Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) आज गोरखपुर (Gorakhpur) में ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज की 8वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे जहां उन्होंने महंत अवेद्यनाथ को श्रद्धासुमन अर्पित किए. इस मौके पर सीएम ने कहा कि सनातन संस्कृति, राष्ट्र और धर्म की समस्‍याओं से पलायन की अनुमति नहीं देती है. समाज, राष्ट्र और धर्म की समस्याओं को हमें खुद की समस्या मानकर उसका समाधान ढूंढना होगा. उन्होंने कहा कि समस्‍याओं से मुंह मोड़ने का प्रयास करने वाले जन विश्वास खो देते हैं. उन्हें वर्तमान और भावी पीढ़ी कभी माफ नहीं करती है.


सीएम योगी आदित्यनाथ ने दी श्रद्धाजंलि


मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ की 53वीं और ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज की 8वीं पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में आयोजित साप्ताहिक श्रद्धांजलि समारोह के श्रद्धासुमन अर्पित कर रहे थे. इस समारोह में सीएम योगी ने कहा कि गोरक्षपीठ की परंपरा सनातन धर्म की महत्वपूर्ण कड़ी है. आश्रम पद्धति कैसे संचालित होनी चाहिए, समाज, देश और धर्म के प्रति हमारी क्या जिम्मेदारी होनी चाहिए, इसका मार्गदर्शन इस पीठ ने किया है. ऐसे दौर में जब बहुतायत लोग भौतिकता के पीछे दौड़ते हैं, देशकाल व समाज के अनुरूप कार्यक्रमों से जुड़कर यह पीठ ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ व ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ द्वारा स्थापित आदर्शों को युगानुकूल तरीके से आगे बढ़ा रही है. उन्होंने कहा कि जब देश पराधीन था तब ये धार्मिक पीठ सीमित संसाधनों से शिक्षा का अलख जगाने के अभियान से जुड़ी थी


संतों ने आजादी के आंदोलन को दिया नेतृत्व
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूज्य संतों ने आजादी के आंदोलन को नेतृत्व दिया, उसके भागीदार बने और इस दिशा में गोरक्षपीठ की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही. जब धर्म भी पराधीनता के दंश को झेल रहा था तो गोरक्षपीठ खुद को कैसे अलग रख सकती थी. आजादी का आंदोलन हो या आजादी मिलने के बाद राष्ट्र निर्माण के अभियान को गति देने की बात, गोरक्षपीठ ने महंत दिग्विजयनाथ व महंत अवेद्यनाथ के नेतृत्व में निरंतर प्रयास किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या में प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण के मार्ग प्रशस्त होने से भारत के लोकतंत्र और न्यायपालिका की ताकत वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठित हुई है.


वैश्विक मंच पर बढ़ी भारत की प्रतिष्ठा


सीएम योगी ने कहा कि अब भारतीय नस्ल के गोवंश संरक्षण की वकालत वैश्विक मंचों से की जा रही है. अति भौतिकता के पीछे पड़कर अर्जित की गई गंभीर बीमारियों से बचने के लिए प्राकृतिक खेती पर दुनिया जोर दे रही है और प्राकृतिक खेती के लिए भारतीय ही गोवंश आधार होगा. इससे गाय भी बचेगी और मानवता को बीमारियों से मुक्ति भी मिलेगी. कुल मिलाकर वैश्विक मंच पर भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है और हम सभी को इस पर गौरव की अनुभूति करनी चाहिए.


इंसेफेलाइटिस से होने वाली मौतों पर कही ये बात
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में इंसेफेलाइटिस से होने वाली मासूमों की मौतों का भी उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि 1977 से 2017 तक प्रति वर्ष 1200  से 1500 बच्चे इस बीमारी के चलते दम तोड़ देते थे. 40 साल में 50 हजार मौतें हुईं. दम तोड़ने वाले बच्चे इसी समाज की धरोहर थे. 2017 के बाद से सरकार ने स्वच्छता के प्रति जन जागरूकता बढ़ाकर,शासन-प्रशासन के साथ जनता के सहयोग से बीमारी का समाधान निकाला. इन सब का परिणाम यह है कि इंसेफेलाइटिस से होने वाली मौतें अब शून्य की तरफ हैं.


पीएम मोदी के पंच प्रणों से जुड़ने का आह्वान


वर्तमान समय में अपना देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. आजादी के शताब्दी वर्ष तक हमारा लक्ष्य भारत को विकसित एवं दुनिया की महा-ताकत बनाने का होना चाहिए. इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हम सभी को विगत स्वाधीनता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए पंच प्रणों से जुड़ना होगा. हमें अपनी विरासत पर गौरव की अनुभूति करनी होगी. विकसित भारत बनाने के लिए अपने कार्य क्षेत्र के कर्तव्यों का ईमानदारी पूर्वक निर्वहन करना होगा. गुलामी के किसी भी अंग को स्वीकार नहीं करना होगा. हर भारतीय के मन में भाव होना चाहिए कि अपना देश व धर्म सुरक्षित है.


कई गणमान्य लोग रहे कार्यक्रम में शामिल


इस अवसर पर सांसद रविकिशन, राज्यसभा सदस्य डॉ राधामोहन दास अग्रवाल, भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष एवं एमएलसी डॉ धर्मेंद्र सिंह, महापौर सीताराम जायसवाल, गोरखपुर ग्रामीण के विधायक विपिन सिंह समेत कई मेहमानों ने श्रद्धांजलि अर्पित की. स्वागत संबोधन महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. उदय प्रताप सिंह और संचालन डॉ. श्रीभगवान सिंह ने किया.


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श्रद्धांजलि समारोह का शुभारंभ ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ और ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ के चित्रों पर पुष्पांजलि से हुआ. वैदिक मंगलाचरण डॉ रंगनाथ त्रिपाठी, गोरक्ष अष्टक का पाठ गौरव तिवारी, आदित्य पांडेय और महंत अवेद्यनाथ स्त्रोत का पाठ डॉ. प्रांगेश मिश्र ने किया. इस अवसर पर जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी विश्वेश प्रपन्नाचार्य, स्वामी विद्या चैतन्य, महंत नरहरिनाथ, महंत कमलनाथ, महंत लालनाथ, महंत देवनाथ, महंत राममिलन दास, महंत मिथलेश नाथ, महंत रविंद्रदास, योगी रामनाथ, गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ समेत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे. 


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