Caste Census in UP: उत्तर प्रदेश में बीते कुछ दिनों के दौरान राज्य में जातिगत जनगणना (Caste Census) कराने की मांग तेज होने लगी है. खास तौर पर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने जोर शोर से इसकी मांग रखी है. जबकि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) ने भी इस मांग का समर्थन किया है. अब जातिगत जनगणना की मांग पर सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की पहली प्रतिक्रिया आई है. 


सीएम योगी से जब जातिगत जनगणना पर सवाल हुआ तो उन्होंने कहा, "जातिगत जनगणना पर काम राज्य सरकार नहीं कराती है. ये काम जनगणना आयोग कराता है. जो भी उनकी गाइडलाइन होगी राज्य सरकार उनके हिसाब से चलेगी और राज्य सरकार उसी आधार पर अपने काम को आगे बढ़ाएगी." सीएम योगी ने ये बयान एक निजी चैनल के साथ बातचीत में दिया है.


जब उनसे पूछा गया कि क्या आप उसके समर्थन में हैं, तब मुख्यमंत्री ने कहा, "जो भी भारत सरकार और जनगणना आयोग तय करेगा, हम उसके साथ में हैं." इसके बाद केशव प्रसाद मौर्य द्वारा जातिगत जनगणना का समर्थन करने पर उनसे सवाल हुआ. तब मुख्यमंत्री ने कहा, "वो किस संदर्भ में है, मेरी इसपर कोई चर्चा नहीं हुई है."


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केशव प्रसाद मौर्य का बयान
दरअसल, केशव प्रसाद मौर्य ने कहा था, "जातिगत जनगणना होनी चाहिए. मैं जातिगत जनगणना का समर्थन करता हूं. इसमें कुछ भी गलत नहीं है." इससे पहले भी उन्होंने एबीपी न्यूज के शो प्रेस कॉफ्रेंस में जातिगत जनगणना की मांग का समर्थन किया था. 


तब डिप्टी सीएम ने कहा था, "मेरा सवाल उन लोगों से है. लेकिन हम इसके समर्थन में हैं, उसके विरोध में नहीं हैं. मैं जातिगत जनगणना के विरोध में नहीं हूं, बल्कि समर्थन में ही हूं. ये होनी चाहिए, इसमें कोई गलत नहीं है." 


जबकि अखिलेश यादव ने बीते दिनों कहा था, "जाति जनगणना कोई आज की मांग नहीं है. अंग्रेजों ने किसी जमाने में इस पर समझौता किया और संविधान के अधिकार तभी मिल सकते हैं जब जाति जनगणना सही पता होगा. समाजवादियों का मानना है कि जाति जनगणना होनी चाहिए, हमारी सरकार जैसे ही बनेगी हम जाति जनगणना कराएंगे."