजनीतिक दलों को निमत्रंण दिया, कुछ आए, कुछ नहीं आए. 


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संगठन में आई है नयी जान
जयराम रमेश ने आगे कहा, "भारत जोड़ो यात्रा से जो परिवर्तन पार्टी में आया है, जो परिवर्तन राहुल की छवि में आया है, जो नयी जान संगठन में आई है, उसका एक नतीजा विपक्षी एकता हो सकता है. हम रचनात्मक विपक्षी एकता चाहते हैं." जब उनसे पूछा गया कि क्या अब कांग्रेस विपक्ष की धुरी बन सकेगी तब उन्होंने कहा, "मैं इस बारे में नहीं सोचता. मैं तो फिलहाल सिर्फ ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के बारे में सोचता हूं. मैं मानता हूं कि अगर कांग्रेस अपने आप को मजबूत नहीं कर सकती तो विपक्षी एकता एक ख्वाब रहेगी."


कांग्रेस महासचिव ने कहा, " विपक्षी एकता का यह मतलब नहीं है कि कांग्रेस पार्टी सिर्फ 200 सीट (लोकसभा की) पर लड़े, यह नामुमकिन है. यह कभी नहीं हो सकता कि विपक्ष की एकता के नाम पर कांग्रेस सिर्फ 200 सीट पर चुनाव लड़े." बता दें कि इससे पहले खबर आई थी कि अखिलेश यादव और जयंत चौधरी भारत जोड़ो यात्रा में शामिल नहीं होंगे.