लखनऊ: प्रदेश सरकार ने कोरोना महामारी के कारण अनाथ हुए बच्चों के भरण-पोषण व शिक्षा-दीक्षा के प्रबंधन के लिए शुरू "मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना" का दायरा बढ़ाने का फैसला लिया है. सीएम योगी ने इस योजना के तहत राशि प्राप्त करने के लिए परिवार की न्यूनतम आय सीमा को 2 लाख से बढ़ाकर 3 लाख करने के निर्देश दिए हैं. सरकार के इस फैसले से हज़ारों बच्चों और उनके परिवार को बड़ी राहत मिलेगी.


आय सीमा को बढ़ाकर तीन लाख किया गया


कोरोना काल में बड़ी संख्या में बच्चों ने अपने माता पिता दोनों या उनमें से किसी एक को खोया है. इन बच्चों के भरण-पोषण व शिक्षा-दीक्षा के प्रबंधन के लिए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना शुरू की गई. इसके तहत प्रतिमाह 4 हज़ार रुपये सहायता राशि देने का प्रावधान है. योजना को जब शुरू किया गया तो ये शर्त रखी गयी कि सिर्फ उन्हीं को इसका लाभ मिलेगा जिनकी पारिवारिक आय 2 लाख रुपये तक होगी. लेकिन अब इस आय सीमा को एक लाख बढ़ाकर तीन लाख तय किया गया है.


3590 बच्चे चिन्हित किये गये


पहले ही प्रदेश में मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत 3,590 बच्‍चों को चिन्हित किया जा चुका है. इनमें करीब 500 बच्‍चे ऐसे हैं, जिन्‍होंने अपने माता-पिता दोनों को ही कोरोना काल में खो दिया. वहीं, बाकी वो बच्‍चे हैं, जिन्‍होंने माता-पिता में से किसी ए‍क को खोया है. लेकिन अब पारिवारिक आय की सीमा डेढ़ गुना तक बढ़ाये जाने के बाद और अधिक बच्चे इस योजना का लाभ पा सकेंगे.


निराश्रित महिला पेंशन योजना का भी लाभ मिले


सीएम योगी ने ये भी निर्देश दिए हैं कि यदि बच्चे की माता जीवित हैं तो उन्हें निराश्रित महिला पेंशन व अन्य पात्र योजनाओं से भी लाभान्वित कराया जाए. साफ जाहिर है कि ऐसे में कोरोना से प्रभावित परिवार को बड़ी राहत मिलेगी. बाल सेवा योजना में 4 हज़ार मासिक के साथ निराश्रित महिला पेंशन व अन्य योजनाओं का लाभ मिलने से परिवार को इस मुश्किल में संभालने का मौका मिल पायेगा.