Uttarakhand Vatsalya Yojana: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वात्सल्य योजना की शुरुआत की है. उत्तराखंड में कोविड काल में अनाथ हुए 1062 बच्चों को अब वात्सल्य योजना का लाभ मिलेगा. डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के जरिए सीधे बच्चों के बैंक एकाउंट में सरकारी आर्थिक सहायता दी जाएगी. कोरोना की पहली और दूसरी लहर ने काफी कहर बरपाया है. कई बच्चे अनाथ हो गए जो अपने माता-पिता या दोनों में से किसी एक को खो चुके हैं. ऐसे बच्चों को वात्सल्य योजना से जोड़ा जा रहा है. वात्सल्य योजना के तहत कुल 1062 बच्चों को पहले चरण में 3 हाजार रुपए की धनराशि डीबीटी के माध्यम से दी गई. 


नौकरी में 5 फीसदी आरक्षण दिए जाने की घोषणा
पहले चरण के बाद अब दूसरे चरण में भी अनाथ बच्चों को चिन्हित करने की प्रक्रिया जारी है. कोरोना काल में अनाथ हुए सभी बच्चों को योजना का लाभ मिलेगा. इसके साथ ही, इस अवसर पर सीएम धामी ने इन अनाथ बच्चों को सरकारी नौकरी में 5 फीसदी आरक्षण दिए जाने की भी घोषणा की है. महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि ये योजना अनाथ बच्चों के लिए मील का पत्थर साबित होगी और सरकार हमेशा इनके साथ है. योजना से जुड़े बच्चों के अभिभावकों ने कहा कि सरकार ने उन्हें बड़ी राहत दी है. इस योजना का बच्चों को लाभ मिलेगा और बच्चे अपने भविष्य में अपने आप को निश्चित ही बेहतर साबित करेंगे.


सीएम बने मामा और बुआ बनी मंत्री रेखा आर्या 
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सीएम आवास में वात्सल्य योजना की शुरुआत की. कोरोना काल में अनाथ हुए सभी बच्चों को सीएम ने कहा कि वो आज से उनके मामा हैं और महिला एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या उनकी बुआ हैं. इसलिए, करोना काल में जितने भी बच्चे अनाथ हुए हैं वो अपने आपको अकेला ना समझें क्योंकि मुख्यमंत्री उनके मामा हैं और महिला एवं बाल विकास मंत्री उनकी बुआ हैं. सीएम धामी ने कहा कि प्रदेश सरकार सभी अनाथ बच्चों की भविष्य में हर संभव मदद करेगी.



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