Yogi Adityanath News: पिछले साल दिसंबर महीने में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हरदोई दौरे पर गए थे. इस दौरान अफ़सरों की बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया था. सीएम के दौरे की सूचना तीन दिन पहले ही दे दी गई थी, बावजूद इसके प्रशासन की ओर से कोई लचर तैयारियां हुई, इस मामले में दोषी अभियंताओं पर कार्रवाई की आदेश भी दिए गए लेकिन अधिकारी इस मामले को दबाने में जुट गए हैं. 

अखबार दैनिक जागरण की खबर के मुताबिक लापरवाही के मामले में दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की फाइल बेहद धीमी गति से चल रही है. जिससे साफ कि उन्हें बचाने की कोशिश की जा रही है. नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने तो चार्जशीट भी तैयार कर दी थी. लेकिन नगर निगम को इसे जांच अधिकारी तक भेजने में डेढ़ महीने का समय लगा गया. 

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कछुए की गति से चल रही जांचइस मामले में खाद्य और सफाई निरीक्षक देवेंद्र वर्मा को चार्जशीट के साथ निलंबित के साथ ही निलंबिक कर दिया गया था, ज़ोनल अधिकारी मनोज यादव को भी हटाकर नगर निगम से संबद्ध कर दिया गया है. लेकिन अवर अभियंता अरुण मेहता के मामले में जितनी धीमी गति से जांच आगे बढ़ रही है उस पर सवाल उठ रहे हैं.    इस मामले में नगर निगम जोन छह के अवर अभियंता रमन सिंह को दोषी पाया गया और उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए सहायक निदेशक सविता शुक्ला को जिम्मेदारी दी गई. लेकिन उनके खिलाफ कार्रवाई कछुए की रफ्तार से चल रही है. 

दरअसल बीते तीन दिसंबर को सीएम योगी आदित्यनाथ शकुंतला मिश्रा यूनिवर्सिटी जा रहे थे. इस दौरान अवर अभियंता रमन सिंह को तीन दिन पहले ही व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए गए थे. लेकिन, जब सीएम योगी यहां पहुंचे तो देवा रोड भ्रमण में कई तरह की अव्यवस्थाएं देखने को मिलीं, जिसे लेकर उच्च स्तर पर भी नाराजगी जताई गई थी. इससे नगर निगम की छवि पर भी बुरा असर पड़ा था. 

अवर अभियंता अरुण मेहता को अतिविशिष्ट कार्यक्रम की सूचना दी गई थी लेकिन उन्होंने समुचित व्यवस्था नहीं की. सीएम के दौरे के समय जगह-जगह गंदगी के ढेर दिए और सड़कों पर जल जमाव व गड्ढे मिले थे.