Uttarakhand News: उत्तराखंड में इस बार चारधाम यात्रा (Chardham Yatra) कमाई का सबसे बड़ा साधन बनकर सामने आई. तीर्थाटन और पर्यटन दोनों ही लिहाज से यात्रा ने सरकार और व्यापारियों के चेहरे खिला दिए. जहां सरकारी संस्थाओं ने यात्रा के जरिए मोटी कमाई की है तो वहीं व्यापारी घोड़े खच्चर मालिक, टैक्सी संचालक और पार्किंग वाले भी काफी उत्साहित हैं लेकिन यात्रा को लेकर विपक्ष ने सरकार (Government of Uttarakhand) की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं.


बना ये रिकॉर्ड
उत्तराखंड में चार धाम यात्रा आर्थिकी का सबसे बड़ा साधन मानी जाती है. यात्रा पड़ाव पर रहने वाले लाखों लोगों की कमाई का सबसे बड़ा साधन चार धाम यात्रा ही है. यात्रा भले ही 6 महीने चले लेकिन इन 6 महीने में व्यापारी से लेकर तमाम स्थानीय लोग अच्छी कमाई कर लेते हैं. इस बार चार धाम यात्रा में अब तक तकरीबन 43 लाख के करीब यात्री पहुंच चुके हैं जो कि अब तक का रिकॉर्ड माना जा रहा है. 


हालांकि यमुनोत्री, गंगोत्री और बाबा केदार के कपाट बंद हो चुके हैं लेकिन अभी  बद्रीनाथ के कपाट खुले हैं. ऐसे में यह भी माना जा रहा है कि यात्रा अंत तक 45 लाख का आंकड़ा पार कर लेगी. सरकार का मानना है कि कुशल यात्रा प्रबंधन की बदौलत इस बार यात्रियों की संख्या में रिकार्ड इजाफा हुआ है. जीएमबीएन ने तकरीबन 40 करोड़ का कारोबार किया तो वहीं पंचायतों के जरिए संचालित हो रहे घोड़ा खच्चर मालिकों का कारोबार 200 करोड़ से ज्यादा पहुंच गया. वहीं हेली कंपनियां भी कमाई में पीछे नहीं रहीं.


हुआ आर्थिक लाभ
इस बार यात्रा से राज्य में आर्थिक गतिविधियों को बड़े स्तर पर बढ़ावा मिला है. स्थानीय उत्पादों के साथ साथ तमाम रोजगार करने वाले लोगों को आर्थिक तौर पर बड़ा लाभ हुआ है क्योंकि कोरोना के कारण पिछले 2 साल से यात्रा पर विराम लगा था लेकिन इस बार यात्रा से न सिर्फ सरकार उत्साहित है बल्कि स्थानीय लोगों के भी चेहरे खिले हैं. वही तीर्थ पुरोहित भी यात्रा सीजन से काफी खुश हैं और उनका मानना है कि सरकार आगामी दिनों में बेहतर व्यवस्था करेगी तो यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या दोगुनी हो जाएगी. चार धाम महापंचायत के प्रवक्ता बृजेश सती ने कहा कि इस बार यात्रा हर किसी के लिए खुशी लेकर आई है.


कांग्रेस ने लगाया आरोप
उधर इतनी बड़ी यात्रा के बाद भी विपक्ष ने सरकार की कई कमियां गिना दी हैं. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण महारा ने आरोप लगाया कि सरकार चार धाम यात्रा को लेकर बेहतर प्रबंधन नहीं कर पाई. करण माहरा ने सरकार पर बदइंतजामी का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण यात्रा 2 साल से नहीं हुई थी. इस वजह से यात्रियों की संख्या ज्यादा रही लेकिन जिस तरह से दुर्घटनाएं हुई हैं और यात्रियों की मौत हुई है वह सरकार का सबसे बड़ा फेलियर रहा.


Note Photo Controversy: केजरीवाल के 'नोटों पर फोटो' वाले बयान पर मंत्री संजय निषाद का पलटवार, जानिए- क्या कहा