Sandeshkhali Violence: पश्चिम बंगाल के उत्तर परगना जिले के संदेशखाली में महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न एवं हिंसा की घटना का मामला अब तूल पकड़ चुका है. बीजेपी ने केंद्रीय मंत्रियों एवं सांसदों की 6 सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है. हालांकि इस प्रतिनिधि मंडल को पुलिस ने जाने से रोक दिया है. इसी बीच बीएसपी चीफ मायावती ने प्रतिक्रिया दी है.
मायावती ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा, 'पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में हाल ही में महिला उत्पीड़न आदि की उजागर हुई घटनाओं को लेकर वहाँ जारी तनाव व हिंसा अति चिन्तनीय. राज्य सरकार इस मामले में निष्पक्ष होकर दोषियों के खिलाफ सख़्त कानूनी कार्रवाई करे ताकि ऐसी घटनाओं की आगे यहाँ पुनरावृति ना हो सके.'
दोबारा धारा 144 लगाई गई
तनावग्रस्त संदेशखाली के 19 इलाकों में बुधवार से फिर से धारा 144 लागू कर दी गई है. कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता की एकल-न्यायाधीश पीठ द्वारा मंगलवार को लगभग पूरे संदेशखाली में धारा 144 लागू करने की प्रशासन की पिछली अधिसूचना को रद्द करने के ठीक एक दिन बाद दोबारा धारा 144 लगाई गई है.
न्यायमूर्ति सेनगुप्ता ने पिछली अधिसूचना को इस आधार पर रद्द कर दिया कि ऐसे निषेधात्मक आदेश केवल अशांत क्षेत्रों के रूप में पहचाने गए स्थानों पर जारी किए जा सकते हैं. अब उस आदेश से सबक लेते हुए प्रशासन ने संदेशखाली के 19 अलग-अलग इलाकों में धारा 144 लागू करते हुए नई अधिसूचना जारी की है.
पिछली अधिसूचना में संदेशखाली-I और संदेशखाली-II दोनों ब्लॉकों में धारा 144 लगाई गई थी. ताजा अधिसूचना में जिन 19 इलाकों में निषेधाज्ञा लागू की जाएगी, वे केवल संदेशखाली-II ब्लॉक में हैं. एनसीडब्ल्यू की एक टीम पहले ही संदेशखाली का दौरा कर चुकी है. कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अपूर्ब सिन्हा रॉय की एकल-न्यायाधीश पीठ ने संदेशखाली में हुए घटनाक्रम का स्वत: संज्ञान लिया था और दो अलग-अलग मामलों पर सुनवाई की मंजूरी दी थी.