भारत के चार धामों में से एक बदरीनाथ धाम में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है. तापमान में लगातार गिरावट के चलते धाम में शीतलहर का असर तेज हो गया है. हालात ऐसे हैं कि बदरीनाथ में बहने वाली ऋषि गंगा पूरी तरह जम गई है. ठंड के कारण यह गंगा पहाड़ से झरने के रूप में बहने के बजाय वहीं जमकर बर्फ का रूप ले चुकी है. बताया जा रहा है कि बारिश न होने की वजह से क्षेत्र में कोरी ठंड पड़ रही है. रात के समय जमकर पाला गिर रहा है, जिससे बदरीनाथ धाम का तापमान माइनस आठ से माइनस दस डिग्री सेल्सियस तक पहुंच रहा है. अत्यधिक ठंड के चलते धाम के आसपास बहने वाले छोटे-बड़े नदी-नाले भी जमने लगे हैं. ऋषि गंगा के अलावा अन्य जलधाराएं भी बर्फ की परत में तब्दील हो रही हैं.
बदरीनाथ धाम में आम लोगों की आवाजाही पूरी तरह बंद
कपाट बंद होने के बाद से बदरीनाथ धाम में आम लोगों की आवाजाही पूरी तरह बंद है. वर्तमान में धाम में केवल सुरक्षा बलों के जवान, बदरी-केदार मंदिर समिति (बीकेटीसी) के कुछ कर्मचारी और मास्टर प्लान के तहत चल रहे कार्यों में लगे मजदूर ही मौजूद हैं. लगातार गिरते तापमान के कारण इन लोगों को भी कड़ी ठंड का सामना करना पड़ रहा है.
मौसम विभाग ने बर्फबारी और बारिश की जताई संभावना
इधर, मौसम विज्ञान केंद्र ने उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों के लिए रविवार को बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई है. मौसम विभाग के अनुसार चमोली, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और बागेश्वर जिलों के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश हो सकती है. वहीं, प्रदेश के 3700 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी के आसार बने हुए हैं.
आने वाले दिनों में पहाड़ी इलाको में बढ़ेगी ठंड
हालांकि, मैदानी और अन्य जिलों में मौसम शुष्क रहने की संभावना है. मौसम विभाग का कहना है कि आगामी दिनों की बात करें तो 19 दिसंबर तक प्रदेशभर में मौसम मुख्यतः शुष्क बना रह सकता है. बावजूद इसके, पहाड़ी इलाकों में तापमान में और गिरावट आने से ठंड का प्रकोप बढ़ने की आशंका जताई जा रही है. बदरीनाथ सहित ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बढ़ती ठंड और संभावित बर्फबारी को देखते हुए प्रशासन भी सतर्क नजर आ रहा है.