Char Dham Yatra 2024: यदि आप भी यमुनोत्री धाम यात्रा करने की सोच रहे हैं तो ये खबर आपके लिए है. यमुनोत्री धाम यात्रा को सुगम और सुरक्षित करने को लेकर विशेष कार्य योजना (एसओपी) जारी की गई है. इसके मुताबिक जानकीचट्टी से यमुनोत्री एवं यमुनोत्री से जानकीचट्टी आने-जाने वाले घोड़े खच्चरों की संख्या अधिकतम 800 निर्धारित की गई है. इसके अलावा घोड़े खच्चर के आवागमन का समय सुबह 04:00 बजे से शाम 05:00 बजे तक निर्धारित किया गया है.


आदेश में कहा गया है कि, घोड़े खच्चरों की संख्या 800 पूर्ण होने के पश्चात खच्चर उसी अनुपात में जानकीचट्टी से भेजे जायेगें, जिस अनुपात में यमुनोत्री से खच्चर वापस आयेगें. प्रत्येक घोड़े खच्चर के प्रस्थान, यात्री के दर्शन और वापसी हेतु कुल 05 घंटे का समय निर्धारित किया जाता है. समयाविधि समाप्त होने की स्थिति में कोई भी घोड़े खच्चर किसी भी दशा में यात्रा मार्ग पर नहीं रहेगा. 


यात्रियों को इन बातों का रखना होगा ध्यान
यमुनोत्री धाम पहुंचने पर यात्रियों के दर्शन का आदि के लिए एक घंटे का समय निर्धारित किया गया है. अवधि समाप्त होने की स्थिति में घोड़ा/खच्चर संचालक यात्री के बिना वापस लौट आयेगा. डण्डी के आवागमन का समय प्रातः 04:00 बजे से साँय 04:00 बजे तक निर्धारित किया गया है. डण्डी के लिये आवागमन का समय 06 घंटा निर्धारित किया गया है और 50 के लॉट में छोड़े जायेंगे. एक लॉट के छोड़े जाने के पश्चात दूसरा लॉट 01 घण्टे के अंतराल में रोटेशन अनुसार छोड़ा जायेगा. डण्डी का संचालन बिरला धर्मशाला से किया जायेगा.


श्री यमुनोत्री धाम में घोड़ा पड़ाव से आगे किसी भी दशा में घोड़ा/खच्चर एवं डण्डी को पूर्णतः प्रतिबंधित किया गया है. यदि किसी व्यक्ति द्वारा इस आदेश का उल्लंघन किया जाता है, तो उस व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. यमुनोत्री धाम पैदल यात्रा मार्ग पर घोड़े खच्चर एवं डण्डी-कण्डी का संचालन तद्नुसार कराये जाने हेतु संबंधित विभाग एवं अधिकारीगण अपने स्तर पर तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया है. प्रशासन की तरफ से यह आदेश 20 मई 2024 को जारी किया गया है. इसके अलावा यमुनोत्री धाम में घोड़ा पड़ाव से आगे किसी भी दशा में घोड़ा / खच्चर एवं डण्डी को पूर्णत प्रतिबंधित किया गया है. आदेश का उल्लंघन करने पर कार्रवाई की जाएगी. एसओपी जारी के बाद ही यह व्यवस्था लागू कर दी गई है.


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