Online Game Addiction Story: ऑनलाइन गेम की लत बच्चों पर बुरा प्रभाव डाल रही है. बच्चे उसमें इतना खो जाते हैं कि जैसे-जैसे गेम में उनको निर्देश मिलते हैं बच्चे वैसा ही कर गुजरते हैं. ऐसा ही एक मामला अलीगढ़ आरपीएफ में सामने आया है. दिल्ली के प्रीत विहार के रहने वाले एक बच्चे को ऑनलाइन गेम की ऐसी लत लगी कि गेम में हथियार खरीदने के लिए पहले उसने अपने पिता की जेब से पैसे चुराए, इसके बाद मां के गहने बेच दिए. 


अलीगढ़ जंक्शन आ गया बच्चा
पिछले एक माहीने के भीतर उसने 20 हजार रुपये के ऑनलाइन हथियार खरीद डाले. पकड़े जाने के डर से वो घर से भाग गया और दिल्ली से कालिंदी एक्सप्रेस में सवार होकर अलीगढ़ जंक्शन आ गया. यहां प्लेटफार्म पर जब घूम रहा था तब यात्रियों ने आरपीएफ को सूचना दी जिसके बाद आरपीएफ उसे अपने ऑफिस ले आई. आरपीएफ ने उससे पूछताछ की तो उसने पूरी हकीकत बताई. 


गेम का आदी हो गया
दरअसल, दिल्ली का रहने वाला 12 वर्षीय बालक दिल्ली के नामचीन स्कूल में छठी कक्षा का छात्र है. पिता नमकीन, चिप्स और स्नैक्स का कारोबार करते हैं. लॉकडाउन के चलते ऑनलाइन क्लास के लिए पिता ने उसे स्मार्ट फोन दिलाया था. बाद में बच्चे ने फोन में ऑनलाइन बैटल गेम डाउनलोड कर लिया. धीरे-धीरे वो उस गेम का आदी हो गया. गेम अपडेट के लिए उसे ऑनलाइन हथियार खरीदने थे तो वो अपने पिता की जेब से पैसे चुराने लगा. इलाके में ही रहने वाले एक युवक को वो पैसे देता था. युवक अपने खाते से गेम में ऑनलाइन हथियार खरीदकर देता था. इसकी एवज में युवक बच्चे से मोटा कमीशन लेता था. 


मां के गहने चुराए
एक बार उसने अपनी मां के गहने चुराए और उन्हें पास के ही ज्वेलर्स को बेच दिए. इससे मिली रकम से भी उसने ऑनलाइन हथियार खरीदे. करीब एक माह के भीतर उसने 20 हजार रुपये के ऑनलाइन हथियार खरीद डाले. जब घर में मां का ध्यान गहनों पर गया तो उनको जंजीर नहीं मिली. घर में तलाशी हुई, इससे बालक सहम गया. घरवालों को उस पर शक भी हुआ. पकड़े जाने के डर से वो परसों शाम घर से निकल नई दिल्ली स्टेशन पहुंचा और वहां से कालिंदी एक्सप्रेस में बिना टिकट ही सवार हो गया. 


बच्चे से की गई पूछताछ 
अलीगढ़ जंक्शन पर ट्रेन पहुंची तो वो यहां उतर गया और प्लेटफार्म दो पर घूमने लगा. उसके घूमने के वीडियो रेलवे के सीसीटीवी में भी है. प्लेटफॉर्म पर लोगों ने आरपीएफ को बच्चे के अकेले होने की सूचना दी. आरपीएफ द्वारा थाने लाकर की गई पूछताछ में बालक ने पूरी सच्चाई बताई. इसके बाद उसने अपने पिता का मोबाइल नंबर दिया. पिता को बालक के संबंध में सूचना दी गई. बालक को समझा बुझाकर पिता के सुपुर्द कर दिया गया. 


माता-पिता को बुलाया गया
इंस्पेक्टर आरपीएफ चमन तोमर ने बताया कि एक बच्चे के अकेला होने की सूचना मिली थी. उसको हमारे ड्यूटी ऑफिसर कार्यालय में लाए. उससे पूछताछ की तो उसने जानकारी दी और अपने घरवालों का नंबर दिया. जानकारी की गई तो घरवालों ने बताया कि बच्चे को मोबाइल गेम की लत लग गई है, इसलिए डर की वजह से घर से भाग आया है. बच्चे के माता-पिता को बुलाया गया और उनकी काउंसलिंग कर बच्चे को उसके उनके सुपुर्द कर दिया गया. 


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