उत्तर प्रदेश सरकार ने श्रीसन फार्मास्युटिकल कंपनी द्वारा निर्मित कोल्ड्रिफ खांसी की सिरप को राज्य में बैन कर दिया है. मौजूदा रिपोर्ट्स के मुताबिक इस सिरप की वजह से मध्य प्रदेश में 14 बच्चों की मौत हो गई है. 

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राज्य के औषधि प्रशासन के सहायक आयुक्त ने सभी ड्रग्स इंसपेक्टर को राज्य में केंद्र और राज्य सरकार और प्राईवेट संस्थानों से सिरप के सैंपल लेने के निर्देश दिए हैं. यह सैंपल जांच के लिए लखनऊ लैब भेजे जाएंगे. साथ ही उन्होंने सभी संस्थानों में इस सिरप के आयात-निर्यात को अगले नोटिस तक प्रतिबंधित कर दिया है.

कड़ाई से पालन के दिए निर्देश

राज्य के औषधि प्रशासन के सहायक आयुक्त ने अधिकारियों को निर्देशों का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए. इस मामले पर अधिकारियों ने कहा कि यह कदम राज्य में बड़ी अनहोनी होने से कारगर साबित होगा.

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वहीं दूसरी तरफ कोल्ड्रिफ सिरप को लेकर खाद्य सुरक्षा औषधि प्रशासन द्वारा औचक छापेमारी भी की जा रही है. जगह-जगह सिरप के सैंपल लेकर जांच के लिए लैब में भेजा जा रहा है. लोहिया अस्पताल में बनी फार्मेसी और अस्पताल के बाहर मेडिकल शॉप पर भी छापेमारी की गई है. 

प्रशासन की छापेमारी

इसी बीच कोल्ड्रिफ सिरप सहित अन्य दवाओं को लेकर भी अधिकारियों की तरफ से छापेमारी की जा रही है. प्रशासन की तरफ से उठाए गए इस कठोर कदम को लेकर चर्चा हो रही है. मध्य प्रदेश में हुई घटना के बाद यूपी की योगी सरकार भी एक्शन मोड में आ गई है. 

सरकार ने अधिकारियों को सिरप की रिकवरी और सैंपल की उचित जांच के निर्देश दिए हैं. साथ ही सरकार ने कोल्ड्रिफ सिरप को राज्य में प्रतिबंधित करने के भी आदेश दे दिए हैं. सरकार के आदेश के बाद प्रशासन बेहद सख्ती से इसमें जुट गया है.

बता दें मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में कोल्ड्रिफ सिरप के सेवन से 14 बच्चों की मौत हो गई थी. रविवार को बच्चों की मौत पर भोपाल और जयपुर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया है. इसी के साथ मध्य प्रदेश कांग्रेस के कार्यकर्ता उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.