उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में 29 जुलाई 2016 में NH-91 पर मां-बेटी के साथ गैंगरेप के चर्चित मामले में सोमवार (22 दिसंबर 2025) अदालत ने पांच आरोपियों आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.इसके साथ ही इन सबही पर एक लाख 81 हजार कर प्रत्येक पर जुर्माना भी लगाया है. एडीजे थर्ड पॉस्को ओम प्रकाश तृतीय ने आरोपियों को सज़ा सुनाई. 9 साल पुराने इस मामले में अब जाकर पीड़ित परिवार को इन्साफ मिला है.

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इस सनसनीखेज मामले में 11 लोगों को आरोपी बनाया गया था, जबकि मुख्य आरोपी सलीम बावरिया की पहले ही मौत हो चुकी है. दो को एसटीएफ ने मुठभेड़ में मार गिराया था. सीबीआई की तफ्तीश में तीन आरोपियों को निर्दोष माना गया और उनका नाम इस मुकदमे से अलग कर दिया गया था. कोर्ट ने कन्नौज निवासी जुबैर साजिद और फरुखाबाद के धर्मवीर,नरेश व सुनील को आजीवन कारावास की सजा सुनाई.

क्या था पूरा मामला ?

बता दें कि यह घटना 29 जुलाई 2016 की रात की है. उस वक़्त पीड़ित परिवार नोएडा से शाहजहांपुर जा रहा था. जब उनकी गाड़ी एनएच 91 पर पहुंची तो बदमाशों ने लोहे मक्की रॉड से उनकी गाड़ी रोकी और परिवार को बंधक बना लिया. छह सदस्यों को गन पॉइंट पर बंधक बनाकर जंगल की ओर ले जाया गया. वहां मां और नाबालिग बेटी के साथ बेरहमी से सामूहिक बलात्कार किया गया, जबकि बाकी सदस्यों को अलग रखकर लूटपाट की गई.

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इस वारदात ने पूरे देश को हिला दिया था. मामले में लापरवाही को देखते हुए तत्कालीन सरकार ने कई पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की थी. मामला सीबीआई के पास गया. सीबीआई ने छह आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी, लेकिन एक आरोपी की जेल में मौत हो चुकी है और दो अन्य एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं. बचे हुए पांच दोषियों पर आज सख्त सजा सुनाई गई.

कोर्ट ने इसे रेयर ऑफ़ द रेयर केस माना

कोर्ट ने पूरे मामले की सुनवाई और गवाहों को सुनने के बाद इस बेहद गंभीर और मानवता के खिलाफ केस माना. कोर्ट ने ऐसे अपराधियों को समाज से दूर रखने की सलाह दी. मामले में बचाव पक्ष ने इस फैसले पर निराशा जताई और हाईकोर्ट में अपील करने की बात कही है.