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Uttarkashi Cloudburst News Highlights: धराली में सीएम धामी ने की अधिकारियों के साथ बैठक, NDRF-SDRF का रेस्क्यू ऑपरेशन है जारी
Uttarkashi Dharali Cloudburst LIVE Updates: उत्तराखंड के धराली गांव में मंगलवार को बादल फटने के कारण खीर गंगा नदी में आयी विनाशकारी बाढ़ में 5 लोगों की मौत हो गई और 400 लोगों को बचा लिया गया है.
बैकग्राउंड
उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिले के धराली में बादल फटने से ऊंचाई पर स्थित गांवों में मंगलवार को अचानक बाढ़ आ गई और कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए या तेज पानी...More
मौसम भी लगातार खराब चल रहा है जिस कारण रेस्क्यू के लिए भेजी गईं टीम भी जगह-जगह मार्ग में रुकी हैं. हैली सेवा द्वारा मौसम सही होने पर रेस्क्यू बल को घटनास्थल तक पहुँचाया जा रहा है. स्थानीय स्तर पर पूर्व से नियुक्त पुलिस बल, एस०डी०आर०एफ, एन०डी०आर०एफ, आईटीबीपी, आर्मी, फायर सर्विस व अन्य सहायक बल द्वारा रेस्क्यू कार्य निरन्तर गतिमान है.
सीएम धामी ने इस आपदा की घड़ी में केंद्र सरकार से मिल रहे सहयोग के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का विशेष रूप से आभार प्रकट किया और कहा कि भारत सरकार द्वारा समय पर दी गई सहायता से राहत कार्यों में तेजी लाई जा सकी है.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने धराली में बादल फटने और भूस्खलन की घटना पर कहा इस हादसे में घायल हुए लोगों के बेहतर से बेहतर इलाज की व्यवस्था की जा रही है. हम सभी मिलकर इस आपदा से निकलेंगे. इस समय हम सभी को उन पीड़ितों के साथ खड़ा होना है. ऑपरेशन शुरू हो चुका है और NDRF और SDRF के जवान वहां पहुंच चुके हैं, वहां बहुत मलबा है."
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट कर लिखा-"पौड़ी जिले के बुरांसी और बांकुड़ा गांव में अतिवृष्टि से नुकसान और कुछ लोगों के हताहत होने का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ. सूचना मिलते ही प्रशासन की ओर से गांव तक पहुंचने के लिए तीन दिशाओं चौंरीखाल, पाबौ और थलीसैंण से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर लोगों को हर संभव सहायता प्रदान की गई. अधिकारियों को घायलों को समुचित उपचार प्रदान करने एवं प्रभावितों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट करने के निर्देश दिए हैं."
आईएमडी वैज्ञानिक रोहित थपलियाल ने कहा, "उत्तरकाशी में कल शाम तक मध्यम बारिश हुई और 2-3 दिन पहले भी बारिश मध्यम ही थी. उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर ऐसा नहीं लगता कि इस क्षेत्र में बादल फटने के लिए पर्याप्त बारिश हुई हो."
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरकाशी के आपदा नियंत्रण कक्ष में अधिकारियों के साथ बैठक की और उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना के बाद स्थिति की निगरानी की.
सेना, आईटीबीपी के साथ ही एसडीआरएफ, पुलिस, राजस्व विभाग की टीमें बचाव अभियान में जुटी हुई हैं. प्रशासन ने इंटर कॉलेज हर्षिल, जीएमवीएन और झाला में राहत शिविर प्रारंभ किए हैं. इसके साथ ही क्षेत्र में बिजली और संचार नेटवर्क को बहाल किए जाने के प्रयास भी युद्धस्तर पर किए जा रहे हैं. एनआईएम और एसडीआरएफ लिम्चागाड में अस्थायी पुल निर्माण में भी जुट गई है. राज्य सरकार मंगलवार शाम को ही तीन आईएएस अधिकारियों के साथ ही दो आईजी और तीन एसएसपी स्तर के आईपीएस को राहत एवं बचाव अभियान में समन्वय के लिए उत्तरकाशी रवाना कर चुकी है.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज उत्तरकाशी में रहेंगे और धराली में राहत एवं बचाव कार्यों पर कड़ी नजर रखेंगे. मुख्यमंत्री लगातार अधिकारियों के साथ बैठकें कर बचाव अभियान की समीक्षा भी कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, सेना, आईटीबीपी और स्थानीय प्रशासन द्वारा पूरी तत्परता से बचाव अभियान चलाया जा रहा है.
उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में बादल फटने और बाढ़ से हुई भीषण आपदा पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गहरा दुख जताया है. उन्होंने कहा कि यह घटना अत्यधिक चिंताजनक और दुखद है. सूत्रों के अनुसार लगभग 75 लोग लापता बताए जा रहे हैं, जिनमें सेना के 6 से 8 जवान भी शामिल हैं. उन्होंने बताया कि खीरगंगा के मुहाने पर सेना का छोटा कैंप भी बह गया है, चार लोगों की मृत्यु की पुष्टि हो चुकी है. पूर्व सीएम रावत ने कहा कि धराली एक आधुनिक गांव के रूप में विकसित हो रहा था, जहां अच्छी खेती, बागवानी, होमस्टे और बाजार थे. उन्होंने आशंका जताई कि नुकसान की संख्या 75 से कहीं ज्यादा हो सकती है, नुकसान का सही आकलन प्रशासन ही कर सकेगा.
उत्तरकाशी के भटवाड़ी में सड़क धंसने से धराली से सड़क सड़क मार्ग का संपर्क टूट गया है. यही वजह है कि जो उत्तरकाशी और देहरादून से आईटीबीपी एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम धराली जा रही थी वो रास्ते में ही फंस गई है. फिलहाल सड़क को ठीक करने का कार्य जारी है लेकिन अभी फिलहाल तत्काल कोई राहत मिलती नजर नहीं आ रही है. भटवाड़ी के डीएफओ बलूनी का कहना है कि सड़क ठीक होने में कई घंटे लग सकते है और यही एक सड़क मार्ग है जिससे धराली जाया जा सकता है.
भारतीय सेना ने एक बयान में कहा कि उत्तराखंड में हर्षिल के निकट धराली के पास हुए विनाशकारी बादल फटने के बाद भारतीय सेना ने एक त्वरित और समन्वित मानवीय सहायता एवं आपदा राहत (HADR) अभियान शुरू किया है। कई सड़कों के टूटने और एक पुल के ढह जाने के कारण यह क्षेत्र वर्तमान में उत्तर और दक्षिण दोनों से कटा हुआ है। 225 से ज़्यादा सैन्यकर्मी, जिनमें पैदल सेना और इंजीनियरिंग टीमें शामिल हैं, खोज, बचाव और राहत कार्यों के लिए ज़मीन पर तैनात हैं। टेकला के पास रीको रडार के साथ 7 टीमें काम कर रही हैं। हर्षिल में खोज एवं बचाव कुत्ते तैनात हैं; रिमाउंट और पशु चिकित्सा केंद्रों से और भी कुत्ते आ रहे हैं.
उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना को लेकर उत्तराखंड से सांसद अजय भट्ट, माला राज्य लक्ष्मी शाह, त्रिवेन्द्र सिंह रावत और अनिल बलूनी ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की.
उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना को लेकर उत्तराखंड से सांसद अजय भट्ट, माला राज्य लक्ष्मी शाह, त्रिवेन्द्र सिंह रावत और अनिल बलूनी ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की.
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 'पूरा धराली आपदा की चपेट में आ गया है, और कल की घटना के बाद कई चरणों में वहाँ मलबा आया है. मैंने आज वहाँ जाकर लोगों से मुलाकात की, उनसे बात की और घटना की जानकारी ली. आपदा से सब कुछ तबाह हो गया. इसके साथ ही, शाम तक सेना के जवानों ने लगभग 190 लोगों को बचा लिया है. उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है. अभी घायलों को भी वहाँ से रेस्क्यू करके उत्तरकाशी लाया जा रहा है. कई जगहों पर भूस्खलन से पूरा संपर्क मार्ग पूरी तरह प्रभावित हुआ है. सरकार सभी व्यवस्थाएँ करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. प्रधानमंत्री ने भी हमें हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया है, और उनके मार्गदर्शन में हम आपदा पीड़ितों की समुचित मदद करेंगे.'
भारतीय वायु सेना ने एक बयान में कहा गया कि धराली में बाढ़ के बाद भारतीय वायु सेना तुरंत कार्रवाई में जुट गई है. बरेली स्थित Mi-17 और ALH Mk-III हाई अलर्ट पर हैं और आगरा से An-32 और C-295 विमान प्रभावित क्षेत्रों में मिशन के लिए देहरादून पहुँच चुके हैं. राहत और बचाव सामग्री पहुँचाने के साथ-साथ भारतीय वायु सेना और भारतीय सेना को बचाव अभियानों के लिए तैयार करने के लिए आगरा और बरेली स्थित वायु सेना स्टेशनों को रात में ही सक्रिय कर दिया गया था. हालाँकि सुबह घने कोहरे और बारिश के कारण उड़ानें सीमित थीं, फिर भी बेहतर दृश्यता के इस छोटे से अवसर का उपयोग भारतीय वायु सेना इस आपदा से निपटने के लिए नागरिक-सैन्य संयुक्त अभियान के लिए कर रही है
त्तराखंड में बादल फटने से हुए भारी भूस्खलन के बाद मूल रूप से केरल निवासी 28 पर्यटकों का समूह लापता हो गया है. परिवार के सदस्यों ने बुधवार को यह जानकारी दी.समूह में शामिल एक दंपति के रिश्तेदार ने मीडियाकर्मियों को बताया कि इन 28 लोगों में से 20 केरल से हैं जो महाराष्ट्र में बस गए हैं, जबकि बाकी आठ लोग केरल के विभिन्न जिलों से हैं. उन्होंने बताया कि दंपति के बेटे ने आखिरी बार उनसे एक दिन पहले बात की थी.
आपदा प्रभावित धराली गांव तक रेस्क्यू के लिए मशीनें इस पुल से गुज़रनी थीं, लेकिन यह कल रात बह गया. BRO पीछे लैंडस्लाइड जोन को दुरुस्त कर आज शाम तक बैली ब्रिज निर्माण सामग्री यहाँ तक लाने की कोशिश कर रहा है. उम्मीद है की कल बैली ब्रिज का निर्माण शुरू हो पाएगा, तभी रेस्क्यू ऑपरेशन तेज होगा.
सीएम धामी ने कहा कि धराली (उत्तरकाशी) पहुंच आपदा से हुए नुकसान का जायजा लिया एवं चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की समीक्षा की. इस दौरान स्थानीय लोगों, बुजुर्ग महिलाओं एवं घायलों से भेंट कर उनका कुशलक्षेम जाना. घायलों के समुचित उपचार हेतु अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए. संकट की इस घड़ी में राज्य सरकार हर प्रभावित परिवार के साथ खड़ी है. राहत कार्यों को गति देने के लिए दो हेलीकॉप्टरों से खाद्य एवं राहत सामग्री धराली पहुंचाई गई है. इसके अतिरिक्त चिनूक हेलीकॉप्टर की मदद से भारी मशीनों को भी धराली भेजा जा रहा है, जिससे राहत कार्यों में तेजी लाई जा सके. अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों में पेयजल, बिजली और संचार की व्यवस्था को यथाशीघ्र बहाल करने के निर्देश दिए हैं.
उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना से हर्षिल में अचानक आई बाढ़ के बाद भारतीय वायु सेना ने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी है, जिससे घाटी अलग-थलग पड़ गई है. बरेली स्थित Mi-17 और ALH Mk-III हाई अलर्ट पर हैं और आगरा से An-32 और C-295 विमान प्रभावित क्षेत्रों में मिशन के लिए देहरादून पहुँच चुके हैं. राहत और बचाव सामग्री पहुँचाने के साथ-साथ भारतीय वायु सेना और भारतीय सेना को बचाव अभियानों के लिए तैयार करने के लिए आगरा और बरेली स्थित वायु सेना स्टेशनों को रात में ही सक्रिय कर दिया गया था. हालाँकि सुबह घने कोहरे और बारिश के कारण उड़ानें सीमित थीं, फिर भी बेहतर दृश्यता के इस छोटे से अवसर का उपयोग भारतीय वायु सेना इस आपदा से निपटने के लिए नागरिक-सैन्य संयुक्त अभियान के लिए कर रही है.
हर्षिल, धराली में राहत एवं बचाव कार्य तेजी से चल रहा है. पुलिस, सेना, ITBP, NDRF, SDRF, FIRE आदि आपदा दल प्रभावित क्षेत्र में राहत एवं बचाव कार्य में जुटें हैं. अभी तक 8 स्थानीय लोग, 2 नेपाली मूल के व्यक्ति तथा 9 आर्मी जवानों के लापता होने की जानकारी प्राप्त हुयी है, जिसमें रेस्क्यू टीम द्वारा एक स्थानीय व्यक्ति के शव को बरामद किया गया है. गंगनानी के पास मार्ग अवरुद्ध होने के कारण जिलाधिकारी उत्तरकाशी, श्री प्रशांत आर्य एवं पुलिस अधीक्षक उत्तरकाशी श्रीमती सरिता डोबाल भटवाड़ी हेलीपैड से हेली के माध्यम से हर्षिल, धराली आपदा प्रभावित क्षेत्र के लिए रवाना हैं.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी धराली में बादल फटने और भूस्खलन की घटना स्थल पर पहुंचे. भारतीय सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और अन्य एजेंसियों द्वारा खोज और बचाव कार्य जारी है
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बादल फटने और भूस्खलन से प्रभावित धराली में स्थानीय लोगों और अन्य लोगों से मुलाकात की
हर्षिल - धराली में उत्पन्न हुई प्राकृतिक आपदा की स्थिति का मौके पर निरीक्षण करने के लिए जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक हेली से रवाना हुए तथा वर्तमान में मौके पर हैं. सरकार तथा प्रशासन द्वारा खाद्य आपूर्ति, स्वास्थ्य सेवाओं सहित राहत और बचाव के सभी इंतजाम सुनिश्चित किए जा रहे हैं.
उत्तरकाशी में कल यानी 7 अगस्त को भी कक्षा 1 से 12 तक स्कूल बंद रहेंगे. मौसम विभाग के अलर्ट के बाद ये फैसला लिया गया है.
भारतीय सेना ने कहा कि"अब तक 70 से ज़्यादा लोगों को बचाया जा चुका है. गंगोत्री और धराली में दो अतिरिक्त बचाव और राहत टुकड़ियाँ भेजी गई हैं. हर्षिल से धराली तक सड़क मार्ग खोलने के लिए ज़मीन खोदने वाले उपकरण तैनात किए गए हैं. फंसे हुए नागरिकों का पता लगाने के लिए ड्रोन और बचाव कुत्तों की मदद ली जा रही है. निकाले गए लोगों को चिकित्सा सहायता और भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है. खोज और बचाव अभियान जारी है, और हर प्रभावित व्यक्ति तक पहुँचने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है. भारतीय सेना प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता और सहयोग प्रदान करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है."
सीएम धामी ने धलारी के पीड़ितों से मुलाकात की. सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोस्ट में सीएम ने कहा कि धराली (उत्तरकाशी) में आई आपदा में प्रभावित लोगों के परिजनों से भेंट कर संकट की इस घड़ी में उन्हें हर संभव सहायता का आश्वासन दिया. इस आपदा ने कई परिवारों को अपार दुःख दिया है, हम उनकी पीड़ा को समझते हैं. हमारी सरकार पूरी तरह से प्रभावित परिवारों के साथ खड़ी है. आपदा प्रबंधन एवं राहत कार्यों को तेज़ी से संचालित किया जा रहा है. हमारी प्राथमिकता प्रत्येक लापता व्यक्ति की तलाश और प्रभावित परिवारों को पूर्ण सहयोग प्रदान करना है.
उत्तरकाशी में हाल ही में बादल फटने और अचानक बाढ़ की घटना के बाद हरिद्वार में भी प्रशासन ने गंगा के जलस्तर के खतरे के निशान को पार करने के कारण हाई अलर्ट जारी किया है.उत्तराखंड के कई हिस्सों में हो रही लगातार बारिश से गंगा नदी का प्रवाह तेज हो गया है और जलस्तर के और बढ़ने की आशंका है. हरिद्वार प्रशासन ने लोगों को गंगा घाटों और नदी किनारे जाने से मना किया है, साथ ही राहत और बचाव टीमें तैयार रखी हैं.
उत्तरकाशी के जिलाधिकारी प्रशांत आर्या ने कहा कि अभी तक 400 लोगों का रेस्क्यू हो चुका है. और आगे राहत एवं बचाव कार्य जारी है.
धराली में बादल फटने और भूस्खलन की घटना पर उत्तराखंड भाजपा अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने कहा, "यह बहुत दुखद घटना है और हम लगातार स्थिति पर नज़र रख रहे हैं. प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने भी इसका संज्ञान लिया है. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्वास्थ्य विभाग की टीमें वहां मौजूद हैं. आज शाम तक हमें पूरी जानकारी मिल जाएगी.."
ऋषिकेश में परमार्थ निकेतन आश्रम के आरती स्थल पर गंगा नदी का जलस्तर बढ़ा गया है.
कोटद्वार में लगातार 2 दिन से हो रही बारिश बाढ़ का कहर पौड़ी जनपद के पाबों पैठानी में भी दिखाई दिया. पौड़ी जिले में पाबों पैठानी मोटर मार्ग पर कलीगढ़ पुल ध्वस्त हो गया. मोटर पुल टूटने के वजह से गांव का संपर्क मार्ग हुआ बंद लोगों को आवा जाहि में हो रही दिक्कत। पाबों पैठानी मोटर पुल टूटने की वजह से नदी किनारे रह रहे लोगों में दहशत का माहौल है.
भाजपा सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तरकाशी के धराली में बादल फटने की घटना पर कहा, ".वहां काम शुरू हो गया है. घायलों का इलाज चल रहा है और उनको वहां उच्चतम सुविधा दी जा रही है.लोगों के रहने और खाने की व्यवस्था भी कर दी गई है.सरकार वहां लगातार निगरानी कर रही है.संचार व्यवस्था प्रभावित हुई है.मैं भी लगातार वहां कार्यकर्ताओं के संपर्क में हूं.सरकार सड़क खोलने के भी प्रयास कर रही है."
धराली जाने के रास्ते में भटवाड़ी में संपर्क मार्ग कट गया है. मौके पर तैनात बीआरओ कर्मा ने कहा कि कोई दूसरा रास्ता नहीं है. इसी रास्ते से जाना है. यह रास्ता दो से ढाई घंटे में तैयार हो जाएगा. पांच किलोमीटर आगे एक पुल टूटा है, वह ठीक होगा फिर रास्ता क्लियर होगा.
धराली त्रासदी को लेकर चौंकाने वाली खबर सामने आई है. सीएम धामी के धराली से जाते ही डीएम रास्ते से लौट गए. वह सीएम के पास उत्तरकाशी लौट आए.
उत्तराखंड में बादल फटने और भूस्खलन की घटना पर भाजपा सांसद कंगना रनौत ने कहा, "इस घटना से हर कोई दुखी है. पहाड़ों में रहने वाले लोग ऐसी प्राकृतिक आपदाओं के बाद डर में हैं. हम प्रार्थना कर रहे हैं कि स्थिति जल्द सुधर जाए."
धराली पहुंची एनडीआरएफ की टीम ने कहा कि 150 लोगों का रेस्क्यू हुआ है और 4 लोगों की मौत हुई है. लोकल रिसोर्स के माध्यम से सेना और ITBP मौजूद हैं. वहां ndrf की 3 टीमें रास्ते में हैं क्योंकि रास्ता बाधित हैं. हर्षिल में आर्मी के 11 जवान लापता हैं. सुखीटॉप में कोई हताहत नहीं हुआ है . ऋषिकेष - उत्तरकाशी हाईवे बाधित है . जैसे ही मौसम खुलेगा कार्रवाई आगे जारी रहेगी . रिलिफ कैंप स्थापित किया जा रहा है . एनडीआरएफ की टीम समन्वय बना कर रखी है. ज्यादा सूचना मिलने पर समन्वय बना कर कार्रवाई की जाएगी . राहत शिविर लगाया गया है, 150 लोगों को बचाया गया है बाकि लोगों की खोज हो रही है.. 60 लोग वहां एयरपोर्ट पर मौजूद हैं. स्टैंडबाय पर हमारी टीम पंतनगर, जोशीमठ में मौजूद हैं. अगर उनकी जरूरत होगी तो उन्हें भी भेजा जाएगा
उत्तरकाशी के धराली में बादल फटने की घटना पर भाजपा सांसद अजय भट्ट ने कहा, "बहुत दुखद घटना है, पूरा देश दुखी है.प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री पल-पल की खबर ले रहे हैं.कुछ जगहों पर सड़कें टूटी हुई हैं.NDRF, SDRF, ITBP, सेना और पुलिस वहां लगातार कार्य कर रही है.अभी तक 120 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है…वहां मेडिकल की व्यवस्था की गई है."
उत्तरकाशी के धराली में बादल फटने की घटना पर कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, "यह बेहद दुखद है. हिमाचल प्रदेश और वायनाड में भी ऐसी ही घटनाएं घटी हैं.हमें रोकथाम के लिए एक व्यापक रणनीति बनाने की जरूरत है ताकि ऐसी घटनाएं बार-बार न हों."
अखिलेश यादव ने कहा कि डॉ लोहिया और समाजवादियों ने सबसे पहले नारा दिया था कि हिमालय बचाओ, नदियां बचाओ. हमें उम्मीद है उसी दिशा में हम सबको मिलकर काम करना चाहिए.
एबीपी न्यूज़ से एक्सक्लूसिव बातचीत के दौरान उत्तरकाशी के सीएमओ डॉ बी एस रावत ने कहा डॉक्टरों की टीम मौके पर मौजूद है राहत कैंपों में डॉक्टरों की टीम लोगों का प्राथमिक उपचार कर रही है हमारे करीब 25 एंबुलेंस और ऑन द वे हैं लेकिन संपर्क मार्ग टूटने की वजह से वह मौके पर नहीं पहुंच पा रही हैं लेकिन कई एंबुलेंस और डॉक्टरों की टीम धराली में मौजूद है जहां पर वह लगातार लोगों का उपचार कर रही है . लोगों को मानसिक रूप से भी स्वस्थ करने के लिए मनोचिकित्सकों की टीम भी धारा ली भेजी गई है ताकि उन्हें मानसिक तौर से भी स्वस्थ किया जा सके क्योंकि जिस तरीके का मंजर लोगों ने कल देखा है उसे लोगों के अंदर एक डर का माहौल है और उसे डर से लोगों को बाहर निकालने के लिए मनोचिकित्सक की भी टीम धारली भेजी गई है हालांकि जैसे ही संपर्क मार्ग ठीक हो जाएगा उसके बाद एंबुलेंस और डॉक्टरों की टीम मौके पर पहुंचेगी
आपदा के बाद गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग जगह-जगह से बंद है. मनेरी के पास भागीरथी नदी के कटाव से रोड धंसने की संभावना है. चड़ेथी के पास रास्ता बंद है, पापड़ गाड़ में भारी भूस्खलन आने से मार्ग बंद हो गया है. गंगनानी से आगे का मार्ग भी बंद है. इसके अलावा सुखी टॉप के सात नाले बंद हैं. गंगोत्री नेशनल हाईवे मनेरी डिडसारी के समीप 50 मीटर सड़क धंस गई है. उत्तरकाशी-हर्षिल मार्ग पर विभिन्न स्थानों पर भूस्खलन के कारण अवरुद्ध सड़कों को जेसीबी की मदद से साफ किया जा रहा है.
सीएम धामी ने एक पोस्ट में कहा कि उत्तरकाशी स्थित आपदा नियंत्रण कक्ष से वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों एवं सेना के प्रतिनिधियों के साथ राहत एवं बचाव कार्यों की गहन समीक्षा की एवं उन्हें राहत कार्यों को तीव्र गति से संचालित करने के निर्देश दिए. क्षेत्र में रेस्क्यू एवं मेडिकल कैंप्स की स्थापना कर दी गई है एवं प्रभावितों के लिए भोजन एवं आवश्यक सामग्री की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है. सड़कों को खोलने, मोबाइल कनेक्टिविटी बहाल करने तथा राशन व आवश्यक दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने का कार्य तेजी से चल रहा है. भारतीय वायुसेना के चिनूक व एमआई-17 हेलीकॉप्टर पूरी तरह से तैयार हैं, ताकि आवश्यकतानुसार शीघ्रतम उपयोग सुनिश्चित किया जा सके. हमारी सरकार राहत कार्यों को प्राथमिकता देते हुए प्रत्येक पीड़ित तक सहायता पहुँचाने हेतु प्रतिबद्ध है.
उत्तराखंड में लगातार बारिश के कारण NH-34 (उत्तरकाशी-गंगोत्री अक्ष) पर कई जगहों पर सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं, जिसमें पापड़गाड़ में 100 मीटर का बहाव और धराली के पास मलबे के कारण बड़ी रुकावटें शामिल हैं. खराब मौसम, लगातार बारिश और कीचड़ के बावजूद BRO द्वारा मरम्मत कार्य जारी है.
उत्तराखंड में बादल फटने और अचानक आई बाढ़ पर शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, "यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और डरावना है और यह याद दिलाता है कि विकास प्रकृति की कीमत पर नहीं हो सकता. प्रत्येक राज्य को विकास सुनिश्चित करते समय पर्यावरणीय चुनौतियों और प्रकृति के प्रकोप पर विचार करना चाहिए. मुझे उम्मीद है कि उत्तराखंड सरकार द्वारा खोए और घायल हुए प्रत्येक व्यक्ति को पर्याप्त मुआवजा दिया जाएगा और उनकी देखभाल की जाएगी."
उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूसीएडीए) के सीईओ आशीष चौहान ने कहा-, "हमारे पास 4-5 हेलिकॉप्टर उपलब्ध हैं. जैसे ही मौसम अनुकूल होगा, हम हवाई प्रयास शुरू कर देंगे. हर्षिल हेलीपैड जलमग्न है."
.उत्तराखंड में मौसम विभाग ने पांच जनपदों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. इनमें देहरादून, नैनीताल, चंपावत, उधमसिंहनगर एवं बागेश्वर में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है, जिसके मद्देनजर नौ जनपदों में छुट्टी का आदेश जारी किया गया है.पौड़ी, अल्मोड़ा, बागेश्वर जनपदों में सुरक्षा के लिहाज से आज स्कूलों को बंद किया गया है. कक्षा 1 से 12वीं तक के सभी शैक्षणिक संस्थानों और आंगनबाड़ी केंद्रों में अवकाश रहेगा.
उत्तराखंड के कई जनपदों में बारिश का अलर्ट है. मौसम विभाग ने राज्य के पांच जनपदों के लिए बारिश का अलर्ट जारी किया है. इससे पहले मंगलवार को उत्तराकाशी में बादल फटने की घटना से बड़े पैमाने पर जानमाल का नुकसान हुआ है.
सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता विकास त्यागी ने कहा, "बारिश का मौसम है और मौसम विभाग की तरफ से अलर्ट जारी है.उत्तराखंड के 11 जिलों में बारिश हो रही है उसका असर हरिद्वार के गंगा नदी के जलस्तर पर भी हुआ है. कल इसका लेवल 293 के आसपास था जो कि यहां का चेतावनी स्तर है आज वो बढ़कर खतरे के निशान के आसपास है. हालांकि खतरे के निशान तक नहीं पहुंचा है. लेकिन जिस तरह से बारिश हो रही है तो आज खतरे के निशान के आस पास रहेगा....लेकिन हरिद्वार में चिंताजनक स्थिति नहीं है. स्थिति बिल्कुल कंट्रोल में है...हमारा प्रशासन के साथ संपर्क है प्रशासन सक्रिय है.. "
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरकाशी के धराली में बादल फटने और अचानक आई बाढ़ से प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया
उत्तरकाशी के आपदा प्रभावित धराली क्षेत्र के निरीक्षण के लिए रवाना हो रहा हूं. राहत एवं बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी है. प्रभावितों को शीघ्र एवं समुचित सहायता पहुंचाने हेतु हम पूर्ण सतर्कता एवं तत्परता के साथ कार्यरत हैं.
CM ने कहा कि जिन अधिकारियों ने पूर्व में यहां सेवाएं दीं थीं, उनको यहां तैनात किया गया है. बिजली को फिर से रिस्टोर करने का काम जारी है. अभी मोबाइल टावर काम नहीं कर पा रहा है, मौके पर स्थानीय लोग और जिला पंचायत प्रतिनिधि हैं, वो लोगों से संपर्क कर रहे हैं.
सीएम धामी ने कहा कि कल जो आपदा आई है, उसमें सभी एजेंसियां काम कर रहीं हैं. सभी लोग आगे आकर बचाव के काम में लगे हैं. कल लगभग 130 लोगों को रेस्क्यू किया गया है. अभी लगातार खोजबीन जारी है. रास्तों में चूंकि काफी ज्यादा मौसम खराब होने के कारण से अनेक स्थानों पर रास्ते क्षतिग्रस्त हो गए हैं. कई जगह पहुंचना मुश्किल हो रहा है फिर भी एजेंसियां अपने काम पर लगीं हैं.
मुख्यमंत्री धामी उत्तरकाशी के धराली में आई आपदा का सीएम निरीक्षण करने पहुंचे हैं. वह तबाही से हुए नुकसान का जायजा लेने पहुंचे हैं. सीएम उत्तरकाशी के जोशियाड़ा पहुंचे हैं.
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश के कारण, हरिद्वार के भीमगोड़ा बैराज पर गंगा नदी चेतावनी स्तर से ऊपर बह रही है. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने हरिद्वार जिला प्रशासन को हाई अलर्ट पर रहने, क्षेत्र स्तर पर तैयारियाँ सुनिश्चित करने, जल स्तर की निरंतर निगरानी करने और इस दौरान ऊपरी हिमालयी क्षेत्रों में पर्यटकों की आवाजाही प्रतिबंधित करने का निर्देश दिया है.
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी, धराली बाजार, हर्षिल एवं आसपास के क्षेत्रों में आपदा से हुई क्षति का निरीक्षण करने के लिए सहस्त्रधारा हेलीपैड से प्रस्थान कर चुके हैं.
सीएम धामी ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रातः काल फ़ोन पर धराली में चल रहे राहत और बचाव कार्यों की जानकारी ली. इस दौरान उन्हें रात भर चले बचाव कार्यों, घटनास्थल से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रेस्क्यू करने एवं ज़रूरी सेवाओं और संसाधनों की उपलब्धता के बारे में अवगत कराया. आदरणीय प्रधानमंत्री जी द्वारा हर संभव सहायता प्रदान किए जाने हेतु सहृदय आभार! रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी टीम से लगातार संपर्क में हूँ. घटनास्थल के निरीक्षण हेतु स्वयं भी धराली के लिए निकल रहा हूँ.
पीएम मोदी ने सीएम धामी से बात की है. उन्होंने धराली आपदा पर रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ली और साथ ही यह भी कहा कि केंद्र सरकार अपनी पूरी मदद करेगा.
प्रशासन की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार 150 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू कर के उनको राहत शिविरों में लाया गया है. हालांकि अभी भी 50 से ज्यादा लोग लापता हैं. लेकिन मौसम रेस्क्यू ऑपरेशन में बाधा बन रही है
उत्तराखंड के धराली में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. 34 सेकेंड के भीतर पूरा धराली, 5 अगस्त 2025 को उस वक्त तबाह हो गया जब बादल फटा और नाले उफान पर आ गए.
पहाड़ों में लगातार मूसलाधार बारिश जारी है, जिस कारण जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. मौसम विभाग की ओर से भी बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है. लगातार हो रही बारिश के बाद रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी डेंजर लेवल को पार करते हुए बह रही है. नदी किनारे स्थित सभी घाट व रास्ते जलमग्न हो गये हैं. नदी किनारे रहने वाले लोगों को अलर्ट पर रहने को कहा गया है.
उत्तरकाशी पुलिस ने बताया है कि सोशल मीडिया पर कुछ लोगों द्वारा गोंडा एक्सीडेंट की खबर को उत्तरकाशी, धराली आपदा से जोड़ा जा रहा है. उक्त तस्वीर का धराली आपदा से कोई संबंध नहीं हैं.
देहरादून जिले में बुधवार यानी आज भी स्कूलों में छुट्टी घोषित की गई है. देर रात जिलाधिकारी सविन बंसल ने इसको लेकर आदेश जारी किया है. इससे पहले जिलाधिकारी के हस्ताक्षर से एक फर्जी आदेश जारी किया गया था, जिस पर मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है. हालांकि, देर रात मौसम विभाग की चेतावनी के मद्देनजर जिलाधिकारी ने कक्षा 12 तक के सभी शिक्षण संस्थान बंद रखने के आदेश किए गए हैं.
उत्तराखंड के धरासू इलाके में अचानक सड़क पर पूरा पहाड़ गिर गया. बड़े-बड़े बोल्डर और पत्थर लगातार गिर रहे हैं, जिसकी वजह से दोनों तरफ से रास्ता बंद कर दिया गया है. आपदा कंट्रोल रूम को सूचना दे दी गई है. गनीमत ये रही की सुबह-सुबह गिर रहे इस पहाड़ की चपेट में कोई नहीं आया, वरना बड़ा हादसा हो सकता था.
उत्तरकाशी और धराली गांव में बारिश रुकने के बाद राहत बचाव कार्य शुरू हो गया है. धराली तक जाने वाली सड़क टूटी है. प्रशासन सड़क ठीक करने में जुटा है. अभी देहरादून से चली राहत बचाव टीमें नहीं पहुंच पाई हैं. भटवाड़ी गांव में मौजूद आगे रास्ता टूटा होने के चलते पहुंचना मुश्किल हो रहा है.
उत्तराखंड के प्रमुख सचिव आरके सुधांशु ने बताया कि 40 से 50 इमारतें क्षतिग्रस्त हुई हैं. उन्होंने बताया कि खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर की सेवाएं भी नहीं ली जा सकीं. स्थानीय लोगों ने बताया कि धराली बाजार का एक बड़ा हिस्सा आपदा में तबाह हो गया.
उत्तराखंड में बुधवार को भी मौसम से ज्यादा राहत मिलने की संभावना नहीं है. मौसम विभाग ने नैनीताल, चंपावत, उधम सिंह नगर, बागेश्वर, पौड़ी, टिहरी, हरिद्वार और देहरादून समेत सात जिलों में भारी बारिश का ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है.
रक्षा जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि धराली के खीरगाड़ में हुए विनाशकारी भूस्खलन के बाद, 14वीं राजरीफ के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल हर्षवर्धन, 150 कर्मियों के साथ महत्वपूर्ण बचाव और राहत कार्यों में लगे हुए हैं. यूनिट के बेस के बुरी तरह प्रभावित होने और 11 कर्मियों के लापता होने की आशंका के बावजूद, टीम अटूट दृढ़ संकल्प के साथ काम कर रही है. अब तक 20 लोगों को बचाया जा चुका है. इस बीच, बचाव कार्यों में अतिरिक्त टुकड़ियां भेजी जा रही हैं.
जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि उत्तरकाशी के धराली में बादल फटने से हुई दुर्घटना में कई लोगों के प्रभावित होने का समाचार अत्यंत दुखद है। मैं शोक-संतप्त परिजनों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं तथा घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूं।
रक्षा जनसंपर्क अधिकारी ने कहा कि धराली के खीरगाढ़ में हुए विनाशकारी भूस्खलन के बाद, 14वीं RAJRIF के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल हर्षवर्धन, 150 कर्मियों के साथ महत्वपूर्ण बचाव और राहत कार्यों में लगे हुए हैं. यूनिट के बेस के बुरी तरह प्रभावित होने और 11 कर्मियों के लापता होने की आशंका के बावजूद, टीम अटूट दृढ़ संकल्प के साथ काम कर रही है. अब तक 20 लोगों को बचाया जा चुका है. इस बीच, बचाव कार्यों में अतिरिक्त टुकड़ियाँ भेजी जा रही हैं.
उत्तराखंड में मौसम विभाग की बारिश की चेतावनी के मद्देनजर राज्य के अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चमोली और रुद्रप्रयाग जिलों में कक्षा 1 से 12 तक के सभी स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों के लिए अवकाश घोषित कर दिया गया है.
उत्तरकाशी में आई आपदा में अब तक कुल 138 लोगों का रेस्क्यू किया गया. हो रही बारिश रेस्क्यू में बाधा बन रही है. ,मौसम साफ होने पर सेना के हेलीकॉप्टर रेस्क्यू ऑपरेशन में लगेंगे
एसडीआरएफ के कमांडर अर्पण यदुवंशी ने कहा, ". जैसे ही हमें सूचना मिली, एसडीआरएफ की तीन टीमें घटनास्थल पर पहुंच गईं. गंगोत्री में लगभग 70-80 लोगों को बचा लिया गया है और सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है. पैरामेडिक्स की एक और टीम और उन्नत बचाव उपकरणों के साथ एक डॉग स्क्वायड भी जल्द ही घटनास्थल पर पहुंच जाएगा. कुल 80-85 एसडीआरएफ कर्मी देर रात या कल सुबह तक घटनास्थल पर पहुंच जाएंगे. एसडीआरएफ द्वारा बचाव और तलाशी अभियान युद्ध स्तर पर चल रहा है."
यूपी के मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फ़ोन पर बात की. सीएम योगी ने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की. सीएम ने सीएम धामी को हर संभव मदद का आश्वासन दिया.
सीएम धामी ने कहा कि हमारे लिए हर व्यक्ति की जान कीमती है, ग्राउंड जीरो पर तेजी से राहत कार्य किए जा रहे हैं। अब तक 80 से अधिक लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है. राहत एवं बचाव कार्यों के त्वरित सम्पादन के लिए शासन स्तर पर तीन अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई ह२. वायु सेना से भी मदद मांगी गई है। मैं स्वयं भी आपदा स्थल का निरीक्षण करूंगा। आपदा की इस घड़ी में पूरा देश पीड़ितों के साथ खड़ा है.
SDRF की पोस्ट भटवाड़ी व गंगोत्री से रेस्क्यू टीमें मय रेस्क्यू उपकरणों के घटनास्थल पर पहुँच गयी है। रेस्क्यू टीम द्वारा सैटेलाइट फोन के माध्यम से अवगत कराया गया कि आपदा प्रभावित क्षेत्र से अभी तक 130 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुँचा दिया गया है.SDRF की अन्य टीमें रास्ते मे है जो जल्दी ही प्रभावित क्षेत्र में पहुँच जाएगी.
उत्तराखंड के हरिद्वार में गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण पुलिस ने लोगों से घाटों से दूर रहने और सावधानी बरतने की अपील की है.
उत्तराखंड में मौसम विभाग की बारिश की चेतावनी के मद्देनजर, राज्य के चंपावत, पौड़ी और उधम सिंह नगर जिलों में कक्षा 1 से 12 तक के सभी स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों में अवकाश घोषित कर दिया गया है.
सपा चीफ अखिलेश यादव ने धराली पर कहा कि उत्तरकाशी के धराली में जो तबाही हुई है उसके पीछे प्रकृति के साथ कुछ स्वार्थी लोगों द्वारा किया जा रहा दुर्व्यवहार ही मूल कारण है. हमारी मांग है कि बचाव और राहत का कार्य युद्धस्तर पर किया जाए और लोगों के जीवन को बचाने का हर संभव प्रयास किया जाए. हर एक जीवन अनमोल है. पर्यावरण संरक्षण ही जीवन सरंक्षण की प्रतिभूति होता है.
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि, "धराली में आई आपदा के कारण काफी मलबा आ गया है और वहां बचाव कार्य तेज़ी से चल रहा है. सेना, आईटीबीपी और एसडीआरएफ की टीमें वहां पहुंच गई हैं. करीब 70-80 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है. इसके अलावा सभी विभाग सेना के साथ समन्वय बनाए हुए हैं. कुछ रास्ते भी बंद हो गए हैं. डीएम और एसपी मौके पर पहुंच रहे हैं. मौसम एक बड़ी चुनौती है. इस समय वहां बारिश भी हो रही है. इसके अलावा यहां सभी तरह की समीक्षा की गई है. स्वास्थ्य विभाग अपने स्तर पर डॉक्टरों की तैनाती कर रहा है. दवाइयों, भोजन आदि की तत्काल व्यवस्था कर रहा है और राशन वहां तक पहुंचे, यह सुनिश्चित करने के लिए पुलिस विभाग ने करीब 160 पुलिसकर्मी, 10 वरिष्ठ अधिकारी और तीन एसपी रैंक के अधिकारी वहां नियुक्त किए हैं. यहां से तीन नोडल अधिकारी भी नियुक्त किए गए हैं."
योगी सरकार में मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि उत्तराखंड के उत्तरकाशी जनपद स्थित धराली गाँव में अचानक बादल फटने से हुई जनहानि का समाचार अत्यंत हृदय विदारक है. इस भीषण आपदा में जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति मैं गहरी संवेदना व्यक्त करता हूँ. राज्य सरकार एवं राहत-बचाव दल पूरी तत्परता से पीड़ितों की सहायता में जुटे हैं. मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि इस भयावह दुर्घटना से प्रभावित सभी लोग शीघ्र सकुशल हों.
भारतीय सेना के अधिकारी ने बताया कि निचले हर्षिल क्षेत्र में एक शिविर से 8-10 भारतीय सेना के जवान लापता बताए जा रहे हैं. इस घटना में अपने ही लोगों के लापता होने के बावजूद, भारतीय सेना के जवान राहत कार्यों में लगे हुए हैं.
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में राहत कार्यों के लिए भारतीय वायु सेना के चिनूक एमआई-17 वी5, चीता और एएलएच हेलीकॉप्टर चंडीगढ़ वायु सेना अड्डे पर सक्रिय रूप से तैयार हैं. ये हेलीकॉप्टर आवश्यक उपकरणों और सामग्रियों के साथ तैयार हैं और प्रभावित क्षेत्रों में मौसम साफ होते ही उड़ान भरेंगे: वायुसेना अधिकारी
नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने कहा है कि उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में बादल फटने की घटना अत्यंत दुखद है. इस आपदा में हुए जन-धन के नुकसान से मैं हृदय से व्यथित हूँ. प्रभावित परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं. मैं उत्तराखंड सीएम से आग्रह करता हूँ कि राहत और बचाव कार्यों में पूरी तत्परता बरती जाए, घायलों के उपचार की समुचित व्यवस्था की जाए और प्रभावित लोगों को त्वरित मुआवजा एवं पुनर्वास प्रदान किया जाए. यह घटना हमें याद दिलाती है कि जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय असंतुलन के खतरे वास्तविक हैं और इनके समाधान के लिए ठोस व दीर्घकालिक कदम उठाने की आवश्यकता है.
अबतक करीब 40 लोगो को रेस्क्यू किया जा चुका है- अभी भी राहत बचाव का कार्य जारी है. लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाया जा रहा है. धराली में अचानक आई बाढ़ के दौरान अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय में ITBP द्वारा 37 ग्रामीणों (22 पुरुष, 11 महिलाएं और 4 बच्चे) को बचाया गया और सुरक्षित रूप से ITBP BOP कोपांग पहुँचाया गया.प्राथमिक उपचार प्रदान किया गया.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में राज्य आपदा परिचालन केंद्र में अधिकारियों के साथ बैठक की और उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना के बाद स्थिति का जायजा लिया.
उत्तराखंड सरकार ने कहा कि उत्तरकाशी में आई आपदा को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने अगले आदेश तक उत्तरकाशी जिले में तीन आईएएस अधिकारियों को तैनात किया है. सरकार ने एक आदेश में कहा है कि जनपद उत्तराकाशी के विकासखण्ड भटवाड़ी के ग्राम धराली क्षेत्र में दिनांक 05-08-2025 को बादल फटने से आई प्राकृतिक आपदा के दृष्टिगत आपदा प्रभावित क्षेत्र में यचाय एवं राहत कार्यों में जिला प्रशासन को साथ समन्यवय स्थापित करने हेतु निम्नलिखित अधिकारियों को तात्कालिक प्रभाव से अग्रिम आदेशों तक जनपद उत्तरकाशी में तैनात किया जाता है-
1-अभिषेक सहेला IAS-2015
2-मेहरबान सिंह बिष्ट IAS-2016
3- गौरव कुमार IAS-2017
उक्त तीनों अधिकारी आयुक्त-गढ़वाल के नियन्त्रण एवं दिशा-निर्देशों में कार्य करेंगे. उक्त अधिकारियों को निर्देशित किया जाता है कि वे तत्काल जनपद उत्तरकाशी के लिये प्रस्थान करेंगे.
उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना पर मंत्री सतपाल महाराज ने कहा, "यह बेहद दुखद और हृदय विदारक घटना है. बचाव कार्य के लिए सेना मौके पर पहुँच गई है, और एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें भी पहुँच गई हैं. मैंने ज़िलाधिकारी से फ़ोन पर बात की है और सभी आवश्यक कार्रवाई तुरंत की जा रही है
दोपहर में करीब 2 बजे NDRF को SDMA और न्यूज के माध्यम से मिली..तीन टीमें मनेरा, बरकोट और देहरादून से रवाना की गयी. देहरादून एयरपोर्ट पर दो टीमें हैं... बाई रोड टीम का मूवमेंट हुआ है. आर्मी, BRO, SDRF और स्थानीय प्रशासन है जो वहां पहुंच कर कार्यवाई कर रहे.. सभी ऐजेंसी को मिलकर काम कर रहे. स्थानीय प्रशासन से पूरी जानकारी नहीं मिली है.. 40-50 घर इस त्रासदी की चपेट में हैं और 40 -50 लोग घायल हैं और 4-5 लोगों की मौत हुई है लेकिन अभी पूरी जानकारी आनी बाकी है.हमारा आंकलन जारी है. मलबा गीला होता हैं अंदर नहीं जा सकते रेस्क्यू करने वाले को खुद को सेफ करना होगा तो रोप प्रेश्यू टोक्निक का इस्तेमाल किया जाता है कोई जीवित होता तो उसे पहले निकालने की कोशिश होती है फिर डेड बॉडी को निकालने की कोशिश होती है. दिल्ली से डॉग्स ( जो डेड बॉडी को मलबे के अंदर से खोजते हैं)) उनको रवाना किया गया है. इसके साथ ही कुछ सामान भी भेज गए हैं. राहत बचाव काम में समय लगेगा क्योंकि यो बडा फैलाव है
हर्षिल क्षेत्रान्तर्गत धराली में अचानक आये सैलाब से सारा धराली बाजार बाढ़ की चपेट में आ गया जिसमें कई लोगों के हताहत होने की आशंका है . मौके की गंभीरता को देखते हुए SDRF की रेस्क्यू टीमों को मौके के लिए रवाना किया . SDRF की कुल 10 टीमें घटनास्थल के लिए रवाना हो चुकी है . पोस्ट गंगोत्री व भटवाड़ी की टीम मौके पर पहुँचकर स्थानीय प्रशासन, पुलिस व बचाव इकाइयों के साथ मिलकर राहत एवं बचाव कार्य मे जूटी हुई है . जॉलीग्रांट से 50 जवानों को इन टीमों को ब्रीफ कर आवश्यक उपकरणों जैसे विक्टिम लोकेटिंग कैमरा, थर्मल इमेजिंग कैमरा, कटिंग टूल्स, आर.आर.सॉ, रोटरी हैमर ड्रिल, डायमंड टिप चैन सॉ, पोर्टबल जेनरेटर, मेडिकल ऐडस व सैटेलाइट फ़ोन जैसी ज़रूरी उपकरणों के साथ घटनास्थल के लिए रवाना किया गया . इसके साथ ही ढालवाला, चिन्यालीसौड़ व उजेली(उत्तरकाशी) से भी SDRF रेस्क्यू टीमें मौके के लिए रवाना हो चुकी है .
गढ़वाल से बीजेपी सांसद अनिल बलूनी ने कहा कि बड़ी भयानक दुर्घटना है . हमारी प्राथमिकता है जल्दी से जल्दी राहत और बचाव कार्य पूरा कर लिया जाए . केंद्र और राज्य सरकार की एजेंसियां लगातार राहत और बचाव कार्य में लगी है . हमने भी अभी गृहमंत्री से मुलाकात की है . केंद्र की तरफ से पूरी मदद दी जा रही है . उम्मीद है जल्दी से जल्दी बचाव कार्य पूरा कर लिया जायेगा .
उत्तरकाशी की एसपी सरिता डोबाल ने कहा कि हर्षिल, धराली क्षेत्र में हुई अतिवृष्टि/ बादल फटने की दुखद घटना से भारी जानमाल का नुकसान हुआ है. आपदा से धराली कस्बा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है, पुलिस, एसडीआरएफ,एनडीआरएफ, फायर, राजस्व, आर्मी व अन्य आपदा दल मौके पर राहत बचाव कार्य में जुटे हैं. रेस्क्यू टीमों द्वारा घटना स्थल के आस-पास फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. बादल फटने/अतिवृष्टि की घटना से हर्षिल के पास भागीरथी नदी पर एक अस्थायी झील डेवलप होने से निचले क्षेत्र में Flash Flood आने की सम्भावना है. उक्त प्रतिकूल परस्थिति व सुरक्षा के मध्यनजर भागीरथी नदी के आस–पास खतरे वाले स्थान पर निवासरत लोग अपने घरों को खाली कर सुरक्षित स्थान प्रवास करें.
बसपा चीफ मायावती ने लिखा कि पहाड़ी राज्य उत्तराखण्ड के उत्तरकाशी ज़िले के धराली गाँव में आज दोपहर बादल फटने से इलाके में आई बाढ़ व भूस्खलन में हुई मकान एवं होटल आदि ढहने सहित व्यापक तबाही तथा कई लोगों के लापता होने की भी ख़बर अति-दुखद एवं चिन्तनीय. केन्द्र व राज्य सरकार तत्परता से कार्य करते हुए पीडितों की हर प्रकार से ज़रूर मदद करेे तथा आगे के लिए ऐसे इलाकों में सुरक्षा उपायों को भी मज़बूत करे ताकि ऐसे आपदाओं में जान-माल की हानि को अवश्य ही कम किया जा सके.
प्रमुख सचिव आरके सुधांशु ने कहा, "पहली नज़र में, इस घटना को संभावित बादल फटने की घटना माना जा रहा है . ज़िला मजिस्ट्रेट और एसपी घटनास्थल पर जा रहे हैं . उनके पहुँचने और स्थिति का आकलन करने के बाद, हम उसके अनुसार उचित कार्रवाई करेंगे... हम वर्तमान में आपदा नियंत्रण कक्ष से स्थिति पर नज़र रख रहे हैं, और आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी..."
उत्तराखंड से सांसद महारानी बाला लक्ष्मी के साथ बातचीत बताते हुए की एक बहुत बड़ी दुर्घटना हुई है 2013 जैसी दुर्घटना का जिक्र किया, कल प्रधानमंत्री से भी मिलेंगे उत्तराखंड के सांसद.
अधिकारियों ने बताया कि उत्तराखंड के मातली में तैनात भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की 12वीं बटालियन से 16 सदस्यीय टीम धराली पहुंच गयी है, जबकि इसी बल की एक अन्य टीम को भी बादल फटने वाली जगह पर पहुंचने को कहा गया है. धराली गंगोत्री के रास्ते में मुख्य पड़ाव है और यहां कई होटल, रेस्तरां और होमस्टे हैं.
एम्स ऋषिकेश के पीआरओ संदीप कुमार का कहना है, "जैसे ही हमें यह जानकारी मिली, ट्रॉमा सेंटर को सूचित कर दिया गया कि अगर कोई भी मरीज अस्पताल आता है, तो उसे तुरंत उपचार प्रदान किया जाता है..."
ब्रिगेड कमांडर ब्रिगेडियर मंदीप ढिल्लों ने बताया, "आज लगभग 1345 बजे धराली गाँव में भूस्खलन और बादल फटने की घटना घटी. हर्षिल पोस्ट पर स्थित भारतीय सेना की टुकड़ी सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वाली और 10 मिनट के भीतर गाँव पहुँचने और बचाव अभियान शुरू करने वाली टुकड़ी थी. टुकड़ी में लगभग 150 जवान विशेष चिकित्सा उपकरणों, बचाव उपकरणों और डॉक्टरों के साथ हैं और ग्रामीणों को बचाने में लगे हुए हैं. अब तक लगभग 20 ग्रामीणों को बचाया जा चुका है और घायलों का इलाज चल रहा है. इसके बाद, हर्षिल में सेना के शिविर में भूस्खलन और बादल फटने की एक और घटना घटी..."
धराली में बादल फटने पर सीएम योगी ने कहा कि उत्तराखंड के धराली (उत्तरकाशी) क्षेत्र में बादल फटने की दुर्भाग्यपूर्ण घटना अत्यंत दुःखद एवं हृदय विदारक है। भगवान बदरी विशाल जी से इस दुर्घटना में प्रभावित लोगों के सकुशल होने की प्रार्थना करता हूं।
यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने धराली हादसे पर कहा- उत्तरकाशी के धराली क्षेत्र में हुई भीषण त्रासदी अत्यंत पीड़ादायक एवं हृदय विदारक है. इस दुःखद घटना से प्रभावित सभी परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं. ईश्वर से इस विकट दुर्घटना द्वारा प्रभावित लोगों की सुरक्षा एवं कुशलता की प्रार्थना करता हूँ. संकट की इस घड़ी में पूरा देश उनके साथ खड़ा है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि उत्तरकाशी (उत्तराखंड) में अचानक आई बाढ़ से हुई तबाही के विचलित करने वाले दृश्य देखे हैं. इस त्रासदी से प्रभावित लोगों की कुशलता की कामना करता हूँ. केंद्र और राज्य सरकार मिलकर काम कर रही हैं और बहुमूल्य जीवन बचाने के लिए हर संभव कदम उठा रही हैं.
ज़िला मजिस्ट्रेट प्रशांत आर्य ने कहा कि 'बादल फटने की वजह से एक साथ काफ़ी पानी नीचे आया है. वहाँ कई रेस्टोरेंट और होटल हैं. सेना की टीमें मौके पर भेज दी गई हैं. मुझे बताया गया है कि चार लोगों की जान चली गई है. हम घटनास्थल के लिए रवाना हो रहे हैं.'
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि उत्तराखंड के उत्तरकाशी ज़िले में स्थित गंगोत्री धाम के प्रमुख पड़ाव धराली में बादल फटने से आई विनाशकारी बाढ़ से हुई त्रासदी से प्रभावित नागरिकों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूँ . भोलेनाथ से प्रार्थना है कि सभी सुरक्षित हों और इस दुखद घटना में पीड़ित परिवारों को शीघ्र संबल मिले .
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष, रायबरेली सांसद राहुल गांधी ने कहा कि उत्तराखंड के धराली में बादल फटने से आई भारी तबाही के कारण कई लोगों की मौत और कई अन्य के लापता होने की खबर बेहद दुखद और चिंताजनक है. मैं प्रभावित परिवारों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं और लापता लोगों के जल्द से जल्द मिलने की आशा करता हूं. प्रशासन से अपील है कि राहत और बचाव कार्यों में तेज़ी लाएं. कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं से अनुरोध है कि राहत कार्यों में प्रशासन का सहयोग और ज़रूरतमंदों की हर संभव मदद करें.
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि उत्तराखंड के उत्तरकाशी स्थित धराली गांव के पास अचानक बादल फटने से हुई दुर्घटना में कई लोगों के प्रभावित होने का समाचार अत्यंत दुःखद एवं हृदयविदारक है . इस कठिन घड़ी में मेरी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं . भगवान श्री बद्री-केदार से इस भयावह दुर्घटना से प्रभावित लोगों की सुरक्षा एवं कुशलता की प्रार्थना करता हूं .
उत्तराखंड सीएमओ से जारी एक बयान में कहा गया- उत्तराखण्ड में जनपद उत्तरकाशी के धराली गांव में बादल फटने की दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गहरा दुःख प्रकट किया है. उन्होंने इस आपदा में जन-धन की हानि पर संवेदना व्यक्त की और प्रभावित परिवारों के प्रति सहानुभूति जताई. अमित शाह ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात कर घटना की विस्तृत जानकारी प्राप्त की तथा राज्य सरकार को हर संभव केंद्रीय सहायता का आश्वासन दिया. गृह मंत्री ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए एन.डी.आर.एफ एवं अन्य राहत एजेंसियों को तत्परता से कार्य करने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपना दौरा स्थगित कर तत्काल देहरादून के लिए रवाना हो गए हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी लगातार राज्य सरकार के संपर्क में हैं. केंद्र सरकार की ओर से प्रभावित क्षेत्र में तत्काल एवं आवश्यक सहायता सुनिश्चित की जा रही है.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर धराली (उत्तरकाशी) में बादल फटने की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के संबंध में जानकारी ली. इस दौरान मुख्यमंत्री ने उन्हें प्रदेश सरकार, एस.डी.आर.एफ, सेना और अन्य रेस्क्यू टीमों द्वारा चलाए जा रहे राहत एवं बचाव कार्य से अवगत कराया. मुख्यमंत्री ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने केंद्र सरकार की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया है.
धराली की घटना पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि उत्तराखण्ड के धराली (उत्तरकाशी) में बादल फटने से जो तबाही मची है वो बेहद हृदयविदारक है. कई लोगों की जान गई है और बहुत लोक लापता हैं. घर के घर उजड़ गए हैं. इस भयावह त्रासदी से प्रभावित लोगों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं और जो लोग लापता हैं उनके सकुशल होने की मैं प्रार्थना करता हूँ. मेरी सरकार और प्रशासन से अपील है कि राहत और बचाव के कार्य में तेज़ी लाएं और ज़रूरत पड़ने पर सहायता के लिए NDRF की और टीमें लगाई जाएँ.
हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल ने धराली घटना पर दुःख जताया. उन्होंने कहा कि उत्तरकाशी के धराली गांव में बादल फटने की घटना दुःखद है. पहाड़ों में इस तरह की प्राकृतिक आपदाएं निरंतर हो रही हैं जो चिंताजनक है.
धराली में बादल फटने की घटना पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा- उत्तरकाशी के धराली में हुई इस त्रासदी से प्रभावित लोगों के प्रति मैं अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं. इसके साथ ही सभी पीड़ितों की कुशलता की कामना करता हूं. मुख्यमंत्री पुष्कर धामी जी से बात कर मैंने हालात की जानकारी ली है. राज्य सरकार की निगरानी में राहत और बचाव की टीमें हरसंभव प्रयास में जुटी हैं. लोगों तक मदद पहुंचाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी जा रही है.
उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में आई आपदा के दृष्टिगत जिला प्रशासन उत्तरकाशी द्वारा निम्न हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं
01374-222126, 222722
9456556431
गढ़वाल मंडल आयुक्त विनय शंकर पांडे ने धराली (उत्तरकाशी) क्षेत्र में बादल फटने की घटना पर कहा, "दिन में करीब 1.30 बजे हमें सूचना प्राप्त हुई कि जनपद उत्तरकाशी में हर्षिल से 3 किलोमीटर आगे स्थित सप्त ताल से निकलने वाली क्षीर गंगा से तेज बहाव के साथ काफी बड़ी संख्या में मलबा बहकर आया... संपत्ति का काफी नुकसान हुआ है, हताहतों के बारे में बता पाना संभव नहीं है. जिला अधिकारी और SSP भी मौके पर पहुंचने वाले हैं. NDRF और SDRF की टीमें भी वहां पर भेजी जा चुकी हैं... सारी चीजों के प्रबंध किए जा रहे हैं..."
कांग्रेस नेता गणेश गोदियाल ने कहा कि उत्तरकाशी धराली क्षेत्र में बादल फटने से हुए भारी नुकसान का समाचार अत्यंत दुःखद एवं पीड़ादायक है. मैं ईश्वर से सभी के सकुशल होने की प्रार्थना करता हूँ .मेरी सरकार से अपील है पीड़ितों तक जल्द से जल्द हर संभव सहायता पहुंचाने का प्रयास करें.
उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना के संबंध में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव और गढ़वाल मंडल के आयुक्त सहित वरिष्ठ अधिकारी देहरादून स्थित राज्य आपदा परिचालन केंद्र में स्थिति की निगरानी कर रहे हैं.
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने लिखा कि उत्तराखंड में उत्तरकाशी स्थित धराली गाँव में अचानक बादल फटने से कई लोगों के हताहत होने का समाचार अत्यंत हृदय विदारक है. पीड़ितों की तत्काल सहायता के लिए उत्तराखंड सरकार समेत राहत बचाव दल पूरी तत्परता के साथ जुटा हुआ है. इस संकट की घड़ी में प्रदेश के सभी भाजपा कार्यकर्ता पीड़ितों की हरसंभव मदद के लिए संलग्न हैं. मैं पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूँ. मैं ईश्वर से इस भयावह दुर्घटना से प्रभावित सभी लोगों के सकुशल होने की प्रार्थना करता हूँ.
मांट विधायक राजेश चौधरी ने हादसे पर शोक जताया. उन्होंने लिखा कि उत्तराखंड के उत्तरकाशी के धराली में बादल फटने से हुई जनहानि बेहद ही दुःखद एवं हृदय को विचलित कर देने वाली है। मेरी संवेदनाएं शोकाकुल परिजनों के साथ हैं। बाबा केदारनाथ प्राकृतिक आपदाओं से सभी को राहत दें तथा विपदा की इस घड़ी में पीड़ित परिवारों को संबल प्रदान करें व घायलों को शीघ्र स्वस्थ लाभ प्रदान करें।
भारतीय सेना ने एक बयान में कहाकि आज दोपहर लगभग 1:45 बजे, हर्षिल स्थित भारतीय सेना शिविर से लगभग 4 किलोमीटर दूर, धराली गाँव के पास भूस्खलन हुआ. भारतीय सेना ने तत्परता से प्रतिक्रिया देते हुए, 150 कर्मियों को तैनात किया जो 10 मिनट के भीतर घटनास्थल पर पहुँच गए और तुरंत बचाव कार्य शुरू कर दिया. अब तक 15-20 लोगों को सफलतापूर्वक निकाला जा चुका है, और घायलों को हर्षिल स्थित भारतीय सेना के चिकित्सा केंद्र में शीघ्र उपचार दिया जा रहा है. खोज और बचाव कार्य जारी हैं, और फंसे हुए लोगों का पता लगाने और उन्हें निकालने के लिए सभी उपलब्ध संसाधनों का उपयोग किया जा रहा है. स्थिति पर निरंतर निगरानी रखी जा रही है, और भारतीय सेना प्रभावित नागरिकों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है:
केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने लिखा कि उत्तरकाशी में आई बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए मेरी प्रार्थनाएं हैं.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लिखा: "उत्तराखंड के धराली (उत्तरकाशी) में फ्लैश फ्लड की घटना को लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से बात कर घटना की जानकारी ली. ITBP की निकटतम 3 टीमों को वहाँ भेज दिया गया है, साथ ही NDRF की 4 टीमें भी घटनास्थल के लिए रवाना कर दी गई हैं, जो शीघ्र पहुँच कर बचाव कार्य में लगेंगी."
उत्तरकाशी पुलिस ने कहा कि, "उत्तरकाशी में, हर्षिल क्षेत्र में खीरगाड़ के बढ़ते जल स्तर के कारण, धराली में नुकसान की खबरों ने पुलिस, एसडीआरएफ, सेना और अन्य आपदा प्रतिक्रिया टीमों को घटनास्थल पर राहत और बचाव कार्यों में शामिल होने के लिए सूचित है."
धराली बादल फटने की घटना में स्थानीय प्रशासन ने चार लोगों के मौत की पुष्टि की है. उधर चश्मदीदों का दावा है कि 50-60 लोग लापता हैं. हालांकि लापता लोगों पर अभी तक कोई जानकारी स्पष्ट नहीं दी गई है.
उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, "मुझे उत्तरकाशी के धराली में बादल फटने की घटना की जानकारी मिली है... हम लोगों को बचाने के लिए काम कर रहे हैं. जिला प्रशासन, भारतीय सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के अधिकारी लोगों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं..."
मध्य कमान, भारतीय सेना ने एक बयान में कहा कि हर्सिल के पास खीरगाड़ क्षेत्र के धराली गाँव में एक भीषण भूस्खलन हुआ, जिससे बस्ती में अचानक मलबा और पानी का बहाव शुरू हो गया. आइबेक्स ब्रिगेड के जवानों को तुरंत तैनात किया गया और वे स्थिति का आकलन करने और बचाव अभियान शुरू करने के लिए प्रभावित स्थल पर पहुँच गए हैं. नुकसान का आकलन किया जा रहा है और राहत अभियान शुरू होने के साथ ही जानकारी दी जाएगी.
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा, "धराली (उत्तरकाशी) क्षेत्र में बादल फटने से हुई भारी क्षति का समाचार अत्यंत दुखद एवं व्यथित करने वाला है. एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, जिला प्रशासन एवं अन्य संबंधित टीमें युद्धस्तर पर राहत एवं बचाव कार्यों में लगी हुई हैं. इस संबंध में मैं वरिष्ठ अधिकारियों के निरंतर संपर्क में हूं तथा स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है. मैं ईश्वर से सभी की सुरक्षा की प्रार्थना करता हूं."
एसडीआरएफ के आईजी अरुण मोहन जोशी ने कहा कि, "सूचना मिलते ही हमारी नजदीकी एसडीआरएफ टीम मौके पर पहुंच गई है. दो अन्य इकाइयां पहुंचने वाली हैं. समन्वित तरीके से बचाव कार्य किया जा रहा है. पास की एनडीआरएफ, सेना की टीमें भी मौके पर पहुंच रही हैं. हमारे एसडीआरएफ बटालियन मुख्यालय में विशेष उपकरण, जो इस आपदा में काम आ सकते हैं, उन्हें भी भेजा जा रहा है... चाहे वह सेना हो, आईटीबीपी हो, या एनडीआरएफ हो, सभी टीमें मौके पर पहुंच रही हैं, और समन्वित तरीके से बचाव कार्य किया जा रहा है."
एनडीआरएफ ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की तीन टीमें - मनेरा, बटकोट और देहरादून से एक-एक - उत्तरकाशी में बादल फटने वाली जगह पर भेजी गई हैं। इसके अलावा, दो टीमें शस्त्रधार हवाई पट्टी पर एयरलिफ्ट के लिए तैयार हैं. इसके अलावा आईटीबीपी ने कहा किल आईटीबीपी की 12वीं बटालियन की एक और टीम भी उत्तराखंड के मातली से बादल फटने वाली जगह पर पहुंचने के लिए रवाना हो गई है.
उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना पर गढ़वाल मंडल के कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने कहा कि, "ताज़ा जानकारी के अनुसार, काफ़ी संपत्ति का नुकसान हुआ है और हताहतों के बारे में अभी कुछ कहना संभव नहीं है. हमारी सेना की टीम, जो हर्षिल में है, मौके पर पहुँच गई है. साथ ही ज़िलाधिकारी, एसएसपी भी वहाँ पहुँचने वाले हैं. एनडीआरएफ़, एसडीआरएफ़ को भी वहाँ भेजा गया है. पहली प्राथमिकता लोगों को बचाना है. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की पूरी टीम सक्रिय कर दी गई है... इन सब चीज़ों का इंतज़ाम किया जा रहा है..."
उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना पर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव आरके सुधांशु ने कहा "ज़िला मजिस्ट्रेट और एसपी दोनों घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं. जान-माल के नुकसान की आशंका है. हमने एसडीआरएफ़ के साथ-साथ एनडीआरएफ़ को भी भेजा है, और हम पहले आकलन कर रहे हैं, और जैसे ही हमें नुकसान का स्तर पता चलेगा, उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी..."
आईटीबीपी ने कहा कि भारत-तिब्बत सीमा बल (आईटीबीपी) की 16 सदस्यीय टीम बचाव कार्यों में सहायता के लिए उत्तरकाशी में बादल फटने वाली जगह पर पहुंच गई है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से धराली (उत्तरकाशी) क्षेत्र में बादल फटने से हुए भारी नुकसान पर बात की है. आईटीबीपी और एनडीआरएफ दोनों टीमों को घटनास्थल पर पहुँचने के निर्देश दिए गए हैं.
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