उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी प्रशांत कुमार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने बड़ी जिम्मेदारी दी है. प्रशांत कुमार को यूपी शिक्षा सेवा चयन आयोग का चेयरमैन बनाया गया है. रिटायरमेंट के बाद योगी सरकार ने उनको महत्वपूर्ण ओहदा सौंपा है. शिक्षा सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष के रूप में उनका 3 साल का कार्यकाल होगा. प्रशांत कुमार उच्च और माध्यमिक दोनों आयोग के अध्यक्ष होंगे.
सीएम के सबसे भरोसेमंद अफसर!
प्रशांत कुमार को सीएम योगी आदित्यनाथ के सबसे भरोसेमंद अफसर के तौर पर पहचान मिली. प्रशांत 1990 बैच के आईपीएस ऑफिसर हैं. इस साल मई महीने में वह रिटायर हुए थे. रिटायरमेंट के बाद योगी सरकार ने उन्हें बहुत अहम जिम्मेदारी सौंपी है. उन्होंने लगभग डेढ़ साल तक उत्तर प्रदेश के डीजीपी के रूप में कार्य किया.
योगी सरकार ने शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और चयन प्रक्रिया को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से उच्च शिक्षा सेवा चयन आयोग और माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन आयोग का विलय कर एकीकृत आयोग का गठन किया है। नए आयोग से शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को अधिक सुव्यवस्थित, समयबद्ध और पारदर्शी बनाने की दिशा में सरकार का यह बड़ा कदम माना जा रहा है।
कानून-व्यवस्था, प्रशासनिक सुधार और पुलिस आधुनिकीकरण के क्षेत्र में प्रशांत कुमार के लंबे अनुभव को जाना जाता है। अपने सेवाकाल के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए प्रदेश में कानून व्यवस्था को मजबूत करने और पुलिसिंग में संरचनात्मक सुधारों की दिशा में काम किया। अब शिक्षा सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष के रूप में उनकी नियुक्ति को प्रशासनिक अनुभव और संस्थागत नेतृत्व के प्रभावी उपयोग के तौर पर देखा जा रहा है.
किस राज्य के रहने वाले हैं प्रशांत कुमार?
प्रशांत कुमार मूल रूप से बिहार के सिवान जिले के रहने वाले हैं. अपने लंब प्रशासनिक करियर में उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया. प्रशांत कुमार एडीजी मेरठ जोन, डीजी लॉ एंड ऑर्डर और डीजी इकॉनमिक ऑफेंसेस विंग (ईओडब्ल्यू) का पदभार भी संभाल चुके हैं. बता दें कि प्रशांत कुमार की पत्नी डिंपल वर्मा आईएएस ऑफिसर रही हैं. रिटायर होने के बाद उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) के सदस्य के रूप में सेवाएं दे रही हैं.