यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार प्रदेश आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को लेकर बड़ा फैसला लिया है. इसके तहत अब सभी विभागों में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की भर्ती केवल अधिकृत एजेंसियों के माध्यम से ही होगी. इसके लिये प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम के गठन का आदेश दिया है. 

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यूपी सरकार ने सभी सरकारी विभागों में आउटसोर्स कार्मिकों की भर्ती को लेकर कुछ नियमों को भी तय किए हैं. जिसमें कर्मचारियों को मिलने वाली सुविधाओं और वेतन को सुनिश्चित करने को कहा गया हैं. यानी अब प्रदेश में आउटसोर्सिंग में सिस्टमेटिक तरीके से होगी और इन कर्मचारियों के वेतन समेत तमाम मुद्दों पर जवाबदेही भी तय हो सकेगी. 

अधिकृत एजेंसी से होगी आउटसोर्स कार्मिकों के भर्ती

सीएम योगी ने साफ कर दिया है कि अब आउटसोर्स के सभी कर्मचारियों का ईपीएफ और ईएसआईसी सुविधा देना अनिवार्य होगा. इसके साथ ही ऐसे कर्मचारियों को समय से वेतन भुगतान की गारंटी देनी होगा और भर्ती प्रक्रिया में अनुशासन, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी. आरक्षण व्यवस्था का अनुपालन भी सुनिश्चित करना जरूरी होगा. 

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इससे आउटसोर्स के कर्मचारियों को काफी राहत मिलेगी. उन्होंने हर महीने की 1 से 5 तारीख तक वेतन का भुगतान करना होगा. वेतन सीधे बैंक खाते में जाएगा. समय-समय पर दक्षता बढ़ाने के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी. सभी कर्मचारियों का खाता खुलवाना और समय पर अंशदान जमा किया जाएगा.

भर्ती प्रक्रिया में मनमानी पर लगेगी रोक

इस व्यवस्था से जहां एक तरफ युवाओं को रोजगार में पारदर्शिता और सुरक्षा मिलेगी. इससे सीधी भर्ती और कर्मचारियों की भर्ती को लेकर होने वाली मनमानी पर रोक सकेगी. वहीं विभागों में मनमानी और भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगेगी. 

इससे पहले विभिन्न विभागों में आउटसोर्स एजेंसियों के द्वारा आउटसोर्स कर्मचारियों की सुविधाएं ली जाती थीं. ऐसे में कई बार कर्मचारियों को पूरा वेतन नहीं दिया जाता था और पारदर्शिता की भी कमी होती थी. कर्मचारियों को कई तरह की परेशानियों को सामना करना पड़ता था.  

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