Uttarakhand News: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज प्रधानमंत्री मोदी से संसद भवन में लगभग एक घंटा मुलाकात की. इस मुलाकात में सीएम धामी ने प्रधानमंत्री मोदी को जहां उत्तराखंड आने का न्योता दिया. वहीं उत्तराखंड की तमाम लंबित जल विद्युत परियोजनाओं के मुद्दे पर भी प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह किया.


इसके अलावा सीएम धामी ने प्रधानमंत्री से काली नदी पर बनने वाला डैम, हिम प्रहरी योजना, सीमांत गांव को लेकर वाइब्रेंट विलेज योजना को लेकर भी चर्चा की. इसके अलावा मानस खंड कॉरिडोर को लेकर धामी सरकार तेजी से जोर शोर से जुटी हैं ऐसे में संभावना ये हैं की पीएम मोदी को इस कोरिडोर की शुरूआत कराई जाएगी जिसके तहत प्रधानमंत्री को उत्तराखंड आने का न्योता भी दिया गया है. वहीं सीमावर्ती और डार्क विलेज को लेकर के भारत नेट योजना समेत कई मुद्दों पर पीएम से सीएम धामी ने चर्चा की है.


सीएम धामी ने कही ये बात


सीएम धामी ने कहा कि जलविद्युत परियोजनाएं उत्तराखंड की आर्थिकी के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं. राज्य गठन के समय भी जलविद्युत परियोजनाएं केंद्र बिंदु में थीं. लेकिन बीते कुछ सालों में इस क्षेत्र में प्रगति इसलिए नहीं हो पाई कि कहीं पर उच्चतम न्यायालय का और कई मंत्रालयों के आपसी निपटारे में समन्वय ना हो पाने की वजह से यहां परेशानी आई. सीएम धामी ने कहा कि उन्होंने पीएम मोदी से अनुरोध किया है कि इन जल विद्युत परियोजनाओं को फिर से चालू के लिए जल्द से जल्द पीएमओ के स्तर पर विचार करने का आग्रह किया है.


उन्होंने कहा कि इसमें भारत सरकार का जल शक्ति मंत्रालय, वन पर्यावरण मंत्रालय, ऊर्जा मंत्रालय और राज्य सरकार की सहभागिता होती है. ऐसे में इन 44 परियोजनाओं पर जैसे ही काम करने की सहमति मिलती है, जो राज्य के लिए आगे का जल विद्युत के क्षेत्र में उत्पादन होगा. इसके साथ ही 'भारत नेट' के दूसरे चरण पर भी बात हुई. भारत के शुरू होने से 600 गांवों को इंटरनेट सेवाएं मिल सकेंगी.


असदुद्दीन ओवैसी के बयान पर कही ये बात


सीएम पुष्कर सिंह धामी ने असदुद्दीन ओवैसी के बयान पर कहा कि कुछ लोग हमारी सेना और उनकी क्षमताओं पर सवाल उठाते रहते हैं. उनके लिए राजनीति देश से पहले आती है. इसलिए वो पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं. दरअसल, तवांग मामले पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री राजनीतिक नेतृत्व के मामले में नाकाम साबित हो रहे हैं.


9 तारीख को ये झड़प होती है और आप संसद में आज बताते हैं. अगर मीडिया इस पर बात नहीं करती तो फिर आप तो खामोश बैठ जाते. ये सब इनकी नाकामी है. देश के प्रधानमंत्री चीन का नाम लेने से डरते हैं. वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को संसद हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि उनकी सेवा, बहादुरी और बलिदान को देश कभी नहीं भूल सकता.