कौशांबी में चायल विधानसभा के पूर्व विधायक संजय कुमार गुप्ता एवं सपा के पूर्व चेयरमैन दंपति समेत सात लोगों के खिलाफ कूटरचित तरीके से मकान कब्जा करने के आरोप में रिपोर्ट दर्ज की गई है. महिला की शिकायत पर कोखराज पुलिस मुकदमा दर्ज करने के बाद मामले की छानबीन में जुट गई है. वहीं पूर्व विधायक संजय कुमार गुप्ता ने इसे विरोधियों की साजिश बताई है.
दरअसल, कोखराज थाना क्षेत्र के भरवारी कस्बा की रहने वाली राजदुलारी पत्नी उमाशंकर ने मुख्यमंत्री जनता दर्शन मे आरोप लगाया कि उनके पति की मौत बाद बीजेपी के चायल से पूर्व विधायक संजय गुप्ता, पूर्व चेयरमैन व प्रदेश सचिव कैलाश चंद्र केसरवानी, इनकी पत्नी पूर्व चेयरमैन सुनीता केसरवानी ने अपने राजनीतिक और प्रशासनिक प्रभाव के चलते नगर पालिका के अधिशाषी अधिकारी पर दबाव बनाकर उनके मकान पर विपक्षियों का नाम दर्ज करा दिया और मकान कर जबरन विपक्षियों को कब्जा करा दिया है.
महिला ने सीएम योगी से की शिकायत
महिला ने यह भी आरोप लगाया कि उच्च अधिकारियों से शिकायत के बावजूद नगर पालिका ईओ राम सिंह एवं नगर पालिका प्रशासन उन्हें RTI का जवाब नहीं दे रहा है, जिसकी शिकायत शासन से की गई थी, लेकिन सुनवाई नहीं हुई. इसके बाद पीड़िता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत की है.
क्या है महिला का आरोप?
महिला का आरोप है की पति उमाशंकर केशरवानी पुत्र स्व मोतीलाल केभारवानी व्यक्तिगत आय से वर्ष 1970 में भरवारी से एक जमीन नीलामी में खरीद कर उस पर तीन मंजिला भवन का निर्माण कराया. इसके अलावा सन् 1979 तथा 1990 में भी जमीन खरीद कर उस मकान बनवाया, जिसे बाद में आर्थिक तंगी के कारण उनके द्वारा विक्रय कर दिया गया. परन्तु सन् 1970 में ली गयी जमीन व उस बने मकान को विक्रय नहीं किया गया.
पीड़िता के ससुर मोतीलाल की पहली पत्नी कमला देवी का देहान्त होने के बाद उन्होंने दूसरा विवाह कुलझारा देवी से किया था. जिससे प्रार्थिनी के पति उमाशंकर केशरवानी सहित पाँच पुत्र तथा चार बेटी पैदा हुई हैं. पति उमाशंकर केशरवानी की भी मृत्यु 06.05.2004 को हो गई. पति की मृत्यु के बाद उसके निजी भवन जोकि व्यस्त बाजार के बीच में स्थित है पर सफेदपोश भू-माफिया तत्कालीन चेयरमैन कैलाश चन्द्र केशरवानी की नजर थी, परन्तु प्रार्थिनी के पति के जीवित रहते कुछ नहीं कर पा रहा था. उनकी मृत्यु के बाद उसने दिलीप, अजय, विजय व संजय को मिलाकर फर्जी कागजात तैयार कराकर प्रार्थिनी के पति की तीस वर्ष (30) पूर्व मृत्यु दिखाकर प्रार्थिनी के मकान पर कब्जा कर लिया.
उसकी गैर जानकारी में मकान पर प्रार्थिनी के पति के व्यक्तिगत धन से निर्मित मकान पर उन लोगों का नाम नगर पंचायत अध्यक्ष कैलाश चन्द्र केशरवानी द्वारा बिना अधिकार के 2005 में फर्जी तौर से दर्ज कर दिया. इसकी जानकारी होने पर जब इसका विरोध किया तो कैलाश चन्द्र केशरवानी द्वारा अपने आराजक साथियों से प्रार्थिनी एवं उसके बच्चों को पीटवा कर घर से बाहर निकाल दिया.
सीएम योगी के आदेश के बाद दर्ज हुआ मामला
मुख्यमंत्री के आदेश के बाद कोखराज थाना पुलिस ने देर रात भरवारी के पूर्व चेयरमैन कैलाश चंद्र केसरवानी, उनकी पत्नी पूर्व चेयरमैन सुनीता केसरवानी, पूर्व चेयरमैन भरवारी व पूर्व विधायक चायल संजय गुप्ता, दिलीप, अजय, विजय, संजय के खिलाफ BNS की धारा के तहत 318 (4), 337, 338, 329 (4), 336(3), 340(2), 115(2), 351(2)3(5) मुकदमा दर्ज किया गया है. मुकदमा दर्ज कर अब पुलिस जांच में जुट गई है.
पूर्व विधायक ने बताया विरोधियों की साजिश
बीजेपी चायल पूर्व विधायक संजय कुमार गुप्ता ने मुकदमा दर्ज होने के बाद कहा, "एक साजिश के तहत मेरे राजनीतिक विरोधियों ने बिना किसी आरोप के मेरा नाम एफआईआर में डाला गया है." पूर्व विधायक ने कहा कि मैं खुद इस FIR के खिलाफ और इसके खिलाफ Fir व मानहानि का मुकदमा दर्ज कराऊंगा, यह मेरे विरोधियों की एक सोची समझी राजनीतिक साजिश है."