मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में राष्ट्रीय पुस्तक मेले का शुभारंभ किया. इस दौरान उन्होंने भाजपा सांसद रवि किशन पर हल्के-फुल्के अंदाज में चुटकी लेते हुए कहा कि वे उनसे बात कर रहे थे और पूछा कि उन्होंने कौन-सी डिग्री ली है. इस पर रवि किशन ने जवाब दिया कि वे 12वीं पास हैं. 

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योगी ने मुस्कुराते हुए कहा कि पता नहीं जौनपुर के किस 'कैम्ब्रिज' से उन्होंने 12वीं पास की है. मैंने उनसे कहा कि इसका मतलब आप पढ़ते नहीं थे, तो वे बोले कि एक दिन में 100 पुस्तकें पढ़ लेते हैं.

पुस्तक ही मनुष्य की सच्ची साथी- योगी आदित्यनाथ

मुख्यमंत्री ने कहा कि मनुष्य के जीवन में पुस्तक ही उसकी सच्ची साथी होती है. आधुनिकता और डिजिटल युग में लोग मोबाइल और रील देखने में अपना अधिकांश समय व्यर्थ कर रहे हैं. ऐसे समय में युवाओं को अपनी ज्ञान-वृद्धि की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए पुस्तकों के अध्ययन की आदत बनाए रखनी चाहिए.

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दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में लगे 9 दिवसीय राष्ट्रीय पुस्तक मेला में अधिक से अधिक पुस्तकों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. यहां अनेक साहित्यकार और विद्वान लोग आएंगे उनसे अपने मन की जिज्ञासा को भी पूरा कर सकते हैं. सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि व्यक्ति की सही मार्गदर्शक और सच्ची साथी पुस्तक होती है. शब्दों को लिपिबद्ध करने की शुरुआत भारत के ऋषि परंपरा की देन है. 

रवि किशन को लेकर सीएम योगी ने ली चुटकी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि रविकिशन मुझसे कह रहे थे कि जब वे कैम्ब्रिज में पढ़ते थे, तो एक दिन में 100 पुस्तकें पढ़ लेते थे. उन्होंने मुझसे कहा कि वह 12वीं की डिग्री लिए हैं और कैम्ब्रिज से पढ़ें हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह अंदाज देखकर सभागार में बैठे लोग ठहाके मारकर हंसने लगे.

उन्होंने कहा कि यहां आकर पुस्तक महोत्सव का अवलोकन करें. 9 दिनों में विद्वानों के विचारों और सांस्कृतिक कार्यक्रम में आएं. रविकिशन जी जौनपुर के किस कैम्ब्रिज में पढ़े हैं, वे नहीं जानते हैं. लेकिन वे यहां आने वाले लोगों और बच्चों के लिए एक संस्कृतिके कार्यक्रम जरूर करें.

कार्यक्रम के दौरान क्या बोले सीएम योगी

गोरखपुर को साहित्य के लिए ऐतिहासिक धरती बताते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि फिराक गोरखपुरी इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्रोफेसर रहे हैं. गोरखपुर में जन्मे फिराक गोरखपुरी प्रख्यात साहित्यकार रहे हैं. पूरी दुनिया में उनका नाम रहा है. मुंशी प्रेमचंद जैसे उपन्यासकार ने यहां से कई कालजयी उपन्यास की रचना की. 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यहां पर बड़ा साहित्य का महाकुंभ 9 दिनों तक चलेगा. आज प्रोफेसर रामदरश मिश्र जी हमारे बीच नहीं हैं. उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिक्षा के प्रसार-प्रचार के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं. वे अक्सर बच्चों के बौद्धिक विकास के लिए उन्हें पुस्तकों को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते रहते हैं. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'इग्जाम वारियर्स' नाम की पुस्तक बच्चों के लिए लिखी है. उसे एक बार जरूर पढ़िए. प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए सम्बल देगा. कठिन परिस्थितियों में हिम्मत देगा. 

सीएम योगी ने दिल्ली का दिया उदाहरण

पुस्तकों से कुछ सीखने का संदेश देते हुए मुख्यमंत्री ने पर्यावरण संरक्षण के प्रति भी लोगों को आगाह किया उन्होंने दिल्ली का उदाहरण देते हुए कहा कि आज आप देख रहे होंगे दिल्ली गैस चैंबर की तरह हो गई है. इसकी वजह पर्यावरण का दोहन है. आप अपने गांव और शहर को इस स्थिति से बचाने के लिए संकल्प लेंगे और पर्यावरण को बचाने का प्रयास करेंगे, तो ऐसे हालात नहीं होंगे.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय कैंपस में 1 से 9 नवंबर तक चलने वाले 'प्रथम गोरखपुर पुस्तक महोत्सव' का शुभारंभ किया. राष्ट्रीय पुस्तक न्यास भारत, शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार की ओर से इस पुस्तक मेला का शुभारंभ किया गया है. 

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में आयोजित हो रहा है पुस्तक मेला

यह 9 दिवसीय गोरखपुर पुस्तक महोत्सव उत्तर प्रदेश सरकार और पंडित दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है. इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश कुमार अवस्थी, राष्ट्रीय पुस्तक न्यास भारत के अध्यक्ष प्रो. मिलिंद सुधाकर मराठे, डीडीयू की कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन व एनबीटी इंडिया के सलाहकार परिषद के सदस्य आचार्य पवन त्रिपाठी भी उपस्थित रहे. 

इस पुस्तक महोत्सव में 100 से अधिक प्रकाशकों के 200 से भी अधिक पुस्तकों के स्टाल लगाए गए हैं, जिसमें हिंदी, अंग्रेजी और अनेक भारतीय भाषाओं की हजारों पुस्तक प्रदर्शित की जाएंगी. इसमें बाल मंडप और साहित्य मंच पर नामचीन लेखकों-वक्ताओं के साथ संवाद, कार्यशालाएं और चर्चाएं आयोजित होंगी. साहित्यिक मंच पर गोरखपुर और उत्तर प्रदेश के अन्य हिस्सों से जुड़ी जानीमानी साहित्यिक हस्तियों को सुनने का अवसर मिलेगा. राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय में 3000 से अधिक ई-पुस्तकों तक नि:शुल्क पहुंचा जा सकता है.