Ayodhya News: हिंदू धर्म में आस्था रखने वालों के लिए 22 जनवरी का दिन खास होने जा रहा है जब अयोध्या (Ayodhya) के भव्य मंदिर में रामलला विराजमान होंगे. वहीं, श्रीराम जन्भूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय (Champat Rai) ने अपील की है कि देश में जिन भी लोगों पर संवैधानिक प्रोटोकॉल लागू होता है वे प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन अयोध्या न आएं क्योंकि इस दौरान उनका हम स्वागत नहीं कर पाएंगे. 


चंपत राय ने गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा, ''ऐसा कोई भी व्यक्ति जिसके साथ संवैधानिक प्रोटोकॉल है. वह प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन अयोध्या न आए. हमारे उनसे हाथ जोड़कर यही निवेदन है.राज्यों के सीएम, राज्यपाल, राजदूत इनके साथ संवैधानिक प्रोटोकॉल है. 22 जनवरी को उनकी सेवा हम भी नहीं कर पाएंगे और मुझे लगता है कि स्थानीय प्रशासन भी नहीं कर पाएगा. हमारी अपील है कि प्राण प्रतिष्ठा के दिन न आएं. उसके बाद जिस प्रांत के लोग जिस दिन आ रहे हैं उसी राज्य और प्रांत के मुख्यमंत्री आ सकते हैं.''



मंदिर में चल रहा युद्धस्तर पर काम
बता दें कि मंदिर निर्माण कार्य का काम अयोध्या में युद्धस्तर पर चल रहा है. मंदिर प्रशासन के मुताबिक दिसंबर 2025 को मंदिर के तीसरे और आखिरी चरण का काम संपन्न हो जाएगा. पहले चरण के तहत ग्राउंड फ्लोर बनाया जा रहा है, दूसरे चरण में दूसरी मंजिल और तीसरे चरण में तीसरी मंजिल बनाई जानी है. अगले वर्ष की शुरुआत से 161 फीट ऊंचे भव्य मंदिर के गर्भगृह में भक्त रामलला के दर्शन कर पाएंगे.


उधर, तीर्थ ट्रस्ट ने बड़ा फैसला करते हुए राम मंदिर के पुरोहितों और अन्य कर्मचारियों की सैलरी में भी इजाफा कर दिया है. उनकी सैलरी में 30-40 प्रतिशत की वृद्धि की गई है जो कि त्योहार से पहले उनके लिए बड़ी सौगात है. इसके अलावा उन्हें वीकली ऑफ और आवास भत्ता भी दिया. 


ये भी पढ़ें-  Haridwar: ट्यूशन टीचर ने महिला के पेंशन अकाउंट में की सेंधमारी, ऑनलाइन ठगी के तरीके से पुलिस भी हैरान