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उत्तर प्रदेश के झांसी से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने हर किसी का दिल झकझोर दिया. एक गरीब पिता अपने बेटे की लाश लेने के लिए लोगों से चंदा मांगकर झांसी पहुंचा और करीब 600 किलोमीटर का सफर तय कर वह अपने जवान बेटे का शव लेकर गांव लौटा.

यह पूरा मामला झांसी जनपद के पूँछ थाना क्षेत्र का है, यहां कानपुर रेलवे लाइन पर एक युवक की ट्रेन से गिरकर मौत हो गई थी. सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. मृतक की शिनाख्त 35 वर्षीय सुनील पुत्र अनिल अहिरवार, निवासी रामोपुर पाठक गांव, थाना गुलहोरा, जनपद सिद्धार्थनगर के रूप में हुई.

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मृतक के पिता अनिल ने बताया कि उनका बेटा सुनील परिवार का इकलौता सहारा था और उसके ऊपर बूढ़े माता-पिता, पत्नी और तीन छोटे बच्चों की जिम्मेदारी थी. सुनील की 15 साल की बेटी मुस्कान, 9 साल का बेटा सनी और 5 साल का छोटू है. गरीबी के चलते करीब तीन महीने पहले सुनील मुंबई काम की तलाश में गया था, जहां वह एक निजी कंपनी में मजदूरी कर परिवार का पेट पालता था.

पिता के अनुसार, कुछ दिन पहले बेटे की तबीयत खराब थी, इसलिए उसने काम छोड़कर गांव लौटने का फैसला किया. उसके पास मोबाइल फोन नहीं था. इसलिए उसने किसी अन्य व्यक्ति का फोन लेकर अपने घर पर सूचना दी थी कि वह ट्रेन में बैठ गया है और जल्द ही घर पहुंच जाएगा. लेकिन इसी बीच शुक्रवार को उसी नंबर से फिर फोन आया और इस बार खबर दर्दनाक थी.

600 किलोमीटर का लंबा सफर तय करके शव लेने पहुंचा पिता

कॉल करने वाले ने बताया कि सुनील झांसी के पूंछ थाना क्षेत्र में खिल्ली गांव के पास ट्रेन से गिर गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई. पहले तो शव की पहचान नहीं हो सकी, इसलिए पुलिस ने उसे लावारिस मानते हुए मोर्चरी में रखवा दिया. बाद में जब परिजनों से संपर्क हुआ, तो पिता अनिल ने किसी तरह गांव में लोगों से चंदा जुटाया और झांसी के लिए निकल पड़े. करीब 600 किलोमीटर का लंबा सफर तय करने के बाद वह झांसी पहुंचे और बेटे के शव की पहचान की.

पिता की आंखों में बेटे को खोने का गम

पोस्टमार्टम की औपचारिकताओं के बाद पिता सुनील का शव लेकर सिद्धार्थनगर लौटे लेकिन इस बार उनका बेटा जिंदा नहीं था. पिता की आंखों में बेटे को खोने का गम और बेबसी साफ झलक रही थी. गांव लौटते समय हर किसी की आंखें नम हो गईं.