उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में मौसम विभाग की भारी बारिश की चेतावनी बिलकुल सही साबित हुई है. सोमवार देर रात से शुरू हुई भारी बारिश मंगलवार सुबह तक जारी रही, जिससे पूरे शहर का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया. सहस्रधारा क्षेत्र में बादल फटने से फ्लैश फ्लड आ गया, जिसमें कई दुकानें, होटल और घर क्षतिग्रस्त हो गए. दो लोग लापता बताए जा रहे हैं, जबकि IT पार्क क्षेत्र में जलभराव से सड़कें जाम हो गईं और लोग फंस गए. SDRF और NDRF की टीमें बचाव कार्य में जुटी हुई हैं. लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ही रहने की सलाह दी गयी है.

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इस बीच एक युवती ने बताया कि मैं सुबह से फंस चुकी हूं. मेरी गाड़ी पानी में फंस गई है, मैं तो एक बार रोने लगी. यही हाल अन्य फंसे लोगों का है, जो ऑफिस जाने के चक्कर में जाम में आ गए. देहरादून-हरिद्वार नेशनल हाईवे पर भी जलभराव से वाहन रुके हुए हैं.

देहरादून में भारी बारिश का कहर

मौसम विभाग ने देहरादून, चंपावत, बागेश्वर और नैनीताल जिलों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया था, जोकि सोमवार रात को बादल फटने के साथ चरम पर पहुंच गया. तमसा नदी उफान पर आ गई, जिससे तपकेश्वर महादेव मंदिर जलमग्न हो गया. सहस्रधारा में फ्लैश फ्लड ने मुख्य बाजार में मलबा भर दिया, जिससे कई दुकानें और होटल तबाह हो गए. मालदेवता क्षेत्र में 100 मीटर लंबी सड़क बह गई, जबकि फन वैली और उत्तराखंड डेंटल कॉलेज के पास एक पुल ध्वस्त हो गया. IT पार्क में पानी भरने से कई ऑफिसों में पानी घुस गया, और सड़कों पर जलभराव से भारी जाम लग गया है.

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बचाव कार्य जारी

SDRF ने 100 से अधिक लोगों को बचाया, जिसमें देवभूमि इंस्टीट्यूट के छात्र भी शामिल हैं. NDRF, PWD और पुलिस की संयुक्त टीमें बुलडोजर के साथ मलबा हटाने और लापता लोगों की तलाश में लगी हैं. जिलाधिकारी सविन बंसल और एसडीएम कुमकुम जोशी ने मौके का जायजा लिया. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया पर कहा कि सहस्रधारा में भारी बारिश से कुछ दुकानों को नुकसान हुआ है. जिला प्रशासन, SDRF और पुलिस राहत कार्य में जुटे हैं. मैं स्थानीय प्रशासन से लगातार संपर्क में हूं.भारी बारिश के चलते देहरादून में कक्षा 1 से 12 तक सभी स्कूल बंद कर दिए गए हैं.