Brij Bhushan Sharan Singh News: पहलवानों से शोषण के मामले में भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह को बड़ी राहत मिली है. उनके मामले में पॉस्को एक्ट हटा दिया गया है. अब उस पर उनके बेटों ने प्रतिक्रिया दी है.

बृजभूषण शरण सिंह के और सांसद करण भूषण सिंह ने कहा कि यह न्याय और सत्य की निर्णायक जीत है! सत्य परेशान हो सकता है, लेकिन पराजित नहीं. न्यायपालिका ज़िंदाबाद, नेताजी ज़िंदाबाद!

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वहीं बृजभभूषण सिंह के बेटे प्रतीक सिंह ने लिखा कि हमने एक झूठे और मनगढ़ंत मामले में न्यायिक विजय प्राप्त की है. प्रत्येक तथ्यहीन आरोप अब न्याय के कठघरे में धराशायी हो रहा है. यह सत्य की जीत है — और यह जीत आगे भी कायम रहेगी.

अदालत ने क्या कहा?बता दें दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को दिल्ली पुलिस की ‘क्लोजर रिपोर्ट’ स्वीकार कर ली जिसमें भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली एक पहलवान (जब वह अवयस्क थी)  द्वारा दायर मामले को रद्द करने की मांग की गई थी.  अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश गोमती मनोचा ने कहा, ‘‘मामले को रद्द करना स्वीकार किया गया.’’

चैंबर के भीतर एक अगस्त 2023 को कार्यवाही के दौरान, ‘नाबालिग’ ने न्यायाधीश से कहा था कि वह मामले में दिल्ली पुलिस की जांच से संतुष्ट है और ‘क्लोजर रिपोर्ट ’का विरोध नहीं करती है.  दिल्ली पुलिस ने 15 जून 2023 को लड़की से जुड़े मामले को रद्द करने की मांग करते हुए रिपोर्ट दायर की थी , जब उसके पिता ने जांच के बीच में चौंकाने वाला दावा किया कि उसने लड़की के साथ कथित अन्याय का बदला लेने के लिए बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न की झूठी शिकायत की थी.

पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के मामले को हटाने की सिफारिश की थी लेकिन छह महिला पहलवानों द्वारा दर्ज एक अलग मामले में उन पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था.  पुलिस ने नाबालिग पहलवान से जुड़ी शिकायत को रद्द करने की सिफारिश करते हुए कहा था कि कोई ठोस सबूत नहीं मिला. पॉक्सो अधिनियम में न्यूनतम तीन साल की कैद का प्रावधान है, जो इस बात पर निर्भर करता है कि मामला किस धारा के तहत दर्ज किया गया है.  पूर्व भाजपा सांसद बृजभूषण ने आरोपों से लगातार इनकार किया है.