Bipin Rawat Death: उत्तराखंड में जन्मे देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत के पैतृक गांव के लोगों ने श्रद्धांजलि दी. पौड़ी जिले का सैंण गांव उनका पैतृक गांव है. हालांकि, उनके गांव में उनके चाचा का परिवार ही रहता है, बाकी आसपास के सब घर खाली हैं. जनरल बिपिन रावत का अपने गांव में आना जाना लगा रहता था. 2018 में थल सेना अध्यक्ष रहते हुए विपिन जनरल रावत अपने गांव पूजा के लिए पहुंचे थे. उनके साथ उनकी पत्नी मधुलिका भी पहुची थीं. उस दौरान उनका जोरदार स्वागत किया गया था.


बिपिन रावत का गांव सड़क से तकरीबन 2 किलोमीटर की दूरी पर है, जहां पगडंडियों के सहारे पहुंचा जाता है. रावत का सपना था कि वह अपने गांव में सड़क पहुंचाएं, जिसके लिए उन्होंने कई स्तर पर प्रयास किए. इसके साथ ही उनके बचपन की यादें इस गांव से जुड़ी हुई हैं. अपने पिता लक्ष्मण सिंह रावत के साथ वह अक्सर अपने गांव आया करते थे. उनके चाचा भरत सिंह रावत बताते हैं कि उनका सपना गांव में एक मकान बनाने का था, ताकि रिटायरमेंट के बाद जब भी उन्हें वक्त मिले तो वह अपने गांव आकर यहां सुकून के कुछ पल बिता सकें.


जनरल बिपिन रावत का सपना साकार करेंगे उनके चाचा


अब जनरल बिपिन रावत का सपना साकार उनके छोटे चाचा भरत रावत करेंगे, जो स्मृति के तौर पर एक मकान यहां बनाएंगे. फिलहाल उनके गांव में उनके चाचा का ही परिवार रहता है, जिसमें 5 सदस्य हैं. उनके गांव के बाकी मकान पूरी तरह से खाली हो चुके हैं और यहां से सभी लोग पलायन कर चुके हैं.


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